पटना: पहले नीलगाय कभी-कभी अपने प्राकृतिक वातावरण से भटक कर गावों के आसपास आ जाती थी. लेकिन अब नीलगाय आपको लगभग हर राज्य के खेतों में दिख जाएंगी. वहीं उनका आतंक भी दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. राजधानी पटना से स्टे ग्रामीण इलाको के मसौढ़ी और धनरूआ प्रखंड में नीलगायों के आंतक से किसानों की फसलों का भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि नीलगाय फसलों को चरने से ज्यादा फसलों को रौंद देती हैं.
मसौढ़ी और धनरुआ में नीलगाय का आतंक: इन दिनों जंगली नीलगाय के आतंक से किसानों के खेत में लगे चना और मसूर के फसल को नीलगाय बर्बाद कर रहे हैं. वर्तमान समय में किसानों को सबसे अधिक नुकसान नीलगाय से हो रहा है. मसौढ़ी प्रखंड के खराट, तुलसीचक, भगवानगंज क्षेत्र जगदीशपुर एवं धनरूआ के नदवा वीर कोसूथ,बहरामपुर, निजामत,समेत तीन दर्जन से अधिक गांव में नीलगाय के आतंक से किसान परेशान हो चुके हैं.
"नीलगाय के आतंक से कई गांव के लोग परेशान हैं. खेतों में लगे हुए चना, मसूर और गेहूं की फसल बर्बाद हो रही है. लगातार वन विभाग को खबर की गई है, लेकिन वन विभाग उदासीन बने हुए हैं. हम लोग कैसे अपनी फसल को बचाएंगे." -शंकर कुमार सिंह, मुखिया नदवां पंचायत, धनरूआ
परेशान किसान लगा रहे गुहार: किसान बताते हैं कि फसल बर्बाद होने पर भी सही से क्षतिपूर्ति भी नहीं मिलती है. लगातार वन विभाग से इन सभी नीलगाय से छुटकारा दिलाने का गुहार लगा रहे हैं. बता दें कि मसौढ़ी के पश्चिमी इलाके में चना और मसूर की खेती व्यापक रूप से की जाती है. पूरा इलाका दलहनी और तिलहनी क्षेत्र माना जाता है. ऐसे में उस क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में नीलगाय खेतों में लगे हुए चना और मसूर की खेती को रौंद रहे हैं.
वन विभाग के पास पकड़ने का ऑर्डर नहीं: वहीं वन विभाग के लोग भी कह रहे हैं कि हमारे पास इसे पकड़ने के ऑर्डर नहीं हैं. बताएं कि हम लोग क्या करें, कहां जाएं. हमारी क्षति का मुआवजा कौन देगा,नीलगाय के किसान परेशान और हताश हो चुके हैं.लगातार उसे भगाने की कोशिश की जद्दोजहद में किसान भी चोटिल हो जा रहे हैं, किसान की माने तो वन विभाग से लगातार गुजारिश की जा रही है कि इन सभी आए हुए नीलगायों से हमें छुटकारा दिलाए, लेकिन वन विभाग के पदाधिकारी भी उदासीन बने हुए हैं.
"नीलगाय को भगाने के लिए प्रयास किया जा रहा हैं, हालांकि सभी किसानों को यह कहा जा रहा है कि पटाखा छोड़कर उन्हें डरा कर भाग सकते हैं. पंचायत के मुखिया से भी गुजारिश की हैं कि भगाने की कुछ और कोशिश करें वन विभाग आपके साथ हैं."-परमानंद सिंह, फॉरेस्ट पदाधिकारी, ग्रामीण पटना
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