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स्कूल में शिक्षक नहीं करवाते पढ़ाई, ग्रामीणों ने ताला जड़कर जताया विरोध - villagers protest by locking School - VILLAGERS PROTEST BY LOCKING SCHOOL

राजसमंद के देलवाड़ा ब्लॉक के कालीवास पंचायत में सरकारी स्कूल पर ग्रामीणों ने ताड़ा जड़कर विरोध जताया. ग्रामीणों का आरोप है कि यहां तैनात दोनों शिक्षक केवल सेल्फियां लेते हैं, बच्चों को पढ़ाई नहीं करवाते.

VILLAGERS PROTEST BY LOCKING SCHOOL
स्कूल में शिक्षक नहीं करवाते पढ़ाई (Photo : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 3, 2024, 1:08 PM IST

स्कूल में शिक्षक नहीं करवाते पढ़ाई (Video : Etv Bharat)

राजसमंद. देलवाड़ा ब्लॉक में कालीवास पंचायत के राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल बरवालिया के मुख्य द्वार पर बुधवार सुबह ग्रामीणों ने ताला जड़कर शिक्षा विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में कार्यरत दोनों शिक्षक पढ़ाई नहीं कराते. ग्रामीणों ने उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है.

ग्रामीणों का कहना है कि दो साल से लगातार शिक्षा विभाग को लिखित व मौखिक तौर पर कई बार शिकायत की गई, लेकिन विभाग सुध नहीं ले रहा है. इसलिए ग्रामीणों को मजबूरन स्कूल पर ताला जड़ना पड़ा है. सरकार से हजारों रुपए का वेतन उठाने के बावजूद ये शिक्षक पढ़ाई नहीं करवाते, जिसकी वजह से कक्षा 5 व 6 में पढ़ने वाले छात्रों को किताब पढ़ना तक नहीं आ रहा. ग्रामीणों का आरोप है कि ऐसे लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ पिछले तीन साल से लगातार शिकायतें करने के बावजूद शिक्षा विभाग कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है. क्यों उनके बच्चों के भविष्य को बिगाड़ने पर शिक्षा विभाग अड़ा हुआ है.

बरवालिया एसएमसी के पूर्व अध्यक्ष भोपाल सिंह परमार ने बताया कि राजकीय उच्च प्राथमिक स्कल बरवालिया में 70 छात्र छात्राओं का नामांकन है. स्कूल में शिक्षक हेमंत श्रीमाली व नर्मदा बुनकर कार्यरत हैं, लेकिन वे छात्रों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं. पहली से आठवीं तक हर कक्षा में बिना पढ़ना-लिखना सीखे ही छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रमोट किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि बरवालिया स्कूल में उनके बच्चे पढ़कर भी अनपढ़ रह गए हैं, जिसका जिम्मेदार कौन है. आखिर ऐसे हालात होने के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा इन लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है.

इसे भी पढ़ें : आज से स्कूलों में शिक्षक नहीं करेंगे एंड्रॉयड फोन का इस्तेमाल, कई कार्य होंगे बाधित - Android Phone in Schools

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक दोनों शिक्षकों को बरवालिया से नहीं हटाया जाएगा, तब तक वे स्कूल के ताले नहीं खोलने देंगे. ग्रामीणों ने शिक्षकों के साथ शिक्षा विभाग व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. बड़ी तादाद में छात्र, महिलाएं व ग्रामवासी वहां मौजूद थे. ग्रामीणों के प्रदर्शन पर संज्ञान लेते हुए ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी ने ग्रामीणों से दुरभाष पर बात की और ग्रामीणों को संबंधित शिक्षकों को एपीओ करने का आश्वासन दिया. इसके बाद ग्रामीणों ने स्कूल के ताले खोले.

सूचना पर कालीवास से पंचायत मुख्य शिक्षा अधिकारी लीला चौहान ने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों से समझाइश का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण मांगें नहीं मानने तक हिलने को तैयार नहीं. इधर पंचायत मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी लीला चौहान ने बताया कि बरवालिया स्कूल में दोनों शिक्षकों की ग्रामीणों ने पहले भी शिकायत की, जिसको लेकर मैंने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया था.

स्कूल में शिक्षक नहीं करवाते पढ़ाई (Video : Etv Bharat)

राजसमंद. देलवाड़ा ब्लॉक में कालीवास पंचायत के राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल बरवालिया के मुख्य द्वार पर बुधवार सुबह ग्रामीणों ने ताला जड़कर शिक्षा विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में कार्यरत दोनों शिक्षक पढ़ाई नहीं कराते. ग्रामीणों ने उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है.

ग्रामीणों का कहना है कि दो साल से लगातार शिक्षा विभाग को लिखित व मौखिक तौर पर कई बार शिकायत की गई, लेकिन विभाग सुध नहीं ले रहा है. इसलिए ग्रामीणों को मजबूरन स्कूल पर ताला जड़ना पड़ा है. सरकार से हजारों रुपए का वेतन उठाने के बावजूद ये शिक्षक पढ़ाई नहीं करवाते, जिसकी वजह से कक्षा 5 व 6 में पढ़ने वाले छात्रों को किताब पढ़ना तक नहीं आ रहा. ग्रामीणों का आरोप है कि ऐसे लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ पिछले तीन साल से लगातार शिकायतें करने के बावजूद शिक्षा विभाग कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है. क्यों उनके बच्चों के भविष्य को बिगाड़ने पर शिक्षा विभाग अड़ा हुआ है.

बरवालिया एसएमसी के पूर्व अध्यक्ष भोपाल सिंह परमार ने बताया कि राजकीय उच्च प्राथमिक स्कल बरवालिया में 70 छात्र छात्राओं का नामांकन है. स्कूल में शिक्षक हेमंत श्रीमाली व नर्मदा बुनकर कार्यरत हैं, लेकिन वे छात्रों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं. पहली से आठवीं तक हर कक्षा में बिना पढ़ना-लिखना सीखे ही छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रमोट किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि बरवालिया स्कूल में उनके बच्चे पढ़कर भी अनपढ़ रह गए हैं, जिसका जिम्मेदार कौन है. आखिर ऐसे हालात होने के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा इन लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है.

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ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक दोनों शिक्षकों को बरवालिया से नहीं हटाया जाएगा, तब तक वे स्कूल के ताले नहीं खोलने देंगे. ग्रामीणों ने शिक्षकों के साथ शिक्षा विभाग व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. बड़ी तादाद में छात्र, महिलाएं व ग्रामवासी वहां मौजूद थे. ग्रामीणों के प्रदर्शन पर संज्ञान लेते हुए ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी ने ग्रामीणों से दुरभाष पर बात की और ग्रामीणों को संबंधित शिक्षकों को एपीओ करने का आश्वासन दिया. इसके बाद ग्रामीणों ने स्कूल के ताले खोले.

सूचना पर कालीवास से पंचायत मुख्य शिक्षा अधिकारी लीला चौहान ने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों से समझाइश का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण मांगें नहीं मानने तक हिलने को तैयार नहीं. इधर पंचायत मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी लीला चौहान ने बताया कि बरवालिया स्कूल में दोनों शिक्षकों की ग्रामीणों ने पहले भी शिकायत की, जिसको लेकर मैंने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया था.

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