जयपुर: प्रदेश में राज्य सरकार के रुख से पुरानी पेंशन योजना पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. इससे राज्य के कर्मचारी आशंकित हो गए हैं और उनमें आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है. इसी तरह अध्यापकों के स्थानांतरण के मुद्दे पर शिक्षकों के सब्र का बांध टूटने लगा है. राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सियाग ने आरोप लगाया कि राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना राज्य में दोबारा लागू कर दिया था, लेकिन राज्य में सत्ता बदलने के बाद भजनलाल शर्मा सरकार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की निरंतरता के संबंध में आश्वस्त करने के लिए तैयार नहीं है.
एनपीएस के खिलाफ देश भर में प्रकट हुए भारी विरोध और आम चुनावों के जनादेश के बावजूद केंद्र सरकार ओपीएस लागू करने के लिए तैयार नहीं है. अब कर्मचारियों को भ्रमित करने के लिए एनपीएस के स्थान पर यूपीएस लागू करने का विकल्प दिया है. राज्य सरकार और राज्य के मंत्री ओपीएस के मुद्दे पर चुप्पी साध कर कर्मचारियों की आशंका को बढ़ा रहे हैं.
वहीं, सिहाग ने कहा कि राज्य के अध्यापक वर्षों से न्यायपूर्ण स्थानांतरण की बाट जोह रहे हैं. सरकारें बदल जाती हैं, लेकिन अध्यापकों के तबादले नहीं हो रहे हैं. इससे राज्य के शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है. सभी संवर्गों के शिक्षक पदोन्नति के लिए वर्षों से इंतजार कर रहे हैं. पदोन्नति में लगातार विलंब से शिक्षक नाराज हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निहित प्रावधान और शिक्षकों पर थोपे गए गैर शैक्षिक कार्यों ने सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था के सामने गंभीर चुनौती पैदा कर दी है. ऐसे में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य भर में 100 से ज्यादा स्थानों पर शिक्षक पंचायतों का आयोजन किया जाएगा. इन शिक्षक पंचायतों में आगे के आंदोलन और कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी.