नई दिल्ली: ईद-उल-फितर को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन अल्लाह को शुक्रिया अदा करने का अहम दिन है. ईद को मुस्लिम समाज के लोग धूमधाम के साथ मनाते हैं. इस दिन इस्लाम धर्म को मानने वाला हर व्यक्ति नए कपड़े पहनना पसंद करता है. इसलिए महिलाएं कई दिनों पहले से शॉपिंग करनी शुरू कर देती हैं. इन दिनों जामा मस्जिद के सामने स्थित मीना बाजार में नए सामान खरीदने वालों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.
मुस्लिम महिलाएं सूट सलवार पहनना ज्यादा पसंद करती हैं. सूट सलवार की न्यू फैशन ट्रेंडिंग के लिए मीना बाजार देशभर में मशहूर है. इस बाजार में कुल 633 दुकानें हैं, जिनकी दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा अलॉट की गई है. कई वर्षों से डिज़ाइनर सूट की सेल करने वाले स्वाद खान ने बताया कि इस बार ईद पर महिलाओं ने सबसे ज्यादा 'जिम्मी' कपड़े के सूट खरीदे हैं. यह कपड़ा देखने में सिल्क जैसा होता है. थोक बिक्री में एक सूट पीस की कीमत 2000 रुपए है. वहीं, रिटेल में एक सूट पीस की कीमत 3500 रुपए है.
स्वाद खान ने आगे बताया कि ईद आने में महज़ कुछ दिन बचे हैं. इसलिए अब सबसे ज्यादा रेडीमेड कपड़ों की डिमांड है. ऐसे में पाकिस्तानी सूती के डिमांड और भी बढ़ सकती है. इसके अलावा हेवी पैटर्न में रेडिमेड शरारा और गरारा सूट भी डिमांड में है. होलसेल में इसकी कीमत 1500 रुपए से शुरू है. दुकान पर हर कीमत के सूट उपलब्ध हैं. इनकी शुरुआती कीमत 500 रुपए है, जो 7000 तक जाती है.
खान ने बताया कि रमजान के लिए विशेष तैयारी की जाती है. कोशिश होती है कि ग्राहकों को उनकी पसंद का सूट मिल सके. वहीं, अन्य सूट विक्रेता गुलज़ार अंसारी ने बताया कि इस बार ईद पर महिलाओं ने कॉटन और जॉर्जट कपड़े के सूट पीस खरीदे हैं. इसके अलावा बैंकॉक के नाम से भी सूट आइटम खूब सेल हुए हैं. इसकी कीमत 3000 रुपए है. वहीं, बादशाह नाम का एक अन्य सूट पीस भी डिमांड में रहा.
मीना बाजार का इतिहास: मीना बाजार की शुरुआत मुगल बादशाह अकबर ने की थी. मीना बाजार शाहजहां के शासन के दौरान मुकरमत खान द्वारा डिजाइन किया गया था. दिल्ली की तेज गर्मी से बचने के लिए इस बाजार को 17वीं शताब्दी में बनाया गया था. इस दौरान इसे 'बाजार-ए-मुसक्काफ' के नाम से जाना जाता था. जिसका अर्थ था, 'छत वाला बाजार' या छत्ता-बाजार. यह शाही परिवार के लिए एक लक्जरी बाजार था, जिसमें कई यूनीक सामान हुआ करते थे जैसे कालीन, शतावरी, केसर, मसाले, कीमती पत्थर, तांबे के बर्तन, पीतल, बढ़िया लकड़ी, हाथीदांत का काम और ज्वेलरी आदि.
फैशन शॉपकीपर एसोसिएशन मीना बाजार के जनरल सेक्टरी सलीम अहमद खान ने बताया कि पहले यह बाजार जामा मस्जिद के चारों तरफ फैला था. जैसे जैसे आबादी बढ़ी बाजार में और मस्जिद के आसपास गंदगी पड़ने लगी. पहले यहां 250 के करीब दुकानें थी, लेकिन बाद में दिल्ली विकास प्राधिकरण में 633 दुकानों को अलॉट किया. मीना बाजार में हर जरूरत का सामान मिलता है.
कैसे पहुंचे?: अगर आप भी मीना बाजार से शॉपिंग करना चाहते हैं तो दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन से यात्रा कर जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन जा सकते हैं. इसके गेट नंबर 2 और 4 मीना बाजार की और एग्जिट होता है. इसके अलावा DTC में यात्रा कर के भी मीना बाजार पहुंच सकते हैं.