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रिटायरमेंट के बाद भी स्कूल से नहीं टूटा नाता, 19 साल से निशुल्क पढ़ाने वाले नागेंद्र साह बोले- 'अंतिम सांस तक पढ़ाऊंगा' - Teachers Day 2024

Retired Teacher Nagendra Sah: शिक्षक दिवस के मौके पर आज ईटीवी भारत आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे है, जिन्होंने 35 सालों तक बतौर सरकारी शिक्षक स्कूल में सेवा दी. इतना ही नहीं सेवानिवृत होने के बाद उन्होंने घर में बैठना मुनासिब नहीं समझा और पिछले 19 साल से स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे हैं वो भी निशुल्क. मिलिए बिहार के शिवहर के शिक्षक नागेंद्र साह से.

Retired teacher Nagendra Sah
शिवहर के रिटायर शिक्षक नागेंद्र साह (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 5, 2024, 6:43 AM IST

Updated : Sep 5, 2024, 11:39 AM IST

शिवहर के रिटायर शिक्षक नागेंद्र साह की पहल (ETV Bharat)

शिवहर: धन चोरी या खत्म हो सकता है, लेकिन विद्या का क्षय कभी नहीं होता है. इसे आप से कोई नहीं छीन सकता है और इसे जितना बांटा जाए उतना ही यह बढ़ता है. शिवहर के सेवानिवृत शिक्षक नागेंद्र साह का कुछ ऐसा ही मानना है. उनका कहना है कि 35 साल तक बच्चों को पढ़ाने के लिए सैलरी मिली, लेकिन वो खुशी नहीं मिली जो पिछले 19 साल से निशुल्क पढ़ाने पर मिल रही है.

Teachers Day 2024
सेवानिवृत शिक्षक नागेंद्र साह (ETV Bharat)

विद्यादान कर रहे रिटायर शिक्षक नागेंद्र साह: सेवानिवृत होने के बाग अधिकांश लोग अपने परिवार के साथ समय गुजारना पसंद करते है,लेकिन शिवहर जिला के महुअरिया गांव निवासी नागेंद्र साह सेवानिवृत होने के बाद भी लगातार 19 वर्षों से नवाब हाई स्कूल में निरंतर व निशुल्क पढ़ा रहे हैं. समान्य स्थिति में उम्र के अंतिम पड़ाव में हर व्यक्ति घर की जवाबदेही से मुक्त होकर आराम की जिन्दगी व्यतीत करना चाहता है, लेकिन सेवानिवृत होने के बाद भी नागेंद्र साह में शिक्षा दान करने का जज्बा बरकरार है

"मुझे शिक्षादान से काफी सुकून मिलता है. परिवार से भी मुझे काफी सहयोग मिलता रहा है. मेरे कई छात्र आज विभिन्न सरकारी सेवाओं से जुड़कर जिले का नाम रौशन कर रहे हैं. मैं अंतिम सांस तक शिक्षादान करना चाहता हूं. जब मैं सेवानिवृत्त हो रहा था तो स्कूल के बच्चे काफी निराश और दुखी थे."- नागेंद्र साह, सेवानिवृत शिक्षक

Teachers Day 2024
शिवहर के रिटायर शिक्षक नागेंद्र साह (ETV Bharat)

'इस कारण लिया निरंतर पढ़ाने का फैसला': रिटायरमेंट के दिन को याद कर साह कहते हैं कि स्कूल के विद्यार्थी मुझे काफी परेशान दिखे. उन्होंने मुझसे पूछा कि सर, अब हमें कौन पढ़ाएगा. उस दिन बच्चों को उदास देखकर मैंने निश्चय किया कि जब तक जीवित हूं, बच्चों को निशुल्क शिक्षा दान करता रहूंगा.

नागेंद्र सर के मुरीद है विद्यार्थी: वहीं छात्र-छात्राएं भी अपने नागेंद्र सर की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं. सभी का कहना है कि सर जो पढ़ाते हैं वो आसानी से समझ में आ जाता है. सर पैदल ही स्कूल आते हैं. ऐसा कभी नहीं होता जब वो स्कूल में पढ़ाने ना आएं. इस उम्र में भी पढ़ाने का ऐसा जज्बा बहुत कम ही देखने को मिलता है.

"सर राजनीति शास्त्र पढ़ाते हैं. वह बहुत अच्छा पढ़ाते हैं. जो भी समझते हैं समझ में आ जाता है. कठिन विषय को ऐसे बढ़ाते हैं कि वह समझ में आ जाता है. व्यवहार भी सर का बहुत अच्छा है. बच्चे हल्ला करते हैं तो सर डांटते भी हैं."- पुष्पा, नौवीं कक्षा की छात्रा

"बहुत अच्छा पढ़ाते हैं. जो भी पढ़ाते हैं वह हमें अच्छे से समझ में आता है."- आशीष, छात्र

Teachers Day 2024
नागेंद्र साह के क्लास में छात्र-छात्राएं (ETV Bharat)

"नागेंद्र सर 19 वर्षों से हमें शिक्षा दे रहें है. सेवानिवृत होने के बाद भी हर रोज वह पैदल चलकर के आते हैं. सर विषयों की शुरुआत पहले इंट्रोडक्शन से करते हैं और कठिन चीजों को सरल तरीके से समझा देते हैं."- कुणाल, छात्र

कौन हैं शिक्षक नागेंद्र साह: नागेंद्र साह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि 35 वर्षों तक वेतन लेकर पढ़ाने से कही ज्यादा आनंद 19 वर्षों से निशुल्क पढ़ाने में मिल रहा है. नागेंद्र साह का जन्म 26 अगस्त 1945 को शिवहर प्रखंड के हरनाही पंचायत स्थित महुअरिया गांव में हुआ. उनके पिता जी का नाम स्व0 भोला साह और माता का नाम समुन्दरी देवी है. उनका विवाह साल 1966 में पिपराही प्रखंड के नारायणपुर गांव में ठाकुर महतो की पुत्री मति लालवती देवी से हुआ.

जिस स्कूल से पढ़े..वहीं बने टीचर: बात शैक्षणिक सफर की करें तो उनकी प्राथमिक शिक्षा महुअरिया के प्राथमिक विद्यालय से ही शुरू हुई. जिसके बाद आदर्श मध्य विद्यालय से मध्य विद्यालय का शिक्षा प्राप्त किया. नवाब हाई स्कूल शिवहर से 1962 में उच्च माध्यमिक की परीक्षा पास की. इसके बाद वो गोयनका कॉलेज सीतामढ़ी से सन 1965 में बीकॉम की परीक्षा में उतीर्ण हुए. साह 30 अगस्त 1970 को नवाब हाई स्कूल में शिक्षक के रूप में बहाल हुए थे.

Teachers Day 2024
छात्रों का पढ़ाते रिटायर शिक्षक नागेंद्र साह (ETV Bharat)

"मैं 10 सालों से स्कूल में पढ़ा रहा हूं. नागेंद्र सर की जो मेहनत है वह बच्चों के प्रति बहुत गहरी मेहनत है. सर 19 वर्षों से निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं, यह बड़ी बात है. इस उम्र में पैदल आकर के विद्यालय में सेवा देना यह सभी की बस की बात नहीं होती है."- राजीव कुमार बादल, टीचर

"नागेंद्र सर रिटायरमेंट के बाद भी विद्यालय में निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं और बच्चों का उचित पठन पाठ कर रहे हैं. बच्चे भी बहुत लाभान्वित हो रहे हैं. यह उनका बहुत बड़ा त्याग है. इस उम्र में भी वह निरंतर और हर रोज विद्यालय में आकर के बच्चों को पढ़ाते हैं."- अबू जफर आलम, प्राचार्य, नवाब हाई स्कूल

Teachers Day 2024
नागेंद्र साह के नाम पर गांव की सड़क का नाम (ETV Bharat)

शिक्षक के नाम पर गांव में एक पथ: साह का तबादला 1995 में द्वारका नाथ हाई स्कूल मुजफ्फरपुर में हुआ था, लेकिन वे पुनः 1998 में नवाब हाई स्कूल शिवहर में ही आ गए. बता दें कि शिवहर जिले के महुअरिया गांव मे जाने वाले एक पथ का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है. जिसे यात्री नागेंद्र पथ के नाम से जानते हैं. साह 35 वर्षों तक नौकरी करने के बाद 31 अगस्त 2005 को सेवानिवृत्त हुए. तब से लेकर आज तक नवाब हाई स्कूल में ही निशुल्क शिक्षा दान कर रहे हैं.

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शिवहर के रिटायर शिक्षक नागेंद्र साह की पहल (ETV Bharat)

शिवहर: धन चोरी या खत्म हो सकता है, लेकिन विद्या का क्षय कभी नहीं होता है. इसे आप से कोई नहीं छीन सकता है और इसे जितना बांटा जाए उतना ही यह बढ़ता है. शिवहर के सेवानिवृत शिक्षक नागेंद्र साह का कुछ ऐसा ही मानना है. उनका कहना है कि 35 साल तक बच्चों को पढ़ाने के लिए सैलरी मिली, लेकिन वो खुशी नहीं मिली जो पिछले 19 साल से निशुल्क पढ़ाने पर मिल रही है.

Teachers Day 2024
सेवानिवृत शिक्षक नागेंद्र साह (ETV Bharat)

विद्यादान कर रहे रिटायर शिक्षक नागेंद्र साह: सेवानिवृत होने के बाग अधिकांश लोग अपने परिवार के साथ समय गुजारना पसंद करते है,लेकिन शिवहर जिला के महुअरिया गांव निवासी नागेंद्र साह सेवानिवृत होने के बाद भी लगातार 19 वर्षों से नवाब हाई स्कूल में निरंतर व निशुल्क पढ़ा रहे हैं. समान्य स्थिति में उम्र के अंतिम पड़ाव में हर व्यक्ति घर की जवाबदेही से मुक्त होकर आराम की जिन्दगी व्यतीत करना चाहता है, लेकिन सेवानिवृत होने के बाद भी नागेंद्र साह में शिक्षा दान करने का जज्बा बरकरार है

"मुझे शिक्षादान से काफी सुकून मिलता है. परिवार से भी मुझे काफी सहयोग मिलता रहा है. मेरे कई छात्र आज विभिन्न सरकारी सेवाओं से जुड़कर जिले का नाम रौशन कर रहे हैं. मैं अंतिम सांस तक शिक्षादान करना चाहता हूं. जब मैं सेवानिवृत्त हो रहा था तो स्कूल के बच्चे काफी निराश और दुखी थे."- नागेंद्र साह, सेवानिवृत शिक्षक

Teachers Day 2024
शिवहर के रिटायर शिक्षक नागेंद्र साह (ETV Bharat)

'इस कारण लिया निरंतर पढ़ाने का फैसला': रिटायरमेंट के दिन को याद कर साह कहते हैं कि स्कूल के विद्यार्थी मुझे काफी परेशान दिखे. उन्होंने मुझसे पूछा कि सर, अब हमें कौन पढ़ाएगा. उस दिन बच्चों को उदास देखकर मैंने निश्चय किया कि जब तक जीवित हूं, बच्चों को निशुल्क शिक्षा दान करता रहूंगा.

नागेंद्र सर के मुरीद है विद्यार्थी: वहीं छात्र-छात्राएं भी अपने नागेंद्र सर की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं. सभी का कहना है कि सर जो पढ़ाते हैं वो आसानी से समझ में आ जाता है. सर पैदल ही स्कूल आते हैं. ऐसा कभी नहीं होता जब वो स्कूल में पढ़ाने ना आएं. इस उम्र में भी पढ़ाने का ऐसा जज्बा बहुत कम ही देखने को मिलता है.

"सर राजनीति शास्त्र पढ़ाते हैं. वह बहुत अच्छा पढ़ाते हैं. जो भी समझते हैं समझ में आ जाता है. कठिन विषय को ऐसे बढ़ाते हैं कि वह समझ में आ जाता है. व्यवहार भी सर का बहुत अच्छा है. बच्चे हल्ला करते हैं तो सर डांटते भी हैं."- पुष्पा, नौवीं कक्षा की छात्रा

"बहुत अच्छा पढ़ाते हैं. जो भी पढ़ाते हैं वह हमें अच्छे से समझ में आता है."- आशीष, छात्र

Teachers Day 2024
नागेंद्र साह के क्लास में छात्र-छात्राएं (ETV Bharat)

"नागेंद्र सर 19 वर्षों से हमें शिक्षा दे रहें है. सेवानिवृत होने के बाद भी हर रोज वह पैदल चलकर के आते हैं. सर विषयों की शुरुआत पहले इंट्रोडक्शन से करते हैं और कठिन चीजों को सरल तरीके से समझा देते हैं."- कुणाल, छात्र

कौन हैं शिक्षक नागेंद्र साह: नागेंद्र साह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि 35 वर्षों तक वेतन लेकर पढ़ाने से कही ज्यादा आनंद 19 वर्षों से निशुल्क पढ़ाने में मिल रहा है. नागेंद्र साह का जन्म 26 अगस्त 1945 को शिवहर प्रखंड के हरनाही पंचायत स्थित महुअरिया गांव में हुआ. उनके पिता जी का नाम स्व0 भोला साह और माता का नाम समुन्दरी देवी है. उनका विवाह साल 1966 में पिपराही प्रखंड के नारायणपुर गांव में ठाकुर महतो की पुत्री मति लालवती देवी से हुआ.

जिस स्कूल से पढ़े..वहीं बने टीचर: बात शैक्षणिक सफर की करें तो उनकी प्राथमिक शिक्षा महुअरिया के प्राथमिक विद्यालय से ही शुरू हुई. जिसके बाद आदर्श मध्य विद्यालय से मध्य विद्यालय का शिक्षा प्राप्त किया. नवाब हाई स्कूल शिवहर से 1962 में उच्च माध्यमिक की परीक्षा पास की. इसके बाद वो गोयनका कॉलेज सीतामढ़ी से सन 1965 में बीकॉम की परीक्षा में उतीर्ण हुए. साह 30 अगस्त 1970 को नवाब हाई स्कूल में शिक्षक के रूप में बहाल हुए थे.

Teachers Day 2024
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"मैं 10 सालों से स्कूल में पढ़ा रहा हूं. नागेंद्र सर की जो मेहनत है वह बच्चों के प्रति बहुत गहरी मेहनत है. सर 19 वर्षों से निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं, यह बड़ी बात है. इस उम्र में पैदल आकर के विद्यालय में सेवा देना यह सभी की बस की बात नहीं होती है."- राजीव कुमार बादल, टीचर

"नागेंद्र सर रिटायरमेंट के बाद भी विद्यालय में निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं और बच्चों का उचित पठन पाठ कर रहे हैं. बच्चे भी बहुत लाभान्वित हो रहे हैं. यह उनका बहुत बड़ा त्याग है. इस उम्र में भी वह निरंतर और हर रोज विद्यालय में आकर के बच्चों को पढ़ाते हैं."- अबू जफर आलम, प्राचार्य, नवाब हाई स्कूल

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नागेंद्र साह के नाम पर गांव की सड़क का नाम (ETV Bharat)

शिक्षक के नाम पर गांव में एक पथ: साह का तबादला 1995 में द्वारका नाथ हाई स्कूल मुजफ्फरपुर में हुआ था, लेकिन वे पुनः 1998 में नवाब हाई स्कूल शिवहर में ही आ गए. बता दें कि शिवहर जिले के महुअरिया गांव मे जाने वाले एक पथ का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है. जिसे यात्री नागेंद्र पथ के नाम से जानते हैं. साह 35 वर्षों तक नौकरी करने के बाद 31 अगस्त 2005 को सेवानिवृत्त हुए. तब से लेकर आज तक नवाब हाई स्कूल में ही निशुल्क शिक्षा दान कर रहे हैं.

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Last Updated : Sep 5, 2024, 11:39 AM IST
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