जयपुर: उत्तर भारत के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को बेहतर इलाज देने के मकसद से नया सिस्टम लॉन्च किया गया है. इसके तहत मरीज या उनके परिजन क्यूआर कोड के माध्यम से इलाज या अन्य व्यवस्थाओं से जुड़ी सीधी शिकायत कर सकेंगे, आमतौर पर सवाई मानसिंह अस्पताल में बड़ी संख्या में हर दिन मरीज भर्ती होते हैं. ऐसे में मरीज और परिजनों की शिकायत रहती है कि उन्हें अच्छी तरह से इलाज नहीं मिल पा रहा. कई बार इस तरह की शिकायत अस्पताल प्रशासन के पास भी पहुंचती है. कई बार वार्ड में चिकित्सा या फिर नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ अन्य मेडिकल स्टाफ उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीज और उनके परिजनों को इधर-उधर भटकना पड़ता है, जिसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने क्यूआर कोड के माध्यम से शिकायत करने से जुडी एक व्यवस्था को शुरू किया है.
इस व्यवस्था को एसएमएस अस्पताल में शुरू किया गया है. इसके यहां सफल होने पर प्रदेश के अन्य बड़े सरकारी अस्पताल में भी यह सुविधा शुरू की जाएगी. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉक्टर मनीष अग्रवाल का कहना था कि अस्पताल प्रशासन ने इसकी तैयारी करीब दो माह पहले ही शुरू कर दी थी. पहले मरीज या फिर परिजनों से हार्ड कॉपी पर फीडबैक लेना शुरू किया था, लेकिन यह सुविधा ट्रांसपेरेंट नहीं थी. उन्होंने कहा कि जब तक गूगल फॉर्म पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी, तब तक ट्रांसपेरेंसी नहीं आएगी. इसके बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से गूगल फॉर्म का फॉर्मेट तैयार किया गया है. फिलहाल यह व्यवस्था सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में शुरू की गई है और जल्द ही अन्य वार्डों में भी लगाई जाएगी.
बिस्तर के पास ही क्यूआर कोड: उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने वार्ड में भर्ती मरीजों के बिस्तर के पास ही क्यूआर कोड लगाए हैं, ताकि मौके से ही मरीज या फिर परिजन क्यूआर कोड को अपने मोबाइल से स्कैन करके शिकायत दर्ज कर सके. इसके साथ ही शिकायत के अलावा क्यूआर कोड स्कैनर के माध्यम से इलाज से जुड़ी रेटिंग भी अस्पताल को दी जा सकेगी.डॉ अग्रवाल का कहना था कि शिकायत या फिर रेटिंग मिलने के बाद ही अस्पताल प्रशासन को पता चल सकेगा कि कहां और किस तरह की कमी है ताकि उसे दूर किया जा सके.
शिकायत कर सकेंगे: डॉ अग्रवाल का कहना था कि आमतौर पर अस्पताल में भर्ती मरीज को बेसिक चीजों की आवश्यकता होती है, इस क़्यूआर कोड के माध्यम से मरीज बता सकेंगे कि उनके पास दवा पहुंची या नहीं? बेडशीट को बदल गया है या नहीं? चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ ने समय पर जांच की है या नहीं? इस तरह की कुछ सामान्य जानकारी मरीज या फिर उनके परिजन कर सकेंगे.