दौसा : जिले के मेहंदीपुर बालाजी इलाके में पिछले पांच दिनों से ग्रामीण एक बघेरे के आतंक से भयभीत हैं. इसके चलते शाम ढलते ही बघेरे के डर के कारण ग्रामीण अपने खिड़की-दरवाजे बंद कर घरों में छुप जाते हैं. जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलते हैं. इतना ही नहीं बघेरा अब तक इलाके में चार श्वानों का भी शिकार कर चुका है. घटनास्थल से महज एक किलोमीटर की दूरी पर वन विभाग की चौकी स्थापित है. बघेरे का मूवमेंट गांव के ही एक घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है.
जिले में ट्रेंकुलाइज टीम नहीं है. ऐसे में जयपुर से टीम को बुलाया जाता है. इसके चलते फिलहाल बघेरे के मूवमेंट के बारे में पता किया जा रहा है. जल्द ही बघेरे को पकड़कर बघेरे को जंगलों में छोड़ा जाएगा. : अजीत उचई, दौसा डीएफओ
बता दें कि, जिले के मेहंदीपुर बालाजी थाने के पास स्थित मीन भगवान मंदिर के सामने से जाने वाले रास्ते में पिछले तीन दिनों से एक बघेरे का मूवमेंट बना हुआ है. ग्रामीणों के अनुसार, बघेरा पहली बार 5 सितंबर की मध्यरात्रि को सीसीटीवी कैमरे में नजर आया था. इसके बाद ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया. वहीं, किसान रात को खेतों की रखवाली करने के लिए जाने से कतराने लगे हैं. ग्रामीण झालू मीना ने बताया कि बघेरा अब तक चार श्वानोंं का शिकार कर चुका है. वहीं, कुछ दिनों पहले बघेरे ने देर शाम को साइकिल चला रहे करीब 14 साल के बालक पर हमला करने का प्रयास किया. इससे पहले ही बच्चा घर के अंदर घुस गया, जिससे उसकी जान बच गई.
मवेशियों पर हमला करने का डर : वहीं, मीना सीमला गांव को जाने वाले रास्ते में रोड किनारे रहने वाली महिला ने बताया कि घर रोड के किनारे होने के कारण हमेशा बघेरे के आने का भय मन में बना रहता है. बघेरे की ओर से मवेशियों पर हमला करने की आशंका से रात भर नींद नहीं आती. ग्रामीणों के अनुसार रविवार रात को भी बघेरा गांव में पहुंच गया था. हालांकि अभी तक किसी व्यक्ति पर हमले की बात सामने नहीं आई है, लेकिन लगातार मूवमेंट के चलते बघेरा कभी भी इंसानों पर हमला कर सकता है. ऐसे में ग्रामीणों ने वन विभाग से बघेरे को पकड़ कर कहीं और छोड़ने की मांग की है. ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग रविवार को एक कर्मचारी भेजकर बघेरे को पकड़ने के जाल लगवाया है. बघेरे को पकड़ने के लिए महज खानापूर्ति की जा रही है.