जयपुर: महारानी कॉलेज की सस्पेंड हुई प्रिंसिपल प्रो निमाली सिंह अब सत्याग्रह करेंगी. यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से हुई निलंबन की कार्रवाई को निमाली सिंह ने गलत और उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए अब सत्याग्रह धरना देने का एलान किया है. वहीं कुलपति प्रो अल्पना कटेजा ने निमाली सिंह को और भी कई मामलों में दोषी ठहराते हुए उन मामलों में भी जांच किए जाने की बात कही.
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान 2.0 के तहत होम साइंस विभाग को नवंबर 2021 में 1 करोड़ 83 लाख रुपए मिले थे. इसी राशि से पिछले साल मार्च में विभाग ने एक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया था. प्रो निमाली सिंह इस आयोजन की ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी थी. इस कार्यक्रम में 15 लाख खर्च हुए थे. कार्यक्रम में अतिथियों को दिए गए मोमेंटो और साड़ी पर सवाल उठाए गए थे.
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आरोप लगे थे कि जो बिल दिए गए थे, वह आधे-अधूरे थे. कहा गया था कि निमाली सिंह ने अपने करीबियों को ओब्लाइज करने के लिए ये खर्च किया था. जिसे उन्होंने नियम के मुताबिक किया गया खर्च बताया था. साथ ही कहा था कि अगर कोई खर्च अनुचित लग रहा, तो वो खुद भुगतान को तैयार हैं. हालांकि अब यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आदेश में उन पर वित्तीय अनियमितता के आरोप में निलंबित करने की बात कही गई है.
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हालांकि इस संबंध में निमाली सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ साजिश की गई है. जिस बिल पर विवाद है, उसका भुगतान ही नहीं हुआ है. बिना भुगतान के ऑडिट कैसे हो रहा और आपत्ति पर कार्रवाई कैसे हो रही है. उन्होंने कहा कि सिंडिकेट सदस्य होने के नाते उन्होंने राजस्थान सिविल सर्विसेज रूल्स 1958 को ज्यों का त्यों लागू किए जाने पर विरोध करते हुए इसका ड्राफ्ट तैयार करने को कहा था. इसी को लेकर उन्हें दो कारण बताओ नोटिस भी दिए गए. अब उन्हें सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई. ये कार्रवाई पूरी तरह गलत है, इसी के खिलाफ वो कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगी और सत्याग्रह करते हुए धरना देंगी.
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उधर, कुलपति प्रो अल्पना कटेजा ने कहा कि निमाली सिंह के खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही है. फिलहाल वित्तीय अनियमिताओं के चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. क्लास न लेने, फर्जी दस्तखत करने, अपने पद के दुरुपयोग करने और रुसा की राशि में गड़बड़ी के आरोप हैं. यूनिवर्सिटी के नियमों से ऊपर कोई नहीं है. जो गलत किया गया है, उस पर कार्रवाई की जाएगी.