धौलपुर. जिला कारागार के कैदियों को समाज की मुख्य धारा और रोजगार से जोड़ने के लिए आरएसआरडीसी के माध्यम से 120 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें कैदियों को विशेष पकवान, मिठाई, व्यंजन एवं फास्ट फूड बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. जेल उपाधीक्षक राम अवतार शर्मा ने बताया कि इस ट्रेनिंग से कैदी जेल से छूटने के बाद समाज की मुख्य धारा से जुड़कर खुद का रोजगार शुरू कर जीवन यापन कर सकेंगे.
जेल उपाधीक्षक ने बताया कि आरएसआरडीसी के माध्यम से जिला कारागार में बंद कैदियों को 120 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कैदियों को मिठाई, पकवान, खाना, व्यंजन एवं फास्ट फूड बनाने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग के लिए 30-30 कैदियों के ग्रुप बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण टीम की ओर से जिला कारागार के अंदर ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण शिविर में कैदी पूरे मनोयोग के साथ भाग ले रहे हैं. 120 दिन तक चलने वाले प्रशिक्षण शिविर में खाना बनाने की बारीकियां कैदियों को सिखाई जा रही हैं.
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अपराध को करेंगे तौबा : जेल उपाधीक्षक ने कहा कि हुनर हासिल होने के बाद कैदी अपराध को तौबा कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ेंगे एवं खुद का रोजगार भी सृजित कर सकेंगे. जीवन यापन करने के लिए कैदियों के पास जब खुद का रोजगार होगा, तो अपराध से भी तौबा कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि धौलपुर जिला कारागार में करीब 400 कैदी बंद है. सभी कैदियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. कुछ हार्डकोर अपराधी भी प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे है.