जयपुर : पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर द्वितीय ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दो माह तक दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त शिवम कुमार को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. पीठासीन अधिकारी राजवीर सिंह ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अरुण जाटावत ने अदालत को बताया कि 15 जुलाई, 2021 को पीड़िता के माता-पिता और भाई काम पर गए थे. उसी दौरान 10वीं कक्षा की छात्रा पीड़िता 7 साल की छोटी बहन को घर पर सोता छोड़कर बिना बताए चली गई. इस पर पीड़िता के परिजनों ने नाहरगढ़ थाना पुलिस में मामला दर्ज कराया. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 10 सितंबर, 2021 को पीड़िता को आगरा से बरामद करने के बाद 15 सितंबर को अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया था.
इसे भी पढ़ें - पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के दोषी को सुनाई 20 साल की सजा
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि अभियुक्त बहला फुसलाकर पीड़िता को अपने साथ आगरा ले गया था. यहां दोनों ने मंदिर में शादी कर किराए के कमरे में पति-पत्नी की तरह साथ रह रहे थे. पीड़िता के नाबालिग होने के कारण यदि घटना में उसकी सहमति भी थी तो भी यह अपराध माना जाएगा, क्योंकि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. वहीं, अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया.