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शिक्षकों पर अंकुश की तैयारी, ट्यूशन पढ़ाने पर होगी सख्त कार्रवाई - BAN ON TUITION IN RAJASTHAN

राजस्थान सरकार ने शिक्षकों के ट्यूशन पढ़ाने पर रोक लगा दी है. शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.

Ban on tuition in Rajasthan
सरकार ने शिक्षकों के ट्यूशन पढ़ाने पर रोक लगा दी है. (ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 6 hours ago

बीकानेरः प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को अब ट्यूशन पढ़ाने पर सख्त कार्रवाई करने का सामना करना पड़ सकता है. सरकार की ओर से जारी निर्देशों के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सरकारी शिक्षकों के ट्यूशन पढाने पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं.

माध्ममिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक 10 वीं में गणित, विज्ञान अंग्रेजी और कक्षा 12 की विज्ञान और कॉमर्स के अलग-अलग संकाय में विद्यार्थियों की ट्यूशन लेने वाले और कोचिंग सेंटर में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर विभाग की नजर रहेगी.

पढ़ेंः अधिशेष शिक्षकों के समायोजन की पोस्टिंग में शिकायत, एक क्म्व् एपीओ, कमेटी गठित - शिक्षा विभाग

सिलेबस पर फोकस रहेगाः इधर, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने एक आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि सभी विषयों का पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो इसको लेकर शिक्षकों के साथ संस्था प्रधान हर महीने रिपोर्ट लेकर जानकारी लेंगे और इसमें किसी प्रकार की कोताही होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

दो बच्चों को पढ़ाने की इजाजतः आदेशों में शिक्षकों को उच्च माध्यमिक कक्षा में दो और प्रारंभिक कक्षा में तीन बच्चों को पढ़ाने की छूट ट्यूशन के रूप में दी गई है, लेकिन इसके लिए भी संस्था प्रधान से अनुमति लेनी होगी, यदि स्कूल में शिक्षक की ओर से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा होगा तो उसकी अनुमति भी रद्द कर दी जाएगी.

जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंगः शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की ट्यूशन प्रवृत्ति पर नजर रखने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को पाबंद किया है. इस संबंध में जारी निर्देशों में कहा गया है कि संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी स्कूलों में समय-समय पर निरीक्षण करते हुए शिक्षकों और छात्र-छात्राओं से संवाद करेंगे और इसकी जानकारी लेंगे कि कहीं कोई शिक्षक ट्यूशन तो नहीं पढ़ा रहा, यदि ऐसी कोई गड़बड़ी पाई जाए तो इसकी सूचना उच्च स्तर पर करेंगे.

परिणाम और साख बचाने की कोशिशः दरअसल, सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों विशेषकर 10 वीं और 12 वीं के अंग्रेजी, गणित और विज्ञान जैसे विषयों के शिक्षकों को लेकर विभाग के पास ट्यूशन पढ़ने और कोचिंग सेंटर में पढ़ाने को लेकर शिकायत मिलती रहती है. इस शिकायतों में कहा जाता है कि शिक्षक ट्यूशन पढ़ाने के चक्कर में स्कूल में पढ़ाई नहीं करवा पाता. इसके बाद ही सरकार ने ट्यूशन पर रोक संबंधी निर्देश जारी किए हैं, ताकि सरकारी स्कूलों का परिणाम बेहतर हो और निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों की साख् भी कायम रहे.

बीकानेरः प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को अब ट्यूशन पढ़ाने पर सख्त कार्रवाई करने का सामना करना पड़ सकता है. सरकार की ओर से जारी निर्देशों के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सरकारी शिक्षकों के ट्यूशन पढाने पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं.

माध्ममिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक 10 वीं में गणित, विज्ञान अंग्रेजी और कक्षा 12 की विज्ञान और कॉमर्स के अलग-अलग संकाय में विद्यार्थियों की ट्यूशन लेने वाले और कोचिंग सेंटर में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर विभाग की नजर रहेगी.

पढ़ेंः अधिशेष शिक्षकों के समायोजन की पोस्टिंग में शिकायत, एक क्म्व् एपीओ, कमेटी गठित - शिक्षा विभाग

सिलेबस पर फोकस रहेगाः इधर, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने एक आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि सभी विषयों का पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो इसको लेकर शिक्षकों के साथ संस्था प्रधान हर महीने रिपोर्ट लेकर जानकारी लेंगे और इसमें किसी प्रकार की कोताही होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

दो बच्चों को पढ़ाने की इजाजतः आदेशों में शिक्षकों को उच्च माध्यमिक कक्षा में दो और प्रारंभिक कक्षा में तीन बच्चों को पढ़ाने की छूट ट्यूशन के रूप में दी गई है, लेकिन इसके लिए भी संस्था प्रधान से अनुमति लेनी होगी, यदि स्कूल में शिक्षक की ओर से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा होगा तो उसकी अनुमति भी रद्द कर दी जाएगी.

जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंगः शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की ट्यूशन प्रवृत्ति पर नजर रखने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को पाबंद किया है. इस संबंध में जारी निर्देशों में कहा गया है कि संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी स्कूलों में समय-समय पर निरीक्षण करते हुए शिक्षकों और छात्र-छात्राओं से संवाद करेंगे और इसकी जानकारी लेंगे कि कहीं कोई शिक्षक ट्यूशन तो नहीं पढ़ा रहा, यदि ऐसी कोई गड़बड़ी पाई जाए तो इसकी सूचना उच्च स्तर पर करेंगे.

परिणाम और साख बचाने की कोशिशः दरअसल, सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों विशेषकर 10 वीं और 12 वीं के अंग्रेजी, गणित और विज्ञान जैसे विषयों के शिक्षकों को लेकर विभाग के पास ट्यूशन पढ़ने और कोचिंग सेंटर में पढ़ाने को लेकर शिकायत मिलती रहती है. इस शिकायतों में कहा जाता है कि शिक्षक ट्यूशन पढ़ाने के चक्कर में स्कूल में पढ़ाई नहीं करवा पाता. इसके बाद ही सरकार ने ट्यूशन पर रोक संबंधी निर्देश जारी किए हैं, ताकि सरकारी स्कूलों का परिणाम बेहतर हो और निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों की साख् भी कायम रहे.

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