पटनाः स्वतंत्रता दिवस के बाद, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव फिर से अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे, जिसमें वे राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में अपने कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. यह यात्रा राजनीति में तेजस्वी यादव की सक्रियता और उनकी जमीनी स्तर पर पकड़ को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, ऐसा राजनीति के जानकारों का मानना है. वहीं आरजेडी का मानना है कि तेजस्वी यादव की यात्रा का मुख्य उद्देश्य सुदूर गांव में रह रहे लोगों की समस्याओं से रूबरू होना है. लेकिन बीजेपी और जदयू तेजस्वी की इस यात्रा पर तंज कस रहे हैं. बिहार में राजनीतिक घमासान मचा है.
सियासी यात्राओं का है विशेष महत्वः राजनीति के जानकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि तेजस्वी यादव लगातार बिहार में सियासी यात्राओं पर जाते हैं. सियासत में यात्राओं का विशेष महत्व रहा है. इतिहास में यदि देखेंगे तो इससे राजनीति में कई बार परिवर्तन भी हुआ है. लालू यादव का सपना और तेजस्वी यादव की महत्वाकांक्षा है कि वह बिहार की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठें और अपने हिसाब से बिहार को चलाएं. दो-दो बार नीतीश कुमार उनके साथ 'राजनीति' कर चुके हैं. कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि तेजस्वी यादव अपने मतदाताओं तक संदेश पहुंचाने और उसे वोट में बदलने का काम शुरू करने वाले हैं. इस यात्रा का कितना राजनीतिक लाभ तेजस्वी यादव को मिलेगा यह तो समय बताएगा.
"बिहार में विधानसभा चुनाव में अभी 13 महीने बांकी हैं. जब तक आप 243 विधानसभा क्षेत्र में नहीं घूमेगा या मेहनत नहीं कीजिएगा तो फल नहीं मिलेगा. बिहार में सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी बना हुआ है. सरकार का विरोध करने के लिए तेजस्वी यादव के पास बहुत सारा मसाला मिला हुआ है."- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक
तेजस्वी की यात्रा का क्या है उद्देश्यः आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि यात्रा का मकसद है बिहार के एक एक एक नेता और कार्यकर्ता से मिलना. सुदूर गांव में रहने वाले कार्यकर्ता एवं गांव में रहने वाले मजदूरों की जानकारी लेना. इसके अलावे गांवों की क्या समस्याएं हैं उन समस्याओं को जानकरी लेना ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में जो हमारा मेनिफेस्टो बनेगा उसमें सारे मुद्दे को शामिल किया जा सके. जो जनता और जनता के हित के मुद्दे होंगे उन तमाम मुद्दों को पार्टी के मेनिफेस्टो में शामिल किया जाएगा. आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि राजनीतिक लाभ के लिए तेजस्वी यादव यात्रा नहीं निकल रहे हैं.
"यात्रा निकालने का मुख्य मकसद है कि जिस तरीके से बिहार में अपराध बढ़ा है, भ्रष्टाचार को शिष्टाचार एवं सदाचार का रूप दे दिया गया है, बेरोजगारी बढ़ी है, इन तमाम मुद्दों को लेकर तेजस्वी यादव जनता को जागरूक करने के लिए निकल रहे हैं."- एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता
'तेजस्वी की विदाई यात्रा'-बीजेपीः बीजेपी ने तेजस्वी यादव की बिहार यात्रा को विदाई यात्रा बताया है. बीजेपी के प्रवक्ता राकेश कुमार सिंह का मानना है कि बिहार की जनता का यह विश्वास खो दिए हैं. बिहार की जनता इन पर कोई भरोसा नहीं करती, बिहार की जनता इनको देखना पसंद नहीं करती है, इनकी पार्टी को देखना पसंद नहीं करती है. राकेश सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हेलीकॉप्टर से लगातार घूमते रहे. बिहार की जनता ने 4 सीट दिया. 4 लोगों का क्या काम होता है, यह सब कोई जानता है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इस बार तेजस्वी यादव की विदाई यात्रा ही हो जाएगी. राष्ट्रीय जनता दल का तेजस्वी यादव भला नहीं करने वाले हैं.
"तेजस्वी यादव जबसे अपने हाथ में राष्ट्रीय जनता दल का बागडोर लिए हैं, तब से पार्टी में किस प्रकार के लोगों को बढ़ा रहे हैं, बिहार की जनता इसे जान चुकी है. इन पर कोई भरोसा नहीं कर रहा है. बिहार की जनता ने मन बना लिया है कि इस बार राष्ट्रीय जनता दल का सूपड़ा साफ कर देना है."- राकेश कुमार सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
जदयू को तेजस्वी की यात्रा पर विश्वास नहींः जदयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद को तेजस्वी यादव के आगामी यात्रा पूरा होगी इसपर भरोसा नहीं है. जदयू प्रवक्ता ने उनकी यात्रा पर तंज करते हुए कहा कि इस यात्रा के पहले भी कई यात्राओं की घोषणा की थी. संविधान बचाओ यात्रा उन्होंने बोधगया से शुरू की थी, आधे रास्ते में ही आकर के आंधी और पानी को वजह बताते हुए स्थगित कर दिया. लोकतंत्र बचाओ यात्रा उन्होंने सीमांचल के जिलों से शुरू की, कटिहार आते-आते समाप्त हो गयी. इसके बाद जन विश्वास यात्रा की घोषणा की वह बिहार के कुछ जिले में गयी. संपूर्ण बिहार में आज तक यात्रा के माध्यम से वह नहीं गए हैं.
"तेजस्वी यादव आज तक अपनी कोई भी यात्रा पूरी नहीं कर सके हैं. अपनी यात्राओं को घोषणा करने से पहले उन्हें (तेजस्वी यादव) इस बात का संकल्प लेना चाहिए कि हम इस बार यात्रा पूरी करेंगे. सरकार बदलने, हटाने की बात तो बहुत दूर है. उनके बूते की बाहर की बात है."- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता
अपने काम पर ध्यान दें तेजस्वीः जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि जनता उनको चुनकर विधानसभा भेजी है. विधायकों ने उनको नेता प्रतिपक्ष बनाया है, लेकिन गत दिनों विधानसभा सत्र हुआ था उसमें एक दिन भी उपस्थित नहीं हुए. जबकि सत्र के दो दिन शेष बचे थे तो उसमें पटना आ चुके थे. पटना में रहने के बावजूद वह सत्र में नहीं जा पाते हैं. अरविंद निषाद ने कहा कि तेजस्वी यादव की यात्रा करने वाली घोषणा पर हम लोगों को विश्वास ही नहीं होता है. आलीशान घर में जन्म लिए हैं, सोने का चम्मच लेकर पैदा लिए हैं, दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे हैं. यह भी हिंदुस्तान के इतिहास में अपने आप में एक अलग उदाहरण है.
क्यों महत्वपूर्ण है तेजस्वी की यात्राः लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद 20 और 21 जून को राजद की समीक्षा बैठक हुई थी. इसी बैठक के दौरान तेजस्वी यादव ने अपने नेताओं को जानकारी दी थी कि 15 अगस्त के बाद वह बिहार में फिर से यात्रा शुरू करेंगे. तेजस्वी यादव ने समीक्षा बैठक में नेताओं को कहा था कि 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के चयन को लेकर वह जनता से फीडबैक लेंगे. तेजस्वी यादव ने उस वक्त की बैठक में कहा था कि बूथ स्तर के कार्यकर्ता के फीडबैक लेने के बाद ही वह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों का चयन करेंगे. इसलिए तेजस्वी यादव की इस यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
243 विधानसभा क्षेत्र का करेंगे दौराः तेजस्वी प्रसाद यादव की यात्रा इस बार बिहार के सभी 38 जिलों में जाएगी. बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्र में तेजस्वी यादव इस बार अपने कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. अपने 17 महीने के कार्यकाल में किए गए काम को लेकर वह जनता के बीच में जाएंगे. तेजस्वी यादव को लग रहा है कि रोजगार एवं आरक्षण के मुद्दे को आम लोगों तक पहुंच कर इसका राजनीतिक लाभ लिया जा सकता है. यही कारण है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव पूरे बिहार का दौरा करके लोगों के बीच इन मुद्दों को उठाएंगे. जिसका विधानसभा चुनाव में उनका राजनीतिक लाभ मिल सके.
विधायकों का लेंगे फीडबैकः 2020 बिहार विधानसभा के चुनाव में आरजेडी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. आरजेडी को 75 सीट पर जीत मिली थी. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन को 110 सीट मिली थी. अब तेजस्वी यादव अपने विधायकों का फीडबैक कार्यकर्ताओं से लेंगे. हर एक विधानसभा क्षेत्र में जाकर बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से विधायक का फीडबैक लेने की योजना है. इसके अलावा हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के लिए किन नेताओं ने क्या-क्या काम किया है, इसकी भी जानकारी लेंगे. तेजस्वी यादव ने समीक्षा बैठक में अपने विधायकों को साफ तौर पर कह दिया था कि जिनके फीडबैक अच्छा नहीं होगा, उनका टिकट काट दिया जाएगा.
तेजस्वी यादव द्वारा की गई यात्राएंः तेजस्वी प्रसाद यादव जब से राजनीति में आए हैं तब से उन्होंने बिहार में चार यात्राएं निकाली हैं. 23 फरवरी 2020 से तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी हटाओ यात्रा की शुरुआत की थी, लेकिन यात्रा अधूरी रह गई. कोरोना संक्रमण की वजह से यात्रा को स्थगित करनी पड़ी थी. इससे पहले भी तेजस्वी यादव बेटी बचाओ साइकिल मार्च एवं संविधान बचाओ यात्रा निकाले थे. लेकिन तेजस्वी यादव की यह यात्रा भी पूरी नहीं हो पाई थी. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने बिहार में जान विश्वास यात्रा निकाला था. बिहार के कई जिलों में उनकी यात्रा हुई और इस यात्रा का समापन पटना के गांधी मैदान में जिन विश्वास महारैली के रूप में की गई.
इसे भी पढ़ेंः
- 'बिहार की जनता ने बदलाव का मन बना लिया है', बोले मनोज झा- तेजस्वी की यात्रा में भारी भीड़ इस बात का संकेत
- 'सदन से लेकर सड़क तक करेंगे आंदोलन', आरक्षण के मुद्दे पर तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान - TEJASHWI YADAV
- 'हर जिले से आ रही चीख और गोलियों की आवाज, ये है बिहार में डबल इंजन NDA का महाचौपट राज', तेजस्वी का तंज - Tejashwi Yadav
- 'तेजस्वी को जनता से कोई मतलब नहीं, उन्हें जनता ही मैदान से दिखाएगी बाहर का रास्ता, मंत्री नीरज कुमार बबलू का बड़ा बयान - - Neeraj Bablu