जयपुर: रिश्वत लेकर नगर निगम से पट्टे जारी करने के मामले में हेरिटेज नगर निगम की निलंबित में मेयर गुर्जर शनिवार को एसीबी कोर्ट पहुंची. जहां अदालत में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया. पूर्व में 19 सितंबर को एसीबी ने मामले में आरोप पत्र पेश किया था. उस समय मुनेश गुर्जर की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर कहा था कि उसके पीठ में भयंकर दर्द है और वह फिलहाल अदालत में पेश नहीं हो सकती है. चिकित्सक ने उन्हें 7 दिन का बेड रेस्ट बताया है.
मुनेश के अधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि आगामी पेशी पर वह कोर्ट में हाजिर हो जाएंगी. इस पर अदालत में मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर को तय की थी. चालान में एसीबी ने कहा था कि हेरिटेज मेयर मुनेश ने अपने पति सुशील गुर्जर के कहने पर पट्टों पर दस्तखत करना पेंडिंग रखा था. वहीं परिवादी के परिचितों का कार्य भी उसके पास पेंडिंग पाया गया. उसने पति सुशील गुर्जर द्वारा दलालों के जरिए पट्टों की एवज में रिश्वत की राशि लेने का अपराध भी प्रमाणित हुआ है.
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परिवादी सुधांशु सिंह ने 12 सितंबर, 2023 को धारा 164 के बयानों में कहा है कि मुनेश ने राजीव शर्मा के पट्टे की फाइल निकालने व दस्तखत करने की एवज में एक लाख रुपए की मांग की. वहीं इस मांग पर 50 हजार रुपए की राशि अपने पति सुशील व अनिल कुमार दुबे की मौजूदगी में अपने हाथ में ली. जिस पर राजीव शर्मा की फाइल पर शाम तक दस्तखत होना तय हुआ. इस मामले में मुनेश से दो मोबाइल फोन, सुशील, अनिल व नारायण सिंह के मोबाइल फोन, रिश्वत राशि का सत्यापन व लेन-देन की बातचीत के एसडी कार्ड व अन्य आर्टिकल विधि विज्ञान प्रयोगशाला में एफएसएल के लिए भिजवाए हैं. वहां से एफएसएल रिपोर्ट आने पर पेश कर दी जाएगी.