नई दिल्ली: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा कावड़ यात्रा के रूट पर संचालित होने वाली दुकानों के बाहर उसके मालिक का नाम लिखने के आदेश पर सियासत गरमाई हुई है. जहां एक तरफ कुछ नेता इसे सही बता रहे हैं,वहीं कुछ इसको लेकर योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इस मामले को लेकर कल्कि पीठाधीश्वर और पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि हर धर्म कहता है कि सच बोलो. कोई भी धर्म छल फरेब करने, धोखा देने या झूठ बोलने को नहीं कहता है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि कांवड़ियों के साथ फरेब क्यों करना चाहते हैं? क्यों अपनी पहचान छुपाना चाहते हैं ? रेल हवाई जहाज के सफर से लेकर सामान खरीदने तक अपनी आइडेंटिटी दिखानी पड़ती है. कावड़ लाना तपस्या समान है. ऐसे में कांवड़ियों की श्रद्धा, विश्वास और आस्था का सम्मान होना चाहिए. आप कांवड़ियों से क्यों झूठ बोलना चाहते हैं. जब कोई धर्म चोरी करने को नहीं कहता तो आप नाम छुपाने की चोरी क्यों करना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष जो आज इस मामले को लेकर लगातार चिल्ला रहा है, यह तो खुद जातियों के नाम पर जनगणना कराने की बात करते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया गए फैसला कानून के नजरिए से ठीक है. मैं इस फैसले की सराहना करता हूं.
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समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने हाल ही में एक ट्वीट कर लिखा था, "मानसून ऑफर: सौ लाओ, सरकार बनाओ. सपा मुखिया की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए आचार्य प्रमोद कृष्ण ने कहा अखिलेश यादव कहते हैं कि बीजेपी सरकारी गिराती है, भाजपा द्वारा ऑपरेशन लोटस चलाया जाता है. पहली बार सुनने में मिल रहा है कि अखिलेश यादव कोई नया ऑपरेशन चला रहे हैं. पता नहीं अखिलेश यादव के पास ऐसा कौन सा रहस्य है कि 100 विधायक लाने पर सरकार बना देंगे. अखिलेश यादव को अपना मॉडल बताना चाहिए और अपनी पार्टी के विधायकों पर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए.
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