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IIT BHU में तैयार होगा देश का पहला बॉयो मेडिकल डिवाइस सेंटर, एक छत के नीचे तैयार होंगे कई मेडिकल इक्विपमेंट - VARANASI NEWS

वाराणसी में आईआईटी बीएचयू में देश का पहला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मेडिकल डिवाइस (IIT BHU in varanasi) स्थापित किया जाएगा. सेंटर में मेडिकल से जुड़ी हुई तमाम तरीके की डिवाइस व इक्विपमेंट तैयार होंगे.

IIT BHU में तैयार होगा देश का पहला बायो मेडिकल डिवाइस सेंटर
IIT BHU में तैयार होगा देश का पहला बायो मेडिकल डिवाइस सेंटर (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 3, 2024, 8:36 AM IST

IIT BHU में तैयार होगा देश का पहला बायो मेडिकल डिवाइस सेंटर (Video credit: ETV Bharat)

वाराणसी : जिले के आईआईटी बीएचयू में देश का पहला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मेडिकल डिवाइस स्थापित होने जा रहा है. जहां एक छत के नीचे मेडिकल से जुड़ी हुई तमाम तरीके की डिवाइस व इक्विपमेंट को तैयार किया जाएगा. बड़ी बात यह है कि इसमें आईआईटी की मदद आईएमएस BHU भी करेगा. इसको लेकर के बाकायदा प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है और इस पर आईआईटी BHU आगे भी बढ़ रहा है.


बता दें कि, आईआईटी बीएचयू में पहले से ही डीआरडीओ की डिफेंस को लेकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है. जहां डिफेंस मिनिस्ट्री के साथ मिलकर के IIT BHU नए सॉफ्टवेयर पर भी काम कर रहा है जो डिफेंस में काम आ रहे हैं. इसके साथ ही यहां पर इलेक्ट्रॉनिक चिप डिजाइन, कम्युनिकेशन में 6G, एआई पर अच्छे काम हो रहे हैं और अब मेडिकल के क्षेत्र में भी IIT बड़ी पहल करने जा रहे हैं, जहां पर मेडिकल डिवाइस एक छत के नीचे तैयार की जाएगी. जिसमें आईआईटी के कुछ विभागों के साथ आईएमएस भी मदद करेगा.

आईआईटी बीएचयू शुरू करेगा दो नए प्रोजेक्ट : इस बारे में आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने बताया कि, कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय की खूबियां और खामियों के बारे में अध्ययन किया और साथ ही आईआईटी बीएचयू में नई क्या शुरुआत हो सकती है उस पर मंथन करना शुरू किया. जिसमें उन्होंने देखा कि संस्थान के कई ऐसे विभाग हैं जो देश के सबसे पुराने और अलग विभाग हैं और यहां के छात्र कई देशों के संस्थानों में बेहतरीन प्रदर्शन भी कर रहे हैं. इसके तहत हमें और भी आगे बढ़ने की जरूरत है इस पर हमने फिर नए प्रोजेक्ट को शुरू करने की ठानी. जिसमें ई मोबिलिटी और बायो मेडिकल डिवाइस महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट को शुरू करने में आईआईटी के साथ पुराने एल्यूमिनियम और इन्वेस्टर का सहयोग लिया जा रहा है.


तैयार होगा देश का पहला बायो मेडिकल डिवाइस सेंटर : वो बताते हैं कि ई इमोबिलिटी में 20 से 30 फैकल्टी को लेकर के काम किया जाएगा और उसके साथ ही बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, मेडिकल को लेकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मेडिकल डिवाइस प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. इसकी एक्टिविटी की शुरुआत हो गई है. उन्होंने बताया कि, देश में अब तक ऐसा कोई सेंटर नहीं है जो डेडीकली मेडिकल डिवाइस बनाने के लिए हो. छोटे-मोटे इक्विपमेंट बनते हैं, फैकल्टी होती है. लेकिन बीएचयू में पहली बार इसकी शुरुआत होने जा रही है जिसमें आईएमएस भी जुड़ा होगा. जिसमें फार्मास्यूटिकल डिपार्टमेंट, बायोकेमिकल इंजीनियरिंग डिपार्मेंट मेडिकल डिपार्टमेंट मिलकर के सभी मेडिकल इक्विपमेंट डिवाइसेज को तैयार करेंगे. इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है और जल्द ही इस धरातल पर उतर जाएगा.


300 बढ़ेगी फैकल्टी, हो रहा रिक्रूटमेंट : उन्होंने बताया कि, हमें नई शुरुआत के लिए फैकल्टी की भी जरूरत होगी. अभी हमारे पास कुल 900 फैकल्टी की जरूरत है. हमारे पास 360 है और अभी हमें कम से कम 300 फैकल्टी की जरूरत है, जिसे हम 3 साल में पूरा करेंगे. इस साल हम 100 फैकल्टी की भर्ती का प्रोविजन लेकर चल रहे हैं. बीते दिनों अभी हमने 25 की भर्ती की है. इस तरीके से करके साल में चार बार करके हम 100 को भर्ती करेंगे और इस कमी को दूर करके नए सिरे से नए शोध की ओर नई चीजों की ओर आगे बढ़ेंगे.

यह भी पढ़ें : बीएचयू में छात्रों ने शुरू किया अनशन, पीएचडी में प्रवेश की मांग

यह भी पढ़ें : नीट 2024: केजीएमयू और बीएचयू में भी मिलेगा दाखिला, 14 अगस्त से शुरू होगी काउंसलिंग - NEET 2024 Admission

IIT BHU में तैयार होगा देश का पहला बायो मेडिकल डिवाइस सेंटर (Video credit: ETV Bharat)

वाराणसी : जिले के आईआईटी बीएचयू में देश का पहला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मेडिकल डिवाइस स्थापित होने जा रहा है. जहां एक छत के नीचे मेडिकल से जुड़ी हुई तमाम तरीके की डिवाइस व इक्विपमेंट को तैयार किया जाएगा. बड़ी बात यह है कि इसमें आईआईटी की मदद आईएमएस BHU भी करेगा. इसको लेकर के बाकायदा प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है और इस पर आईआईटी BHU आगे भी बढ़ रहा है.


बता दें कि, आईआईटी बीएचयू में पहले से ही डीआरडीओ की डिफेंस को लेकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है. जहां डिफेंस मिनिस्ट्री के साथ मिलकर के IIT BHU नए सॉफ्टवेयर पर भी काम कर रहा है जो डिफेंस में काम आ रहे हैं. इसके साथ ही यहां पर इलेक्ट्रॉनिक चिप डिजाइन, कम्युनिकेशन में 6G, एआई पर अच्छे काम हो रहे हैं और अब मेडिकल के क्षेत्र में भी IIT बड़ी पहल करने जा रहे हैं, जहां पर मेडिकल डिवाइस एक छत के नीचे तैयार की जाएगी. जिसमें आईआईटी के कुछ विभागों के साथ आईएमएस भी मदद करेगा.

आईआईटी बीएचयू शुरू करेगा दो नए प्रोजेक्ट : इस बारे में आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने बताया कि, कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय की खूबियां और खामियों के बारे में अध्ययन किया और साथ ही आईआईटी बीएचयू में नई क्या शुरुआत हो सकती है उस पर मंथन करना शुरू किया. जिसमें उन्होंने देखा कि संस्थान के कई ऐसे विभाग हैं जो देश के सबसे पुराने और अलग विभाग हैं और यहां के छात्र कई देशों के संस्थानों में बेहतरीन प्रदर्शन भी कर रहे हैं. इसके तहत हमें और भी आगे बढ़ने की जरूरत है इस पर हमने फिर नए प्रोजेक्ट को शुरू करने की ठानी. जिसमें ई मोबिलिटी और बायो मेडिकल डिवाइस महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट को शुरू करने में आईआईटी के साथ पुराने एल्यूमिनियम और इन्वेस्टर का सहयोग लिया जा रहा है.


तैयार होगा देश का पहला बायो मेडिकल डिवाइस सेंटर : वो बताते हैं कि ई इमोबिलिटी में 20 से 30 फैकल्टी को लेकर के काम किया जाएगा और उसके साथ ही बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, मेडिकल को लेकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मेडिकल डिवाइस प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. इसकी एक्टिविटी की शुरुआत हो गई है. उन्होंने बताया कि, देश में अब तक ऐसा कोई सेंटर नहीं है जो डेडीकली मेडिकल डिवाइस बनाने के लिए हो. छोटे-मोटे इक्विपमेंट बनते हैं, फैकल्टी होती है. लेकिन बीएचयू में पहली बार इसकी शुरुआत होने जा रही है जिसमें आईएमएस भी जुड़ा होगा. जिसमें फार्मास्यूटिकल डिपार्टमेंट, बायोकेमिकल इंजीनियरिंग डिपार्मेंट मेडिकल डिपार्टमेंट मिलकर के सभी मेडिकल इक्विपमेंट डिवाइसेज को तैयार करेंगे. इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है और जल्द ही इस धरातल पर उतर जाएगा.


300 बढ़ेगी फैकल्टी, हो रहा रिक्रूटमेंट : उन्होंने बताया कि, हमें नई शुरुआत के लिए फैकल्टी की भी जरूरत होगी. अभी हमारे पास कुल 900 फैकल्टी की जरूरत है. हमारे पास 360 है और अभी हमें कम से कम 300 फैकल्टी की जरूरत है, जिसे हम 3 साल में पूरा करेंगे. इस साल हम 100 फैकल्टी की भर्ती का प्रोविजन लेकर चल रहे हैं. बीते दिनों अभी हमने 25 की भर्ती की है. इस तरीके से करके साल में चार बार करके हम 100 को भर्ती करेंगे और इस कमी को दूर करके नए सिरे से नए शोध की ओर नई चीजों की ओर आगे बढ़ेंगे.

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