पटना : बिहार में भूमि विवाद के मामले सबसे अधिक आते हैं. भूमि विवाद को कम करने के लिए सरकार जमीन का सर्वे करना चाहती है. सर्वे के आधार पर जमीन मालिक को भूमि स्वामित्व कार्ड देने की योजना है. राज्य के 45000 राजस्व ग्रामों में सर्वे का काम किया जाना है. 2025 तक सर्वे के काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
2025 तक पूरा होगा सर्वे : बिहार में महत्वाकांक्षी जमीन के सर्वे का काम शुरू हो चुका है. सर्वे के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करेगी की जमीन पर मालिकाना हक किसका है. 45 दिनों के भीतर जमीन मालिकों को जमीन के कागजात सरकार को मुहैया कराने होंगे. सरकार की ओर से सर्वे का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया जा चुका है. बिहार विशेष सर्वेक्षण बंदोबस्त नियमावली 2012 के तहत राज्य में सर्वे का काम कराया जा रहा है.
डिजिटलाइजेशन के जरिए काम होगा आसान : सरकार जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटाइजेशन करना चाहती है. जमीन के सर्वे के बाद सारे रिकॉर्ड कंप्यूटर में दर्ज होंगे और लोगों को जमीन के कागजात निकालने में सुविधा होगी. जमीन के मालिक के बारे में ऑनलाइन सूचना देखा जा सकता है. डिजिटलाइजेशन के बाद धोखाधड़ी की संभावना भी कम होगी.
स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा सर्वे : 1950 के बाद पहली बार बिहार में जमीन के सर्वे का काम कराया जा रहा है. सर्वे के काम के लिए सभी जिलों में अमीन, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो और लिपिक की पदस्थापना की जा चुकी है. आउटसोर्सिंग के जरिए भी पदाधिकारियों की तैनाती की गई है. सर्वे का काम ऑनलाइन और ऑफलाइन किया जाएगा.
वंशावली तैयार करना जरूरी : सवाल यह उठता है कि भूमि सर्वे को लेकर आम लोगों को क्या करना चाहिए? कौन-कौन से कागजात तैयार रखना चाहिए? जमीन के सर्वे के लिए सबसे अधिक जरूरी आपके परिवार की वंशावली है. अगर आपके पूर्वज के नाम पर जमीन है, तो जीवित व्यक्ति के नाम से करने के लिए आपको आवेदन फार्म के साथ वंशावली भी देना जरूरी है. पंचायत स्तर पर, सरपंच या पंचायत सचिव के माध्यम से वंशावली बनाई जा सकती है.
ये डॉक्यूमेंट जरूरी : जमीन का रकबा, चौहद्दी, खेसरा की जानकारी स्वघोषणा पत्र में देना होगा. इसके अलावा जमाबंदी यानी की मालगुजारी रसीद की फोटो कॉपी, खतियान का नकल आदि उपलब्ध कराना होगा. भूस्वामी की मृत्यु होने की स्थिति में भी आपको कागजात दुरुस्त करने होंगे. अगर पूर्वज जिनके नाम से जमीन हो, उनकी मृत्यु हो चुकी है, तो सबसे पहले आपको जमीन का मालिकाना हक ट्रांसफर करना होगा. इसके लिए आपको मृतक के वारिश होने का प्रमाण पत्र के रूप में आधार कार्ड के साथ-साथ पूर्वज का मृत्यु प्रमाण-पत्र जमा करना होगा. यदि जमीन को लेकर कोई न्यायालय का आदेश हो तो उसकी कॉपी उपलब्ध करानी होगी.
सर्वे के लिए जमीन की रसीद जरूरी : आपकी जमीन का ठीक तरीके से सर्वे हो, इसके लिए आपको भूखंड का दाखिल खारिज करना होगा. दाखिल खारिज होने के बाद ही रसीद कटेगी. जिसे सर्वे के दौरान जमा करना होगा. सर्वे के दौरान आपको रसीद जमा करनी होगी. विशेष जानकारी के लिए आप अपने इलाके के सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं. आईए जानते हैं कौन-कौन से डॉक्यूमेंट करने होंगे संलग्न..?
यहां जानें पूरी प्रक्रिया : ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए निदेशालय की वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर आप जा सकते हैं. अपने मोबाइल के प्ले स्टोर से बिहार सर्वे ट्रैकर एप डाउनलोड करके प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि 45 दिनों के भीतर सर्वे का काम पूरा कर लेना है. अगर आपके जमीन का म्यूटेशन नहीं हुआ हो तो जल्दी करा लें. पारिवारिक बटवारा भी अगर बाकी है तो उसे भी कर लेना चाहिए. इसके अलावा स्वघोषणा पत्र सबसे महत्वपूर्ण है. आपको अपनी जमीन के डिटेल्स स्वघोषणा-पत्र के जरिए जमा करने होंगे.
''जो लोग बिहार से बाहर या विदेश में रहते हैं, वह कागजात को ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं. स्वघोषणा पत्र के जरिए उनके आवेदन को स्वीकार किया जाएगा. आप दूर रह रहे हैं और अगर आपके पास वंशावली बनाने की सुविधा नहीं है, तो सादे कागज पर वंशावली के डिटेल्स डालकर स्वहस्ताक्षर से बनाकर अपलोड कर सकते हैं.''- जय सिंह, सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार
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