पटना: तेजस्वी यादव के एक बयान से बिहार की राजनीति में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. अब सत्ताधारी दल के नेता ही तेजस्वी यादव के कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम पर सवाल उठाने लगे हैं. तेजस्वी यादव ने अपनी जासूसी करने का आरोप सरकार पर लगाया है. इस आरोप को लेकर जंग छिड़ गई है.
तेजस्वी यादव की जासूसी करवाने का आरोप: बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव ने उनके पीछे सरकारी जासूस लगाने का आरोप लगाया था. तेजस्वी यादव ने कहा था कि उनके कार्यक्रम में उनके कार्यकर्ताओं ने ही एक अनजान व्यक्ति को अपने बीच बैठा पाया और पूछताछ करने पर पता चला कि वह बिहार सरकार के सीआईडी में काम करता है.
सत्ताधारी दल में संवाद यात्रा से घबराहट: राजद का कहना है कि तेजस्वी यादव के कार्यक्रम से सत्ताधारी दल में बेचैनी हो गई है. आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव का कहना है कि राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता दर्शन एवं संवाद कार्यक्रम से पूरी जनता दल और भाजपा की नींव हिल गई है. बीजेपी कहरा रही है. तेजस्वी जी की शालीनता कार्यकर्ताओं से मिलने की उनके सलीके और आम आदमी अब उनसे जुड़े रहे हैं, हर अंतिम व्यक्ति जो हास्य पर है वह तेजस्वी जी से जुड़ने लगे हैं.
"भाजपा के अंदर कंपन सी आ गई है. अब तेजस्वी यादव की जासूसी हो रही है. आंतरिक बैठक के अंदर भेष बदलकर बैठक में शामिल होना. जब कार्यकर्ता उनसे पूछताछ किया तो, उन्होंने बताया कि वे पटना से सीआईडी से आया हूं. बिहार के सत्ता दल के हताशा का डूबते शासन तंत्र का प्रतीक है."- शक्ति सिंह यादव, आरजेडी प्रवक्ता
'तेजस्वी को किस बात का डर': सत्ताधारी दल की कार्यशैली पर जब सवाल उठा तो जदयू ने भी तेजस्वी पर निशाना साधा है. जदयू के प्रवक्ता हिमराज राम का कहना है कि जो प्रशासन का काम है, वह अपने तरीके से प्रशासन करता है, उसमें सरकार का किसी तरह से कोई हस्तक्षेप नहीं विशेष कोई दबाव नहीं होता है.
"तेजस्वी यादव को लगता है डर, इस बात का कि उनके पीछे जासूस लगाया गया है. उनको निर्भीक रहना चाहिए अगर वह सही हैं. डर का मतलब है कि कहीं ना कहीं से आपकी संलिप्ता गलत कार्यों में है, इसलिए आपको डर लगता है."- हिमराज राम,जदयू प्रवक्ता
'तेजस्वी का झूठा आरोप': भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने राजद के आरोप को झूठा करार दिया. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव की स्थिति खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हो गई है. तेजस्वी जी ने पहले तो कहा कि आभार यात्रा पर जाऊंगा. लगता है कार्यकर्ताओं ने बता दिया होगा कि कोई भी आपसे मिलना नहीं चाहता है, जनता के बीच में आपकी साख नहीं बची. इसके बाद निर्णय हुआ कि वह कार्यकर्ताओं से मिलेंगे.
"आप कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं तो उस मीटिंग में क्या ऐसा है जिसको आप छुपाना चाह रहे हैं. पहले तो मैं शर्तिया कहता हूं कि तेजस्वी जी का यह आरोप भी बाकी आरोपों की तरह शुद्ध रूप से राजनीतिक आरोप है, झूठा आरोप है.- कुंतल कृष्ण,भाजपा प्रवक्ता
क्या बिहार में बढ़ते अपराध पर चर्चा हो रही?: भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जब आप पॉलिटिक्स में है पब्लिक लाइफ में है तो आप पर खुली किताब होनी चाहिए. क्या तेजस्वी जी अपनी उन बैठकों में बिहार में किस तरीके से क्राइम बढ़ाया जाए, इस पर बात करना चाह रहे हैं? क्या वह देश विरोधी कोई बात करना चाह रहे हैं? क्या देश विरोधी ताकतों का किस तरीके से भारत में इनफील्ट्रेशन हो ऐसी बात करना चाह रहे हैं? अगर ऐसा नहीं है तो फिर क्या है उनके पास छुपाने के लिए. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव क्या हैं जो उनकी जासूसी करवाई जाएगी.
"आज बहुत ही कमजोर व्यक्ति हैं. इस बार नेता प्रतिपक्ष गलती से हो गए. अगली बार बिहार की राजनीति में कहीं नजर नहीं आएंगे. उनकी सुरक्षा का प्रोटोकॉल है, स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल है. सुरक्षा में लोग तैनात रहते हैं. यह उनको और उनकी पार्टी के लोगों को भी पता है. वह सिर्फ राजनीति करने के लिए इस तरीके की बात करते हैं."-कुंतल कृष्ण,भाजपा प्रवक्ता
'पॉलिटिकल माइलेज लेने का प्रयास': वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि तेजस्वी यादव यह मुद्दा उठाकर पॉलिटिकल माइलेज लेने का प्रयास कर रहे हैं. स्टेट में हर जिले में सीआईडी की टीम मौजूद रहती है. उनके यहां क्या राजनीतिक गतिविधि हो रही है या अन्य क्या-क्या काम हो रहा है, इसकी जानकारी शुरू से ही अपने डिपार्टमेंट को भेजने की परंपरा रही है. लॉ एंड ऑर्डर से लेकर तमाम जिले में होने वाली राजनीतिक या अन्य कार्यक्रमों को लेकर वह अपने विभाग को सूचित करते रहते हैं.
"जब लालू प्रसाद यादव का शासन था और विपक्ष के नेता जगन्नाथ मिश्रा हुआ करते थे तो उस समय भी उनके हर एक सार्वजनिक कार्यक्रमों की जानकारी सीआईडी के माध्यम से सरकार को रहती थी. यह एक सामान्य सी प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया को तेजस्वी यादव राजनीतिक रंग देकर पॉलिटिकल माइलेज लेने का प्रयास कर रहे हैं."- अरुण पांडेय,वरिष्ठ पत्रकार
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