देहरादून: उत्तराखंड में तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे युवाओं का भविष्य उज्ज्वल दिखाई दे रहा है. अनेक कंपनियां योग्य तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओं को कैंपस प्लेसमेंट देने पहुंच रही हैं. इस दौरान कई चौंकाने वाले वाकए भी हो रहे हैं. दरअसल कई ऐसी नौकरियां हैं, जिनके लिए उस पद वाली तकनीकी जानकारी वाले युवा नहीं मिल पा रहे हैं.
राजकीय पॉलीटेक्निक देहरादून में भी कुछ यही स्थिति दिखाई दी. यहां हजारों की संख्या में कंपनियों के पास वैकेंसी मौजूद थी, लेकिन रोजगार मेले के लिए पंजीकरण करने वाले युवाओं की संख्या वैकेंसी से बेहद कम रही. प्राविधिक शिक्षा के अंतर्गत राजकीय पॉलिटेक्निक देहरादून में अंतिम वर्ष के लिए पढ़ाई कर रहे युवाओं को रोजगार मेले के जरिए रोजगार का बड़ा मौका मिल पाया. स्थिति यह थी कि 58 कंपनियों ने यहां पहुंच कर युवाओं के लिए करीब 7,608 वैकेंसी भरने के दरवाजे खोल दिए.
हैरानी की बात यह है कि रोजगार मेले में रजिस्ट्रेशन करने वाले युवाओं की संख्या 2156 ही थी. जिसमें 1726 युवा वर्तमान शैक्षणिक सत्र में अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं जबकि 430 युवा ऐसे थे जिन्होंने पिछले साल यहां से पास आउट किया था. इस तरह कुल 2156 युवाओं ने ही रोजगार के लिए पंजीकरण करवाया. जबकि अंतिम वर्ष में पढ़ाई कर रहे कुल छात्रों की संख्या 3550 है.
इस साल ऑनलाइन प्लेसमेंट सेल के जरिए कुल 648 युवाओं को रोजगार मिला है. इसके अलावा काशीपुर रोजगार मेले में 382 और पॉलिटेक्निक स्तर पर 607 युवाओं को रोजगार मिला है. इस तरह करीब 1637 यानी 46% छात्रों को इसमें रोजगार दिया गया है. देखा जाए तो उत्तराखंड में तकनीकी शिक्षा के तहत अध्यनरत छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट बड़ी संख्या में मिल रहा है. यही कारण है कि उत्तराखंड में तकनीकी शिक्षा को लेकर कई नए संस्थान भी खुले हैं. एक समय था जब उत्तराखंड में केवल 16 राजकीय पॉलिटेक्निक थे. ये आज बढ़कर 72 हो गए हैं. इसी तरह निजी क्षेत्र में केवल एक पॉलिटेक्निक संस्थान था, जो आज बढ़कर 93 हो चुके हैं. पिछले साल भी अध्यनरत करीब 64% छात्रों को रोजगार दिया गया था.
फिलहाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस और मशीन लर्निंग जैसी नई इमर्जिंग तकनीक को अपना कर रक्षा उत्पादन, हिमालय जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधनों को बढ़ावा देने के साथ स्टार्टअप और इनोवेशन को भी बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. रोजगार मेले के जरिए कई युवाओं के हाथों को मजबूत किया जा रहा है. इस दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि विभाग को विदेशी भाषा से संबंधित पाठ्यक्रम को भी पॉलिटेक्निक में प्रारंभ करना चाहिए, ताकि विदेशों में भी रोजगार के अवसरों को प्रदेश के युवा प्राप्त कर सकें.
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