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नियमों के तहत भर्ती प्रक्रिया पूरी करें, अन्यथा भर्ती प्रक्रिया होगी रद्द-हाईकोर्ट - RESULT RELEASED AGAIN

हाईकोर्ट ने जूनियर साइंटिफिक ऑफिसर और जूनियर एनवायरमेंट इंजीनियर के परिणाम को फिर से जारी करने को लेकर आरएसपीसीबी और आईबीपीएस को निर्देश दिए हैं.

भर्ती प्रक्रिया पूरी करें
भर्ती प्रक्रिया पूरी करें (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 23, 2024, 7:56 AM IST

Updated : Dec 23, 2024, 9:28 AM IST

जयपुर. जूनियर साइंटिफिक ऑफिसर (JSO) और जूनियर एनवायरमेंट इंजीनियर(JEE) का परिणाम फिर से जारी होगा. हाईकोर्ट ने इसे लेकर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन को निर्देश जारी किए हैं. जस्टिस समीर जैन की अदालत ने नरपत सुरेला, महेन्द्र जाखड़ सहित अन्य की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए यह फैसला सुनाया है. अदालत ने कहा कि आरएसपीसीबी और आईबीपीएस दो माह में हाई कोर्ट के मानकों और कानून के तहत भर्ती प्रक्रिया को पूरा करे. अन्यथा पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही रद्द कर देगी. इसके साथ ही कोर्ट इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया है कि राज्य सरकार आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से भर्ती करती है, लेकिन आरएसपीसीबी में आईबीपीएस से भर्ती क्यों करवाई गई.

अदालत ने कहा कि भर्ती एजेंसी आसंर-की जारी करे, उसके बाद अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगे. उन आपत्तियों को एक्सपर्ट कमेटी से निस्तारित करवाए. उसके बाद फाइनल आंसर-की जारी करते हुए चयनित अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी करे. इस चयन प्रक्रिया में अगर याचिकाकर्ता चयनित होते है तो उन्हें नियुक्ति दे. कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो अभ्यर्थी पहले चयनित हो गए हैं. अगर वो चयन प्रक्रिया से बाहर होते हैं तो उनसे किसी तरह की रिकवरी नहीं होगी. वहीं जब तक पुनः परिणाम जारी करके भर्ती प्रक्रिया को पूरा नहीं कर लिया जाता है, तब तक चयनित अभ्यर्थियों को नियमित नहीं किया जाएगा.

पढ़ें: कट ऑफ से ज्यादा अंक वाले अभ्यर्थी को अंतिम वरीयता सूची में शामिल करें : हाईकोर्ट

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता राम प्रताप सैनी व अन्य ने बताया कि आईबीपीएस ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य विभागों के विभिन्न पदों के लिए 5 अक्टूबर 2023 को विज्ञप्ति जारी की थी. भर्तियों के लिए 9 जनवरी 2024 को ऑनलाइन एग्जाम लिया गया. वहीं 22 फरवरी से 24 फरवरी के बीच चयनित अभ्यर्थियों की प्रोविजनल लिस्ट डॉक्यूमेट वैरिफिकेशन के लिए जारी कर दी. चयन से वंचित रहने वाले याचिकाकर्ताओं ने यह कहते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उन्हें एग्जाम के बाद प्रश्नपत्र, ओएमआर शीट नहीं दी गई. इसके साथ ही एजेंसी ने कोई आंसर-की भी जारी नहीं की. पूरी भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई है. वहीं पारदर्शिता भी नहीं रखी गई.

जयपुर. जूनियर साइंटिफिक ऑफिसर (JSO) और जूनियर एनवायरमेंट इंजीनियर(JEE) का परिणाम फिर से जारी होगा. हाईकोर्ट ने इसे लेकर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन को निर्देश जारी किए हैं. जस्टिस समीर जैन की अदालत ने नरपत सुरेला, महेन्द्र जाखड़ सहित अन्य की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए यह फैसला सुनाया है. अदालत ने कहा कि आरएसपीसीबी और आईबीपीएस दो माह में हाई कोर्ट के मानकों और कानून के तहत भर्ती प्रक्रिया को पूरा करे. अन्यथा पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही रद्द कर देगी. इसके साथ ही कोर्ट इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया है कि राज्य सरकार आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से भर्ती करती है, लेकिन आरएसपीसीबी में आईबीपीएस से भर्ती क्यों करवाई गई.

अदालत ने कहा कि भर्ती एजेंसी आसंर-की जारी करे, उसके बाद अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगे. उन आपत्तियों को एक्सपर्ट कमेटी से निस्तारित करवाए. उसके बाद फाइनल आंसर-की जारी करते हुए चयनित अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी करे. इस चयन प्रक्रिया में अगर याचिकाकर्ता चयनित होते है तो उन्हें नियुक्ति दे. कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो अभ्यर्थी पहले चयनित हो गए हैं. अगर वो चयन प्रक्रिया से बाहर होते हैं तो उनसे किसी तरह की रिकवरी नहीं होगी. वहीं जब तक पुनः परिणाम जारी करके भर्ती प्रक्रिया को पूरा नहीं कर लिया जाता है, तब तक चयनित अभ्यर्थियों को नियमित नहीं किया जाएगा.

पढ़ें: कट ऑफ से ज्यादा अंक वाले अभ्यर्थी को अंतिम वरीयता सूची में शामिल करें : हाईकोर्ट

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता राम प्रताप सैनी व अन्य ने बताया कि आईबीपीएस ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य विभागों के विभिन्न पदों के लिए 5 अक्टूबर 2023 को विज्ञप्ति जारी की थी. भर्तियों के लिए 9 जनवरी 2024 को ऑनलाइन एग्जाम लिया गया. वहीं 22 फरवरी से 24 फरवरी के बीच चयनित अभ्यर्थियों की प्रोविजनल लिस्ट डॉक्यूमेट वैरिफिकेशन के लिए जारी कर दी. चयन से वंचित रहने वाले याचिकाकर्ताओं ने यह कहते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उन्हें एग्जाम के बाद प्रश्नपत्र, ओएमआर शीट नहीं दी गई. इसके साथ ही एजेंसी ने कोई आंसर-की भी जारी नहीं की. पूरी भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई है. वहीं पारदर्शिता भी नहीं रखी गई.

Last Updated : Dec 23, 2024, 9:28 AM IST
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