लखनऊ: इस बार 2024 का लोकसभा चुनाव कई मायने में अलग होगा. चुनावी रण में कई बड़े चेहरे नहीं नजर आएंगे. कई ऐसे धुरंधर जो चुनाव के दौरान चर्चा का केंद्र बिंदू रहते थे, इस बार परिदृश्य से गायब हैं. इनमें से कुछ अब जीवित नहीं हैं तो कई शख्सियतें ऐसी हैं, जो कि अभी जेल में हैं. इन नेताओं की बयानबाजी और जुमले चुनाव में नहीं सुनने को मिलेंगे. आइए नजर डालते हैं इन चेहरों पर.
मुलायम सिंह यादव
2024 के चुनावी मैदान में इस बार जो सबसे बड़ा चेहरा नहीं दिखेगा वह समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का है. मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. इसके साथ ही वह कई बार मैनपुरी से सांसद भी निर्वाचित हुए. मुलायम सिंह यादव संभल, कन्नौज, आजमगढ़ लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ चुके थे. यूपी से वह सात बार संसद सदस्य बने. जबकि मैनपुरी से वह पांच बार संसद सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए थे. हर चुनाव में मुलायम सिंह के रुख पर लोगों की नजर रहती थी और उनके बयान सुर्खियां बना करते थे. पक्ष हो या विपक्ष, मुलायम सिंह यूपी की राजनीति की धुरी बनकर रहते थे. अक्टूबर 2022 में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। उनके निधन के बाद मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव मैदान में हैं.
चौधरी अजीत सिंह
पश्चिम उत्तर प्रदेश के बड़े जाट नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजीत सिंह भी 2024 के लोकसभा चुनाव में नजर नहीं आएंगे. चौधरी अजीत सिंह पश्चिम उत्तर प्रदेश की बागपत सीट से 6 बार सांसद निर्वाचित हुए थे. मनमोहन, अटल बिहारी वाजपेई व वीपी सिंह सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी उन्होंने जन सेवा की. साल 2021 में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया. चौधरी जयंत पिता अजीत सिंह के निधन के बाद राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वह राज्यसभा सदस्य के रूप में अपनी राजनीति कर रहे हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में घटक दल के रूप में चुनाव लड़ रहा है.
मोहम्मद आजम खान
पश्चिम उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरे मोहम्मद आजम खान भी 2024 के लोकसभा चुनाव में नजर नहीं आएंगे. न तो वह चुनाव लड़ते हुए चुनाव मैदान में देखेंगे और न ही सपा के पक्ष में चुनाव प्रचार कर पाएंगे. रामपुर विधानसभा व लोकसभा सीट से निर्वाचित होते रहे मोहम्मद आजम खान कई मुकदमों में आरोपी होने और सजायाफ्ता होने की वजह से पिछले करीब 2 वर्ष से जेल में बंद हैं. उनकी सदस्यता भी समाप्त हो चुकी है. 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने आजम के गढ़ रामपुर से मोहिबुल्लाह नदवी को उम्मीदवार घोषित किया है. आजम अपने चाहते असीम राजा को चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अखिलेश ने रामपुर सीट पर मोहिबुल्लाह नदवी को चुनाव मैदान में उतारा है, जिससे आजम खान नाराज भी बताए जा रहे हैं.
माफिया मुख्तार अंसारी
मऊ से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर 1996 में पहली बार विधायक निर्वाचित होने वाला माफिया मुख्तार अंसारी भी इस चुनाव में नहीं नजर आएगा. पिछले दिनों बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो चुकी है. पिछले कई वर्षों से वह कई आपराधिक मुकदमों में आरोपी और सजायाफ्ता होने की वजह से जेल में बंद था. मऊ, गाजीपुर के आसपास माफिया मुख्तार अंसारी का काफी दबदबा था और दो-तीन सीटें भी वह प्रभावित करने की क्षमता रखता था. 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उसका आतंक कम होने लगा.
धनंजय सिहं
इसी प्रकार जौनपुर से लोकसभा सदस्य रहे बाहुबली धनंजय सिंह भी इस चुनाव में नजर नहीं आएगा. करीब 1 महीने पहले अपहरण और फिरौती के मामले में धनंजय को जेल भेजा गया है. वह जौनपुर से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहा था, लेकिन इसी बीच अदालत ने जेल भेजने का फैसला सुना दिया. चर्चा है कि धनंजय सिंह अपनी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला रेड्डी को चुनाव मैदान में उतार सकता है.
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