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ताजमहल या तेजोमहालय विवाद; UP टूरिज्म के जवाब पर वादी ने आपत्ति दर्ज कराने के लिए मांगा समय - TAJ MAHAL CONTROVERSY

आगरा की कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 13 जनवरी की तारीख दी, योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट ने दायर किया है वाद

ताजमहल.
ताजमहल. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

आगरा: ताजमहल या तेजोमहालय मामले की गुरुवार को अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट में यूपी टूरिज्म के महानिदेशक की ओर से अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता सूरज कुमार ने अपना लिखित जवाब दाखिल किया. वहीं, अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने इसमें आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा है. जिस पर पर न्यायाधीश नजमा गोमला ने इस मामले की सुनवाई की अलगी तारीख 13 जनवरी दी है.

योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट की ओर से 27 मार्च 2024 को एक वाद दायर किया गया था. वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि ताजमहल या तेजोमहालय वाद की सुनवाई न्यायाधीश नजमा गोमला की अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की कोर्ट में चल रही है. जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), यूपी टूरिज्म विभाग और अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि ताजमहल या तेजामहालय या तेजोलिंग महादेव का मंदिर है. इस मामले में पिछली सुनवाई 8 नवंबर को हुई थी. जिसमें भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव, एएसआई के महानिदेशक, एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद, यूपी टूरिज्म के महानिदेशक हैं.

आरटीआई में एएसआई ने दी थी ये जानकारी: वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि मैंने एएसआई से सान 2023 में आरटीआई में कई सवाल पर जानकारी मांगी थी. जिसमें ताजमहल कब बनना शुरू हुआ और कब खत्म हुआ? ताजमहल के भवन की उम्र क्या है? इसके जवाब में एएसआई ने जानकारी दी थी कि ताजमहल एक रिसर्च का विषय है. इसके लिए आप ताजमहल की वेबसाइट और संबंधित पुस्तकों को पढ़ सकते हैं. इसके बाद मैंने सन 1946 के एएसआई के बुलेटिन में एएसआई के महानिदेशक माधोस्वरूप वत्स के लेख रिपेयरिंग ऑफ ताजमहल को पढा. जिसमें लिखा है कि ताजमहल का शिल्पकार एक विवादित तथ्य है. सन 1652 में औरंगजेब के एक पत्र के अनुसार, ताजमहल के शिल्पकारों के पास ताजमहल में बरसात में जो रिसाव हुआ था. उसकी मरम्मत के कोई सुझाव उपलब्ध नहीं थे. जब एएसआई ने ताजमहल के मुख्य गुंबद की मरम्मत शुरू की तो एएसआई को अंदर से गुंबद गोलाकार नहीं मिला. उसमें जगह-जगह चूना पत्थर भरे गए थे.

तेजो मतलब शिवजी, बेर का अर्थ मंदिर: अजय प्रताप सिंह का कहना है कि जब मैंने ताजमहल के बारे में रिसर्च करना शुरू किया तो बाबरनामा, हुमायूंनामा, रॉयल एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल, एएसआई के बुलेटिन, एपिग्राफिका इंडिका, विश्वकर्मा प्रकाश, पुराण समेत अन्य किताबें पढ़ीं. जिसमें ये बात सामने आई कि शिव सहस्त्र नाम स्त्रोत के अनुसार तेजो नाम शिवजी का है. विश्वकर्मा प्रकाश में तेजोलिंग बेर निर्माण का वर्णन है. संस्कृत में बेर का अर्थ मंदिर होता है. एपिग्राफिका इंडिका में बटेश्वर शिलालेख के अनुसार, राजा परमाल देव ने फिटकरी के समान सफेद रंग का शिवजी का मंदिर सन 1194 में बनवाया था. ताज गार्डेन जिसका मूल नाम चारबाग है. आगरा गजेटियर, एएसआई बुलेटिन और रॉयल एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल के जनरल के मुताबिक, ताजमहल का शिल्पकार विवादित है.

इसे भी पढ़ें-ताजमहल या तेजोमहालय: ASI ने वादी बनाने की अर्जी पर दाखिल की आपत्ति, जानिए पूरा मामला

आगरा: ताजमहल या तेजोमहालय मामले की गुरुवार को अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट में यूपी टूरिज्म के महानिदेशक की ओर से अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता सूरज कुमार ने अपना लिखित जवाब दाखिल किया. वहीं, अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने इसमें आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा है. जिस पर पर न्यायाधीश नजमा गोमला ने इस मामले की सुनवाई की अलगी तारीख 13 जनवरी दी है.

योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट की ओर से 27 मार्च 2024 को एक वाद दायर किया गया था. वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि ताजमहल या तेजोमहालय वाद की सुनवाई न्यायाधीश नजमा गोमला की अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की कोर्ट में चल रही है. जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), यूपी टूरिज्म विभाग और अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि ताजमहल या तेजामहालय या तेजोलिंग महादेव का मंदिर है. इस मामले में पिछली सुनवाई 8 नवंबर को हुई थी. जिसमें भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव, एएसआई के महानिदेशक, एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद, यूपी टूरिज्म के महानिदेशक हैं.

आरटीआई में एएसआई ने दी थी ये जानकारी: वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि मैंने एएसआई से सान 2023 में आरटीआई में कई सवाल पर जानकारी मांगी थी. जिसमें ताजमहल कब बनना शुरू हुआ और कब खत्म हुआ? ताजमहल के भवन की उम्र क्या है? इसके जवाब में एएसआई ने जानकारी दी थी कि ताजमहल एक रिसर्च का विषय है. इसके लिए आप ताजमहल की वेबसाइट और संबंधित पुस्तकों को पढ़ सकते हैं. इसके बाद मैंने सन 1946 के एएसआई के बुलेटिन में एएसआई के महानिदेशक माधोस्वरूप वत्स के लेख रिपेयरिंग ऑफ ताजमहल को पढा. जिसमें लिखा है कि ताजमहल का शिल्पकार एक विवादित तथ्य है. सन 1652 में औरंगजेब के एक पत्र के अनुसार, ताजमहल के शिल्पकारों के पास ताजमहल में बरसात में जो रिसाव हुआ था. उसकी मरम्मत के कोई सुझाव उपलब्ध नहीं थे. जब एएसआई ने ताजमहल के मुख्य गुंबद की मरम्मत शुरू की तो एएसआई को अंदर से गुंबद गोलाकार नहीं मिला. उसमें जगह-जगह चूना पत्थर भरे गए थे.

तेजो मतलब शिवजी, बेर का अर्थ मंदिर: अजय प्रताप सिंह का कहना है कि जब मैंने ताजमहल के बारे में रिसर्च करना शुरू किया तो बाबरनामा, हुमायूंनामा, रॉयल एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल, एएसआई के बुलेटिन, एपिग्राफिका इंडिका, विश्वकर्मा प्रकाश, पुराण समेत अन्य किताबें पढ़ीं. जिसमें ये बात सामने आई कि शिव सहस्त्र नाम स्त्रोत के अनुसार तेजो नाम शिवजी का है. विश्वकर्मा प्रकाश में तेजोलिंग बेर निर्माण का वर्णन है. संस्कृत में बेर का अर्थ मंदिर होता है. एपिग्राफिका इंडिका में बटेश्वर शिलालेख के अनुसार, राजा परमाल देव ने फिटकरी के समान सफेद रंग का शिवजी का मंदिर सन 1194 में बनवाया था. ताज गार्डेन जिसका मूल नाम चारबाग है. आगरा गजेटियर, एएसआई बुलेटिन और रॉयल एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल के जनरल के मुताबिक, ताजमहल का शिल्पकार विवादित है.

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