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टेरर फंडिंग, हवाला की रकम का मिनटों में खुलासा कर देगा ब्लॉकस्टैश - New Invention of IIT Kanpur

क्रिप्टो करेंसी के जरिए टेरर फंडिग और हवाला केस पर नकेल कसने के लिए आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र ने खास ब्लॉकस्टैश साफ्तवेयर (New Invention of IIT Kanpur) तैयार किया है. यह साफ्टवेयर मिनटों में अपराधियों के मंसूबों पर पानी फेर देगा. पढ़ें विस्तृत खबर....

IITKanpur
IITKanpur (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 1, 2024, 10:00 PM IST

ब्लॉकस्टैश साफ्तवेयर की खासियत पर संवाददाता समीर दीक्षित की खास रिपोर्ट. (Video Credit : ETV Bharat)

कानपुर : क्रिप्टो करेंसी एक ऐसा माध्यम है जिसमें हजारों करोड़ों रुपये एक से दूसरे देश में आसानी से भेजे जा सकते हैं. यह एक ऐसी करेंसी होती है, जिसके लिए खातों का केवाईसी तक जरूरी नहीं होता है. ऐसे में जो भी देश और दुनिया के अंदर हाई प्रोफाइल फ्रॉड के मामले सामने आए हैं. उसमें आरोपी तक पहुंचना पुलिस के लिए किसी अभेद्य चुनौती जैसे साबित होता रहा है. बहरहाल अब क्रिप्टो करेंसी से जुड़े फ्रॉड के मामलों को बहुत जल्द ही पुलिस सभी के सामने ला सकेगी. क्योंकि आईआईटी कानपुर ने क्रिप्टो करेंसी से जुड़े अपराधों को चिन्हित करने के लिए ब्लॉक स्टैश नमक सॉफ्टवेयर तैयार किया है.


टेरर फंडिंग और हवाला जैसी रकम भी क्रिप्टो वॉलेट के जरिए पहुंचाई जाती : ब्लॉक स्टैश कंपनी के फाउंडर व आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र दीपेश चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि टेरर फंडिंग और हवाला जैसी रकमों के बारे में हम जानते हैं. अपराधी रकम को इधर-भेजने के लिए क्रिप्टो वॉलेट का उपयोग करते हैं. इस क्रिप्टो वॉलेट में जो रकम होती है उसकी कोई भी जानकारी किसी के सामने नहीं आती है. केवल एक ट्रांजेक्शन ही प्रदर्शित होता है. हालांकि जब क्रिप्टो वॉलेट से उस रकम को विभिन्न खातों में भेजा जाता है तो ब्लॉक स्टैश सॉफ्टवेयर उसकी पहचान कर लेता है और कहीं ना कहीं पुलिस भी इसी तरीके से आरोपी तक पहुंच जाती है. दीपेश के अनुसार यह सॉफ्टवेयर लगभग एक साल से काम कर रहा है और अभी तक देश और दुनिया के लगभग 10 हाई प्रोफाइल मामलों का खुलासा इसी सॉफ्टवेयर की मदद से हुआ है. ईडी, आईबी समेत देश और दुनिया की टॉप क्लास सुरक्षा एजेंसियां ब्लॉक स्टैश का उपयोग कर रही हैं.


एक क्लिक पर करोड़ों रुपये का हो सकता है हेर फेर : दीपेश ने बताया कि जब किसी के पास क्रिप्टो वॉलेट होता है तो वह महज एक क्लिक पर ही करोड़ों रुपये का हेर फेर कर सकता है. दीपेश ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही वजीर एक के माध्यम से 2000 करोड़ रुपये की राशि भारत से किसी दूसरे देश में भेजी गई थी. हालांकि इस पूरे मामले का खुलासा हो चुका है और इसमें भी ब्लॉक स्टैश सॉफ्टवेयर की अहम भूमिका रही है.

यह भी पढ़ें : कट गए हैं हाथ तो न होइए उदास, प्रोस्थेटिक हैंड हर परिस्थिति में जीवनभर देगा साथ - Treatment of severed hand

यह भी पढ़ें : ब्रेस्ट कैंसर का अलर्ट देगी ये स्पेशल ब्रा; पूरे दिन में बस एक मिनट पहनना होगा, मोबाइल में रिकॉर्ड होगा डाटा - Special BRA to Detect Breast Cancer

ब्लॉकस्टैश साफ्तवेयर की खासियत पर संवाददाता समीर दीक्षित की खास रिपोर्ट. (Video Credit : ETV Bharat)

कानपुर : क्रिप्टो करेंसी एक ऐसा माध्यम है जिसमें हजारों करोड़ों रुपये एक से दूसरे देश में आसानी से भेजे जा सकते हैं. यह एक ऐसी करेंसी होती है, जिसके लिए खातों का केवाईसी तक जरूरी नहीं होता है. ऐसे में जो भी देश और दुनिया के अंदर हाई प्रोफाइल फ्रॉड के मामले सामने आए हैं. उसमें आरोपी तक पहुंचना पुलिस के लिए किसी अभेद्य चुनौती जैसे साबित होता रहा है. बहरहाल अब क्रिप्टो करेंसी से जुड़े फ्रॉड के मामलों को बहुत जल्द ही पुलिस सभी के सामने ला सकेगी. क्योंकि आईआईटी कानपुर ने क्रिप्टो करेंसी से जुड़े अपराधों को चिन्हित करने के लिए ब्लॉक स्टैश नमक सॉफ्टवेयर तैयार किया है.


टेरर फंडिंग और हवाला जैसी रकम भी क्रिप्टो वॉलेट के जरिए पहुंचाई जाती : ब्लॉक स्टैश कंपनी के फाउंडर व आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र दीपेश चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि टेरर फंडिंग और हवाला जैसी रकमों के बारे में हम जानते हैं. अपराधी रकम को इधर-भेजने के लिए क्रिप्टो वॉलेट का उपयोग करते हैं. इस क्रिप्टो वॉलेट में जो रकम होती है उसकी कोई भी जानकारी किसी के सामने नहीं आती है. केवल एक ट्रांजेक्शन ही प्रदर्शित होता है. हालांकि जब क्रिप्टो वॉलेट से उस रकम को विभिन्न खातों में भेजा जाता है तो ब्लॉक स्टैश सॉफ्टवेयर उसकी पहचान कर लेता है और कहीं ना कहीं पुलिस भी इसी तरीके से आरोपी तक पहुंच जाती है. दीपेश के अनुसार यह सॉफ्टवेयर लगभग एक साल से काम कर रहा है और अभी तक देश और दुनिया के लगभग 10 हाई प्रोफाइल मामलों का खुलासा इसी सॉफ्टवेयर की मदद से हुआ है. ईडी, आईबी समेत देश और दुनिया की टॉप क्लास सुरक्षा एजेंसियां ब्लॉक स्टैश का उपयोग कर रही हैं.


एक क्लिक पर करोड़ों रुपये का हो सकता है हेर फेर : दीपेश ने बताया कि जब किसी के पास क्रिप्टो वॉलेट होता है तो वह महज एक क्लिक पर ही करोड़ों रुपये का हेर फेर कर सकता है. दीपेश ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही वजीर एक के माध्यम से 2000 करोड़ रुपये की राशि भारत से किसी दूसरे देश में भेजी गई थी. हालांकि इस पूरे मामले का खुलासा हो चुका है और इसमें भी ब्लॉक स्टैश सॉफ्टवेयर की अहम भूमिका रही है.

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