जयपुर: पुलिस मुख्यालय की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने लूट- डकैती और नकबजनी की वारदातों को अंजाम देने वाली गैंग के सरगना को उत्तरप्रदेश से पकड़ने में सफलता हासिल की है. आरोपी पर 25 हजार का इनाम घोषित था. वह डकैती के मामले में 8 साल से वांछित था. उसके खिलाफ राजस्थान के नागौर और बिहार के सीतामढ़ी जिले में एक दर्जन आपराधिक प्रकरण दर्ज है.
एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि पुलिस टीम ने कुख्यात अन्तरराज्यीय गिरोह के सरगना उत्तर प्रदेश निवासी घनश्याम उर्फ श्याम बावरी को पकड़ा है. आरोपी को उसके गांव से दस्तयाब कर नागौर के थाना गोठन को सुपुर्द कर दिया है. गिरफ्तार आरोपी घनश्याम उर्फ श्याम बावरी और इसके साथियों ने साल 2016 में गोठन थाना क्षेत्र के जाटान इंदौकियावास में डकैती डाली थी. बदमाशों ने गोलीबारी भी की थी, जिसमें एक महिला और पुरुष घायल हो गए थे. आरोपी सरगना घटना के वक्त से ही फरार चल रहा था. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए नागौर पुलिस की ओर से 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था.
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एडीजी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स(एजीटीएफ) ने आपराधिक गिरोह, गैंगस्टर और वांछित अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान चला रखा है. डीआईजी योगेश यादव और एडिशनल एसपी सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में सब इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एएसआई दुष्यंत सिंह, हेड कांस्टेबल शाहिद अली, कांस्टेबल रविंद्र सिंह और महेंद्र सिंह को इनके बारे में गोपनीय जानकारी एकत्र करने के बाद रवाना किया गया था.
उन्होंने बताया कि बावरिया गिरोह का सरगना घनश्याम उर्फ श्याम बावरी पिछले आठ साल से पुलिस को चकमा देकर अलग-अलग स्थानों पर फरारी काट रहा था. इस बीच टीम को इसके गांव में होने की पुख्ता सूचना मिली. इस पर स्थानीय पुलिस को साथ लेकर पुलिस टीम ने गांव में दबिश दी और उसे बड़ी मुश्किल से काबू किया. आरोपी को यूपी से पकड़कर राजस्थान लाया गया. यहां उसे अग्रिम कार्रवाई के लिए गोठन पुलिस को सौंप दिया गया.
एक दर्जन आपराधिक मुकदमे हैं दर्ज: आरोपी घनश्याम उर्फ श्याम बावरी अन्तरराज्यीय बावरिया गिरोह का सरगना है. इसके विरुद्ध नागौर जिले के थाना गोठन, मेड़ता सिटी और बिहार के सीतामढ़ी जिले के विभिन्न स्थानों में लूट, डकैती, नकबजनी के अलावा हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट के 11 मुकदमे दर्ज हैं. गोठन पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. कई वारदातों का खुलासा होने की संभावना है.
पुलिसकर्मी दिन में फेरी लगाकर करते हैं रैकी: गिरोह के सदस्य दिन में कपड़े बेचने के बहाने फेरी लगाकर मकान और दुकानों की रैकी कर चिह्नित करते थे. रात के समय धावा बोल कर वारदात को अंजाम देते थे. विरोध करने पर फायरिंग करके डरा धमकाकर गंभीर तरीके मारपीट तक करते थे.