जयपुर: राजस्थान विधानसभा से मुकेश भाकर के 6 महीने के निलंबन पर अब विधानसभा के बाहर भी घमासान मचा है. भाकर ने स्पीकर पर भाजपा के दबाव में निलंबन का आरोप लगाया है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी मुकेश भाकर के छह महीने के निलंबन पर नाराजगी जताई है. वहीं, भाजपा का कहना है कि गलती मानने के बजाए भाकर आसन को झुकाने का प्रयास कर रहे थे. मुकेश भाकर ने मीडिया से बातचीत में कहा, भाजपा और भाजपा सरकार के दबाव में स्पीकर ने यह असंवैधानिक फैसला लिया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि स्पीकर पहले से यह तय करके आए थे. भाजपा के मंत्री जवाब दे नहीं पा रहे हैं. भाजपा सरकार विधानसभा में पूरी तरह से फेल हो रही है. उसे कैसे बचाया जाए. इसकी पूरी जिम्मेदारी स्पीकर ने अपने ऊपर ले रखी थी. जिस तरह से बिना वोटिंग और जल्दबाजी में कल निलंबित किया गया. आज भी जल्दबाजी में असंवैधानिक तरीके से सस्पेंशन किया गया. अब हम सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर आगे की रणनीति बनाएंगे.
जूली बोले- क्या पता किसने किसे काटा?: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जोगेश्वर गर्ग के आरोपों पर कहा, पता नहीं मार्शल को मुकेश ने काटा है या उन्हीं के सदस्यों ने काट खाया है. जिस प्रकार का गतिरोध सदन में बना. हमारी महिला सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की हुई है. हमारे कई सदस्यों के साथ इस तरह का बर्ताव किया गया. सदन से निलंबन पहले भी होता आया है. लेकिन इसकी एक मर्यादा होती है. मार्शल धक्का-मुक्की नहीं कर सकते. नियम है कि वो सदस्य को हटाकर वहां से ले जा सकते हैं. जो उन्होंने किया वो गलत है और अब हमारे सदस्यों पर आरोप लगा रहे हैं. यह सरासर गलत है.
भाजपा नेता देश में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा कर रहे: नेता प्रतिपक्ष ने गोपाल शर्मा के आरोपों पर कहा, राहुल गांधी के पिता और दादी देश के लिए शहीद हुए हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपना सबकुछ देश के लिए दिया है. राहुल गांधी पांचवीं बार सांसद हैं और पीएम मोदी से दोगुने से भी ज्यादा वोट से जीते हैं. भाजपा को ऐसे आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि ये (भाजपा नेता) खुद ही देश में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा करना चाह रहे हैं. कांग्रेस ने संविधान और लोकतंत्र को बचाकर रखा. ये जब से सत्ता में आए हैं. लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं. आज जिस तरह के हालात ये पैदा कर रहे हैं. वो देश के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.
आसन को झुकना चाह रहे थे विधायक: सरकारी मुख्य सचेतक ने मुकेश भाकर को लेकर कहा, इस व्यक्ति ने पिछले 27 घंटे में एक बार भी यह भावना प्रकट नहीं की. हावभाव भी नहीं दर्शाए कि उन्हें कुछ अफसोस है और माफी मांगना चाहते हैं. वो तो सदन और आसन को झुकाना चाह रहे थे. इसलिए यह घटनाक्रम हुआ है. उन्होंने कहा कि निलंबन के दौरान उन्हें सदस्य के नाते जो भी सुविधाएं और वेतन-भत्ते मिलते हैं. वो नहीं मिलेंगे. छह महीने बाद भी सदन में माफी मांगने के सवाल पर गर्ग ने कहा कि इस व्यवहार के लिए बिना माफी मांगे तो माफ किया ही नहीं जा सकता है. फिर देखेंगे कि छह महीने बाद क्या होता है.
बेटे की नियुक्ति पर मंत्री का यह जवाब: जो प्रक्रिया जिस कानून के तहत शुरू होती है. उसका अंतिम निस्तारण भी उसी कानून के तहत होता है. सभी जिलों में सरकारी अधिवक्ता लगाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. अपने बेटे के नियुक्ति संबंधी आरोपों पर जोगाराम पटेल ने कहा कि वो बिना किसी आधार के और बिना नोटिस में जिक्र किए यह आरोप लगा रहे हैं. अगर हिम्मत होती तो वे नोटिस में लिखित में आरोप लगाते. नोटिस में केवल नए और पुराने कानून के तहत नियुक्ति के मामले का जिक्र किया गया है.