चित्तौड़गढ़. आपसी रंजिश को लेकर जानलेवा हमला करने के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. बेगूं के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी राकेश गोयल ने दोनों दोषियों को 10-10 साल के कारावास और जुर्माने से दंडित किया है.
अपर लोक अभियोजक फरीद मोहम्मद मिर्जा ने बताया कि मामला 11 साल पहले का है. 27 जून 2013 को हेमनिवास बिजोलिया निवासी हीरालाल भील ने बेगूं पुलिस थाने में रिपोर्ट दी. रिपोर्ट में उसने अपने भाई नंदलाल और भतीजे जमनालाल के साथ जानलेवा हमले और मारपीट की शिकायत दी. पुलिस जांच में सामने आया कि हीरालाल का भाई सामरिया खुर्द निवासी नंदलाल की पत्नी शायरी ने आरोपी आसाराम भील के साथ नाता विवाह कर लिया. उसके बाद से ही आसाराम उसके भाई से रंजीश पाले हुए था.
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इस रंजिश के चलते बड़ी का खेड़ा में रहने वाले पप्पू भील, आसाराम भील, शायरी भील सामरिया खुर्द जा धमके और छत पर सो रहे नंदलाल, जमनालाल आदि पर कुल्हाड़ी, लाठियों से जानलेवा हमला कर दिया. इस घटना में उसका भाई और भतीजा दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए. मामले में 14 गवाहों के बयान और 19 दस्तावेज पेश किए गए. प्रकरण में आरोपी शायरी भील घटना के बाद से ही फरार है. न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आसाराम पुत्र बाबूलाल भील और पप्पू पुत्र गोपी लाल भील को 10-10 साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 5-5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर एक साल-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.