जयपुर. टोक्यो में आयोजित हुए पैरा ओलंपिक खेलों में राजस्थान के पैरा खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और मेडल अपने नाम किए. राजस्थान की अवनी लेखरा, देवेन्द्र झाझड़िया और सुंदर गुर्जर ने पैरा ओलंपिक खेलों में शानदार खेल दिखाया. इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी इन खिलाड़ियों समेत कई अन्य खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राजस्थान का नाम रोशन किया है, लेकिन आज भी राजस्थान के पैरा खिलाड़ियों के लिए कोई अलग से एकेडमी राज्य सरकार की ओर से संचालित नहीं की जा रही है. हालांकि, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में पैरा खिलाड़ियों के लिए एकेडमी खोलने की घोषणा की थी, लेकिन आज भी खिलाड़ियों को या तो प्राइवेट या फिर राजस्थान से बाहर जाकर अभ्यास करना पड़ रहा है. ऐसे में खेल से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी राजस्थान के पैरा खिलाड़ी सरकार से आस लगाए बैठे हैं.
20 करोड़ की घोषणा : पिछ्ली कांग्रेस सरकार ने अपनी बजट घोषणा में राजस्थान के पैरा खिलाड़ियों के लिए 20 करोड़ की लागत से एकेडमी खोलने की घोषणा की थी, लेकिन इसे लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा सका है. राजस्थान के पैरा एथलीट संदीप सिंह का कहना है कि राजस्थान के पैरा खिलाड़ियों को एकेडमी की सख्त आवश्यकता है. इसे लेकर घोषणा तो हुई, लेकिन आज भी एकेडमी धरातल पर नहीं उतर पाई है. सरकार इस पर ध्यान दे तो राजस्थान से कई पैरा खिलाड़ी देश -विदेश में राजस्थान का नाम रोशन कर सकते हैं.
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कोचिंग की नहीं है सुविधा : संदीप सिंह ने कहा कि राजस्थान में पैरा खिलाड़ियों के लिए एकेडमी नहीं होने के कारण उन्हें प्राइवेट खेल मैदानों का रुख करना पड़ता है. ऐसे में जो सक्षम खिलाड़ी हैं, वो यह खर्च वहन कर सकते हैं, लेकिन गरीब खिलाड़ी प्राइवेट खेल मैदानों का खर्चा वहन नहीं कर सकते. साथ ही कोचिंग के लिए भी काफी पैसों की आवश्यकता होती है. ऐसे में यदि सरकार अपने स्तर पर एकेडमी का संचालन करें तो खिलाड़ियों को कोचिंग की सुविधा भी मिल सकती है.