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उत्तराखंड में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने सरकार को दिए ये आदेश - Basic Education Department Teachers

Nainital High Court on Teachers नैनीताल हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए साल 2006 में विधानसभा में अधिनियम पारित किए जाने से पहले की सेवाओं को भी इसमें शामिल करने का आदेश दिया है. साथ ही सरकार से 8 हफ्ते के भीतर निर्णय लेने को कहा है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 29, 2024, 9:52 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने साल 2006 में विधानसभा में अधिनियम पारित किए जाने से पहले की सेवाओं को भी इसमें शामिल करने का आदेश दिया है. इस अधिनियम की वजह से उनका उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा बोर्ड से राज्य सरकार में स्थानांतरण कर दिया गया था. अब कोर्ट ने राज्य सरकार को वरिष्ठता, अवकाश नकदीकरण और अन्य प्रासंगिक पहलुओं समेत सभी सेवा लाभों से संबंधित दावों पर 8 हफ्ते के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं.

पूरे मामले की सुनवाई न्यायाधीश व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई. बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें याचिकाकर्ताओं का कहना था कि वो बेसिक शिक्षा बोर्ड, उत्तर प्रदेश में कार्यरत थे. राज्य के पुनर्गठन के बाद विधानमंडल ने साल 2006 में उत्तरांचल विद्यालय शिक्षा अधिनियम लागू किया. अधिनियम की धारा 58 में यह प्रावधान था कि बेसिक शिक्षा बोर्ड के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को राज्य सरकार में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जिससे वो उत्तराखंड राज्य सरकार के कर्मचारी बन जाएंगे.

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 24 जून 2006 को एक सरकारी आदेश जारी किया गया. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि राज्य बनने के बाद बेसिक शिक्षा में कार्यरत कर्मचारी राज्य सरकार की नई नियमावली के तहत स्थायी कर्मचारी माने गए, लेकिन उनकी ओर से पूर्व में की गई सेवाओं का लाभ राज्य सरकार ने नहीं दिया. इसलिए उनको राज्य कर्मचारी मानते हुए पूर्व में उनकी ओर से की गई सेवाओं का लाभ दिया जाए.

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पूरे मामले की सुनवाई न्यायाधीश व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई. बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें याचिकाकर्ताओं का कहना था कि वो बेसिक शिक्षा बोर्ड, उत्तर प्रदेश में कार्यरत थे. राज्य के पुनर्गठन के बाद विधानमंडल ने साल 2006 में उत्तरांचल विद्यालय शिक्षा अधिनियम लागू किया. अधिनियम की धारा 58 में यह प्रावधान था कि बेसिक शिक्षा बोर्ड के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को राज्य सरकार में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जिससे वो उत्तराखंड राज्य सरकार के कर्मचारी बन जाएंगे.

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 24 जून 2006 को एक सरकारी आदेश जारी किया गया. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि राज्य बनने के बाद बेसिक शिक्षा में कार्यरत कर्मचारी राज्य सरकार की नई नियमावली के तहत स्थायी कर्मचारी माने गए, लेकिन उनकी ओर से पूर्व में की गई सेवाओं का लाभ राज्य सरकार ने नहीं दिया. इसलिए उनको राज्य कर्मचारी मानते हुए पूर्व में उनकी ओर से की गई सेवाओं का लाभ दिया जाए.

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