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युवाओं में घातक बीमारी टीबी का खतरा, बढ़ रहे मरीज - TB patients in Alwar

अलवर जिले में टीबी रोग का खतरा मंडरा रहा है. जिले में हर साल टीबी के करीब 11 हजार नए मरीज सामने आ रहे हैं.

TB patients in Alwar
युवाओं में बढ़ रहा घातक बीमारी टीबी का खतरा (Photo Etv Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 3, 2024, 10:04 PM IST

अलवर: जिले में हर साल टीबी के करीब 11 हजार नए मरीज सामने आ रहे हैं, जो कि स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता की बड़ी बात है. पड़ोसी राज्य हरियाणा के टीबी पीड़ित भी अच्छा इलाज एवं दवा आदि की सरकारी सुविधा मिलने के कारण अलवर के टीबी अस्पताल पहुंचकर इलाज ले रहे हैं.

टीबी अस्पताल के श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ कपिल भारद्वाज ने बताया कि टीबी किसी भी अंग में हो सकती है. किसी भी व्यक्ति को टीबी की शिकायत होने पर रोग को छिपाने के बजाय तुरंत अस्पताल पहुंच चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि डायबिटिज के रोगी, एचआईवी, कैंसर थैरेपी के रोगी या टीबी के रोगियों के परिजनों को भी खांसी व टीबी से संबंधित कोई लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.

युवाओं में बढ़ रहा घातक बीमारी टीबी का खतरा, बढ़ रहे मरीज (Video Etv Bharat Alwar)

पढ़ें: प्रदेश के लिए राहत भरी खबर, राजस्थान की 586 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित

युवाओं में टीबी के लक्षण मिलना चिंताजनक: टीबी अस्पताल के श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ कपिल भारद्वाज ने बताया कि अलवर के टीबी अस्पताल में आने वाले ज्यादातर मरीज युवा हैं, इनकी उम्र 16 से 30 वर्ष की है. युवाओं में टीबी के लक्षण मिलना चिंताजनक है. उन्होंने बताया कि अलवर के टीबी अस्पताल की प्रतिदिन की ओपीडी 200 से 225 तक रहती है. डॉ कपिल भारद्वाज ने बताया कि प्राय: देखा गया है कि लोग कुछ दिन टीबी का इलाज लेने के बाद बीच में ही अधूरा छोड़ देते हैं. रोगियों की ओर से ऐसा करना उनके स्वास्थ्य के प्रति घातक रहता है. उन्होंने बताया कि अलवर के टीबी अस्पताल में इस साल 8283 रोगियों ने परामर्श लिया है, जो कि पिछले साल से करीब एक हजार ज्यादा हैं.

हर साल 11 हजार रोगियों की जांच का लक्ष्य: केन्द्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का अभियान शुरू किया है. इसी के तहत अलवर टीबी अस्पताल को हर साल करीब 11 हजार रोगियों की जांच का लक्ष्य दिया गया है, जो कि अलवर में पिछले तीन साल से पूरा किया जा रहा है. अलवर में टीबी रोगियों की संख्या बढ़ने का बड़ा कारण पड़ोसी राज्य हरियाणा के रोगियों का आना भी है. हर साल हरियाणा से बड़ी संख्या में रोगी अलवर टीबी अस्पताल में जांच व इलाज के लिए आते हैं. इसका कारण है कि अलवर में टीबी रोगियों को बेहतर इलाज दिया जा रहा है.

अलवर: जिले में हर साल टीबी के करीब 11 हजार नए मरीज सामने आ रहे हैं, जो कि स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता की बड़ी बात है. पड़ोसी राज्य हरियाणा के टीबी पीड़ित भी अच्छा इलाज एवं दवा आदि की सरकारी सुविधा मिलने के कारण अलवर के टीबी अस्पताल पहुंचकर इलाज ले रहे हैं.

टीबी अस्पताल के श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ कपिल भारद्वाज ने बताया कि टीबी किसी भी अंग में हो सकती है. किसी भी व्यक्ति को टीबी की शिकायत होने पर रोग को छिपाने के बजाय तुरंत अस्पताल पहुंच चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि डायबिटिज के रोगी, एचआईवी, कैंसर थैरेपी के रोगी या टीबी के रोगियों के परिजनों को भी खांसी व टीबी से संबंधित कोई लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.

युवाओं में बढ़ रहा घातक बीमारी टीबी का खतरा, बढ़ रहे मरीज (Video Etv Bharat Alwar)

पढ़ें: प्रदेश के लिए राहत भरी खबर, राजस्थान की 586 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित

युवाओं में टीबी के लक्षण मिलना चिंताजनक: टीबी अस्पताल के श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ कपिल भारद्वाज ने बताया कि अलवर के टीबी अस्पताल में आने वाले ज्यादातर मरीज युवा हैं, इनकी उम्र 16 से 30 वर्ष की है. युवाओं में टीबी के लक्षण मिलना चिंताजनक है. उन्होंने बताया कि अलवर के टीबी अस्पताल की प्रतिदिन की ओपीडी 200 से 225 तक रहती है. डॉ कपिल भारद्वाज ने बताया कि प्राय: देखा गया है कि लोग कुछ दिन टीबी का इलाज लेने के बाद बीच में ही अधूरा छोड़ देते हैं. रोगियों की ओर से ऐसा करना उनके स्वास्थ्य के प्रति घातक रहता है. उन्होंने बताया कि अलवर के टीबी अस्पताल में इस साल 8283 रोगियों ने परामर्श लिया है, जो कि पिछले साल से करीब एक हजार ज्यादा हैं.

हर साल 11 हजार रोगियों की जांच का लक्ष्य: केन्द्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का अभियान शुरू किया है. इसी के तहत अलवर टीबी अस्पताल को हर साल करीब 11 हजार रोगियों की जांच का लक्ष्य दिया गया है, जो कि अलवर में पिछले तीन साल से पूरा किया जा रहा है. अलवर में टीबी रोगियों की संख्या बढ़ने का बड़ा कारण पड़ोसी राज्य हरियाणा के रोगियों का आना भी है. हर साल हरियाणा से बड़ी संख्या में रोगी अलवर टीबी अस्पताल में जांच व इलाज के लिए आते हैं. इसका कारण है कि अलवर में टीबी रोगियों को बेहतर इलाज दिया जा रहा है.

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