बूंदी. जिले की पॉक्सो कोर्ट क्रम संख्या दो के न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने नाबालिगों के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में निर्णय सुनाते हुए दो आरोपियों को 20 -20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही प्रत्येक को 1,10,000 रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है.
विशिष्ट लोक अभियोजक महावीर प्रसाद मेघवाल ने बताया कि मामले में आरोपी रामहेत और प्रधान को दो नाबालिगों के साथ दुष्कर्म करने का दोषी मानते हुए न्यायालय ने दोनों आरोपियों को बीस -बीस वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है. पीड़िताओं के पिता ने करवर थाने में 15 अप्रैल 2023 को एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें उन्होंने बताया कि दिनांक 14 अप्रैल 2023 को "मैं और मेरी पत्नी ससुराल गए थे. रात को जब वापस घर पर आए, तो हमें हमारे घर पर छत में बने हुए कमरे से दो लड़के भागते हुए नजर आए. बेटी व भतीजी से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि रामहेत व प्रधान दोनों ने जबरदस्ती घर में घुसकर हमारे साथ दुष्कर्म किया और चिल्लाने पर जान से मारने की धमकी दी."
21 गवाह किए पेश : रिपोर्ट पर थाना करवर ने अनुसंधान के बाद अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने शुक्रवार को निर्णय सुनाते हुए दोनों आरोपियों को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास और दोनों को 1.10 लाख के अर्थ दंड की सजा से दंडित किया है. अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक महावीर प्रसाद मेघवाल ने 21 गवाह और 45 दस्तावेज पेश किए.