दुर्ग : दुर्ग पुलिस ने तीन साल से चोरी की घटना के बाद फरार हो रहे गिरोह का पर्दाफाश किया है. आरोपी रिश्ते में जीजा और साला है.जो अपने साथियों के साथ मिलकर लगातार चोरी कर रहे थे. पिछले तीन साल में इस गिरोह ने 20 से अधिक चोरियां की है. इस गिरोह का मुख्य आरोपी ऑटो चालक है,जो दिन में सवारी ढोता और रात होते ही अपना असली काम शुरु करता.इस गिरोह के खिलाफ आठ थानों में चोरी के अलग-अलग मामले दर्ज हैं.पुलिस ने आरोपियों के पास से साढ़े 5 लाख का माल भी बरामद किया है.
पेट्रोलिंग टीम को मिली सफलता : दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला के मुताबिक दुर्ग जिले के पाटन ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के खेत से बिजली के तार चोरी हो रहे थे. चोरी का पैटर्न एक ही था. इसलिए पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों की टीमें गठित की. टीम लगातार रूही, बठेना, अरसनारा,आमापेन्ड्री, सांतरा, फुण्डा, पंदर, गुजरा और चीचा गांवों का गश्त कर रही थी.इस दौरान जिन खेतों में बिजली के तार लगाए गए थे,वहां टीमें ज्यादा सतर्क थी.27-28 फरवरी की रात को पुलिस की नजर सांतरा खार क्षेत्र में एक संदिग्ध ऑटो पर पड़ी.जिसमें दो व्यक्ति सवार थे.ऑटो के पीछे बिजली के तार और आरी ब्लेड थी.पुलिस ने तत्काल दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की.जिसमें दोनों ने अपना जुर्म कबूल किया.
कौन हैं आरोपी ? : पकड़े गए आरोपियों के नाम ईश्वर मानिकपुरी निवासी कुम्हारी और कमलेश सिन्हा निवासी मठपुरैना रायपुर हैं. पाटन थाने लाकर ईश्वरी और कमलेश से पूछताछ की गई. ईश्वरी ने बताया कि कमलेश उसका साला है. जो चोरी का सामान ऑटो में भरकर रायपुर में दीपक परपानी को देते थे.दीपक परपानी का नाम आने के बाद उसे रायपुर पुलिस की मदद से पकड़ा गया.दीपक परपानी ने पुलिस को बताया कि वो जीजा साला चोर गिरोह के मास्टरमाइंड ईश्वरी मानिकपुरी से चोरी का माल लेता था.इसके बाद कबाड़ी राकेश डागा को 120 रुपए के हिसाब से बेच देता था.आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में इस्तेमाल दो ऑटो, बिजली की तार, मोटरसाइकिल, आरी ब्लेड और नकदी 5 हजार बरामद की है.
![Death Of Bsp contract worker in Durg](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-02-2024/cg-drg-03-ilaaj-ke-dauran-majdur-ki-maut-photo-cgc10113_29022024091516_2902f_1709178316_75.jpg)
आग में झुलसे बीएसपी ठेका श्रमिक की मौत : भिलाई बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस 7 के एसजीपी बंकर में 1 जून 2022 को बड़ी दुर्घटना हुई थी.जिसमें ठेका श्रमिक परमेश्वर सिक्का बंकर में वेल्डिंग करते वक्त झुलस गया था. परमेश्वर अमन कंस्ट्रक्शन के लिए काम करता था. 80 फीसदी झुलसे ठेका श्रमिक परमेश्वर का इलाज सेक्टर 9 हॉस्पिटल में चला.जहां से उसे छुट्टी मिल गई थी.लेकिन परमेश्वर पूरी तरह से फिट नहीं हो सका.आखिरकार 20 माह के बाद परमेश्वर ने अपने घर में दम तोड़ दिया.परमेश्वर के साथियों ने अब उसकी पत्नी को बीएसपी में नौकरी देने की मांग की है. परमेश्वर के पिता और भाई की पहले ही मौत हो चुकी है. घर पर मां,पत्नी और 14 माह का बेटा है. जिनके सिर पर पिता का साया उठ चुका है.
कैसे हुई थी घटना ?: अमन कंस्ट्रक्शन के ठेका श्रमिक परमेश्वर एक्का और राहुल उपाध्याय घटना वाले दिन ब्लास्ट फर्नेस 7 के एसजीपी के बंकर में 13 मीटर नीचे वेल्डिंग का काम करने उतरे थे. दोनों ने जैसे ही वेल्डिंग करनी शुरु की.वैसे ही चैंबर में विस्फोट हुआ. आग चारों तरफ फैली जिसमें दोनों बुरी तरह से झुलस गए.राहुल उपाध्याय आग के कारण अपना सेफ्टी बेल्ट नहीं खोल सके,इसलिए मौके पर ही राहुल की मौत हो गई.परमेश्वर ने आग की लपटों के बीच अपना बेल्ट खोला और ऊपर आ गया.लेकिन परमेश्वर 80 फीसदी झुलस चुका था.जिसका इलाज सेक्टर नाइन हॉस्पिटल में पिछले डेढ़ साल से जारी था.लेकिन बीती रात परमेश्वर ने दम तोड़ दिया.