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टिहरी लोकसभा सीट पर चढ़ा सियासी पारा, बीजेपी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह ने मांगा जन समर्थन

Tehri Lok Sabha Seat, BJP Candidate Mala Rajya Laxmi Shah टिहरी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह ने चुनाव प्रचार तेज कर दी है. आज लक्ष्मी शाह टिहरी पहुंची और लोगों से मुलाकात कर अपने पक्ष में जन समर्थन मांगा. साथ ही जनता से अपने और बीजेपी के पक्ष में मतदान करने की अपील की.

BJP Candidate Mala Rajya Laxmi Shah
माला राज्य लक्ष्मी शाह
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 19, 2024, 3:36 PM IST

Updated : Mar 19, 2024, 10:58 PM IST

माला राज्य लक्ष्मी शाह ने मांगा जन समर्थन

टिहरी: लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बजते ही प्रत्याशी दमखम से प्रचार प्रसार में जुट गए हैं. टिहरी लोकसभा सीट की बात करें तो बीजेपी से माला राज्य लक्ष्मी शाह फिर से चुनावी मैदान में है तो कांग्रेस से जोत सिंह बिष्ट चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा बतौर निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार ने भी ताल ठोक रखी है. इसी कड़ी में बीजेपी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह ने टिहरी पहुंचकर जनता से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की.

'राजा और जनता के बीच चुनाव' के आरोप पर किया पलटवार: टिहरी लोकसभा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह ने रैली निकालकर जन समर्थन मांगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ा रहे हैं. यही वजह कि उन्होंने एक बार फिर से उन पर विश्वास जताया और टिकट दिया. वहीं, कांग्रेस के 'राजा और जनता के बीच चुनाव' के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि यह लोकसभा चुनाव राजा और जनता के बीच नहीं है. अब कोई राजा नहीं है, आज हम सब एक ही है. इसके अलावा प्रताप नगर को केंद्रीय ओबीसी में शामिल करने के सवाल पर माला राज्य लक्ष्मी शाह कोई जवाब नहीं दे पाई.

BJP Candidate Mala Rajya Laxmi Shah
माला राज्य लक्ष्मी शाह चुनाव प्रचार

राज परिवार की बदौलत बीजेपी की जीत का हुआ था सूर्योदय: बता दें कि टिहरी लोकसभा सीट से सबसे साल 1952 में महारानी कमलेंदुमति निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनी गई थी. आजादी के बाद टिहरी सीट पर सबसे पहली महिला सांसद बनी. इस सीट पर शुरू से ही राज परिवार का दबदबा रहा. इस सीट से देश की लोकसभा में पहुंचने वाली पहली महिला सांसद भी राजपरिवार से ही थी. राज्य गठन के बाद भी पहली महिला सांसद भी इसी परिवार से रही. इतना ही नहीं इस सीट पर साल 1991 में बीजेपी की जीत का सूर्योदय भी राज परिवार की बदौलत हुआ.

Tehri Lok Sabha Seat
टिहरी लोकसभा सीट पर विधानसभा

साल 1952 के आम चुनाव में जीती थीं कमलेंदुमती शाह: टिहरी संसदीय सीट पर पहली बार साल 1952 में हुए आम चुनाव में राजपरिवार की राजमाता कमलेंदुमती शाह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कृष्ण सिंह को पराजित किया था. साल 2000 में उत्तराखंड अलग राज्य बना, जिसके बाद 2004 में पहले लोकसभा चुनाव में मानवेंद्र शाह विजयी रहे. साल 2007 में मानवेंद्र शाह के निधन के बाद टिहरी संसदीय सीट पर उपचुनाव में बीजेपी ने उनके बेटे मनुजेंद्र शाह पर दांव खेला, लेकिन वो कांग्रेस के विजय बहुगुणा से हार गए.

Tehri Lok Sabha Seat
टिहरी लोकसभा सीट की आबादी

साल 2009 में विजय बहुगुणा जीते, जसपाल राणा हारे: साल 2009 में लोक चुनाव में कांग्रेस ने फिर विजय बहुगुणा को मैदान में उतारा और बीजेपी ने निशानेबाज जसपाल राणा को मैदान में उतारा, लेकिन यह प्रयोग भी असफल रहा और विजय बहुगुणा एक बार फिर विजयी हुए, लेकिन साल 2012 में कांग्रेस की सरकार बनी तो विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलने की वजह से सीट खाली करनी पड़ी. टिहरी लोकसभा सीट पर साल 2012 में एक बार फिर उपचुनाव हुआ. इस बार मैदान में राज परिवार से माला राज्य लक्ष्मी शाह मैदान में थी.

Tehri Lok Sabha Seat
टिहरी लोकसभा का राजनीति इतिहास

2012-2014-2019 से लगातार तीन बार की सांसद हैं माला राज्य लक्ष्मी शाह: इस उपचुनाव में माला राज्य लक्ष्मी शाह ने विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा को हरा दिया. इस तरह राज्य गठन के बाद पहली महिला सांसद होने का श्रेय भी माला राज्य लक्ष्मी शाह को मिला. इसके बाद 2014 में फिर से माला राज्य लक्ष्मी शाह सांसद बनी. वहीं, साल 2019 के चुनाव में माला राज्य लक्ष्मी शाह ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह को हराया. जिसके बाद फिर से वो सांसद बनी.

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'राजा और जनता के बीच चुनाव' के आरोप पर किया पलटवार: टिहरी लोकसभा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह ने रैली निकालकर जन समर्थन मांगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ा रहे हैं. यही वजह कि उन्होंने एक बार फिर से उन पर विश्वास जताया और टिकट दिया. वहीं, कांग्रेस के 'राजा और जनता के बीच चुनाव' के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि यह लोकसभा चुनाव राजा और जनता के बीच नहीं है. अब कोई राजा नहीं है, आज हम सब एक ही है. इसके अलावा प्रताप नगर को केंद्रीय ओबीसी में शामिल करने के सवाल पर माला राज्य लक्ष्मी शाह कोई जवाब नहीं दे पाई.

BJP Candidate Mala Rajya Laxmi Shah
माला राज्य लक्ष्मी शाह चुनाव प्रचार

राज परिवार की बदौलत बीजेपी की जीत का हुआ था सूर्योदय: बता दें कि टिहरी लोकसभा सीट से सबसे साल 1952 में महारानी कमलेंदुमति निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनी गई थी. आजादी के बाद टिहरी सीट पर सबसे पहली महिला सांसद बनी. इस सीट पर शुरू से ही राज परिवार का दबदबा रहा. इस सीट से देश की लोकसभा में पहुंचने वाली पहली महिला सांसद भी राजपरिवार से ही थी. राज्य गठन के बाद भी पहली महिला सांसद भी इसी परिवार से रही. इतना ही नहीं इस सीट पर साल 1991 में बीजेपी की जीत का सूर्योदय भी राज परिवार की बदौलत हुआ.

Tehri Lok Sabha Seat
टिहरी लोकसभा सीट पर विधानसभा

साल 1952 के आम चुनाव में जीती थीं कमलेंदुमती शाह: टिहरी संसदीय सीट पर पहली बार साल 1952 में हुए आम चुनाव में राजपरिवार की राजमाता कमलेंदुमती शाह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कृष्ण सिंह को पराजित किया था. साल 2000 में उत्तराखंड अलग राज्य बना, जिसके बाद 2004 में पहले लोकसभा चुनाव में मानवेंद्र शाह विजयी रहे. साल 2007 में मानवेंद्र शाह के निधन के बाद टिहरी संसदीय सीट पर उपचुनाव में बीजेपी ने उनके बेटे मनुजेंद्र शाह पर दांव खेला, लेकिन वो कांग्रेस के विजय बहुगुणा से हार गए.

Tehri Lok Sabha Seat
टिहरी लोकसभा सीट की आबादी

साल 2009 में विजय बहुगुणा जीते, जसपाल राणा हारे: साल 2009 में लोक चुनाव में कांग्रेस ने फिर विजय बहुगुणा को मैदान में उतारा और बीजेपी ने निशानेबाज जसपाल राणा को मैदान में उतारा, लेकिन यह प्रयोग भी असफल रहा और विजय बहुगुणा एक बार फिर विजयी हुए, लेकिन साल 2012 में कांग्रेस की सरकार बनी तो विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलने की वजह से सीट खाली करनी पड़ी. टिहरी लोकसभा सीट पर साल 2012 में एक बार फिर उपचुनाव हुआ. इस बार मैदान में राज परिवार से माला राज्य लक्ष्मी शाह मैदान में थी.

Tehri Lok Sabha Seat
टिहरी लोकसभा का राजनीति इतिहास

2012-2014-2019 से लगातार तीन बार की सांसद हैं माला राज्य लक्ष्मी शाह: इस उपचुनाव में माला राज्य लक्ष्मी शाह ने विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा को हरा दिया. इस तरह राज्य गठन के बाद पहली महिला सांसद होने का श्रेय भी माला राज्य लक्ष्मी शाह को मिला. इसके बाद 2014 में फिर से माला राज्य लक्ष्मी शाह सांसद बनी. वहीं, साल 2019 के चुनाव में माला राज्य लक्ष्मी शाह ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह को हराया. जिसके बाद फिर से वो सांसद बनी.

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Last Updated : Mar 19, 2024, 10:58 PM IST
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