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पूर्व विधायक को सुप्रीम कोर्ट से राहत, हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक - Stay on High Court order

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 22, 2024, 3:21 PM IST

राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत को खारिज कर एक महीने के अंदर सरेंडर करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने बाड़ी विद्युत निगम के सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ की गई मारपीट के मामले में पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत को रद्द कर एक महीने के अंदर सरेंडर करने के आदेश दिए थे.

मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से राहत
मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से राहत (ETV Bharat File Photo)
गिर्राज सिंह मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से राहत (ETV Bharat Dholpur)

धौलपुर : बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा पूर्व विधायक की जमानत को खारिज कर एक महीने के अंदर सरेंडर करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. पूर्व विधायक को जमानत की स्टे मिलने के बाद उनके समर्थकों में खुशी देखी जा रही है.

राजस्थान हाईकोर्ट की एकल पीठ के जस्टिस फरजंद अली ने बाड़ी विद्युत निगम के सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ की गई मारपीट के मामले में पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत को रद्द कर एक महीने के अंदर सरेंडर करने के आदेश दिए थे. जमानत रद्द हो जाने के बाद पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आदित्य मिश्रा ने बताया सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक की याचिका को स्वीकार करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट की एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के समर्थकों में भारी खुशी देखी जा रही है.

इसे भी पढ़ें- बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के मामले में पूर्व विधायक मलिंगा को मिली जमानत रद्द - bail of ex MLA Malinga cancelled

बता दें कि सहायक अभियंता हर्षाधिपति ने राजस्थान हाईकोर्ट में पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत को खारिज करने के लिए रिट दायर की थी. रिट में आरोप था कि पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने जमानत मिलने के बाद जुलूस निकाला था. बाड़ी में सभा कर पीड़ित को डराने धमकाने का भी प्रयास किया था. सहायक अभियंता हर्षाधिपति की अपील में आरोप था कि पूर्व विधायक ने झूठ बोलकर एवं अदालत को गुमराह कर जमानत हासिल की थी.

यह है मामला पूरा मामला : 28 मार्च 2022 को बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय में सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ भीड़ द्वारा मारपीट की गई थी. सहायक अभियंता द्वारा तत्कालीन समय के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर मारपीट करने के आरोप लगाए थे. कुछ समय के पश्चात सीआईडी सीबी ने विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को सीएम हाउस से हिरासत में लेकर गिरफ्तार किया था. पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को निचली अदालत ने जेल भेज दिया था, लेकिन हाईकोर्ट द्वारा गिराज सिंह मलिंगा को बेल दी गई थी. सहायक अभियंता की याचिका पर ही हाईकोर्ट ने पूर्व विधायकों को सरेंडर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है.

गिर्राज सिंह मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से राहत (ETV Bharat Dholpur)

धौलपुर : बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा पूर्व विधायक की जमानत को खारिज कर एक महीने के अंदर सरेंडर करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. पूर्व विधायक को जमानत की स्टे मिलने के बाद उनके समर्थकों में खुशी देखी जा रही है.

राजस्थान हाईकोर्ट की एकल पीठ के जस्टिस फरजंद अली ने बाड़ी विद्युत निगम के सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ की गई मारपीट के मामले में पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत को रद्द कर एक महीने के अंदर सरेंडर करने के आदेश दिए थे. जमानत रद्द हो जाने के बाद पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आदित्य मिश्रा ने बताया सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक की याचिका को स्वीकार करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट की एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के समर्थकों में भारी खुशी देखी जा रही है.

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बता दें कि सहायक अभियंता हर्षाधिपति ने राजस्थान हाईकोर्ट में पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत को खारिज करने के लिए रिट दायर की थी. रिट में आरोप था कि पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने जमानत मिलने के बाद जुलूस निकाला था. बाड़ी में सभा कर पीड़ित को डराने धमकाने का भी प्रयास किया था. सहायक अभियंता हर्षाधिपति की अपील में आरोप था कि पूर्व विधायक ने झूठ बोलकर एवं अदालत को गुमराह कर जमानत हासिल की थी.

यह है मामला पूरा मामला : 28 मार्च 2022 को बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय में सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ भीड़ द्वारा मारपीट की गई थी. सहायक अभियंता द्वारा तत्कालीन समय के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर मारपीट करने के आरोप लगाए थे. कुछ समय के पश्चात सीआईडी सीबी ने विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को सीएम हाउस से हिरासत में लेकर गिरफ्तार किया था. पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को निचली अदालत ने जेल भेज दिया था, लेकिन हाईकोर्ट द्वारा गिराज सिंह मलिंगा को बेल दी गई थी. सहायक अभियंता की याचिका पर ही हाईकोर्ट ने पूर्व विधायकों को सरेंडर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है.

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