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राजा के गढ़ पर 'फूल' का दबदबा, अब तक पंजे में नहीं आई लोकसभा - Lok Sabha Election 2024

Surguja constituency, Chhattisgarh, Lok sabha election 2024:सरगुजा और चांगभकार रियासत का हिस्सा सरगुजा लोकसभा में शामिल है. इस लोकसभा क्षेत्र में तीन जिले सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर की आठ विधानसभा सीटें आती हैं. कभी कांग्रेस का गढ़ रही सरगुजा लोकसभा सीट छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद बीजेपी का गढ़ बन चुकी है.प्रदेश में इस बार पांचवीं बार लोकसभा चुनाव होने जा रहा है.लेकिन पिछले चार लोकसभा चुनाव में एक बार भी कांग्रेस इस सीट पर जीत का स्वाद नहीं चख सकी है.

Lok Sabha Election 2024
सरगुजा लोकसभा सीट का सियासी सफर
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 23, 2024, 2:06 PM IST

सरगुजा लोकसभा सीट

सरगुजा : आजादी के बाद हुए दो चुनाव में सरगुजा सीट से दो सांसद चुने जाते थे. एक आरक्षित वर्ग और एक सामान्य वर्ग का प्रतिनिधि संसद पहुंचता था.लेकिन परिसीमन के बाद सरगुजा लोकसभा को एसटी वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया.इस सीट पर शुरुआती लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का दबदबा रहा.लेकिन 1977 में बीएलडी के लरंग साय ने कांग्रेस का विजय रथ रोका.इसके बाद फिर कांग्रेस और बीजेपी बारी-बारी से ये सीट जीतते रहे.इस लोकसभा सीट पर गोंड,उरांव और कंवर समाज की आबादी ज्यादा है. दोनों दलों ने इसी समाज से प्रत्याशी भी उतारे हैं.लोकसभा में शिक्षा, स्वास्थ्य, रेल और हवाई सुविधा का अभाव है.

अलग राज्य बनने के बाद नहीं खुला कांग्रेस का खाता : जब 2000 में छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तो 2004 से लेकर 2019 तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. नंदकुमार साय, मुरारीलाल,कमलभान सिंह और रेणुका सिंह ने सरगुजा लोकसभा सीट पर बीजेपी का झंडा बुलंद रखा. साल 2024 में बीजेपी ने इस सीट पर चिंतामणि महाराज को मैदान में उतारा है.वहीं चिंतामणि के मुकाबले कांग्रेस की शशि सिंह चुनाव मैदान में हैं.

चिंतामणि महाराज,बीजेपी : 2008 में बलरामपुर जिले के सामरी विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2013 में कांग्रेस ने उन्हें सरगुजा की लुंड्रा विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा,जिसमें चिंतामणि को जीत मिली. इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने फिर से उन पर भरोसा जताया.कांग्रेस के भरोसे पर खरा उतरते हुए चिंतामणि महाराज ने बीजेपी के सिद्धनाथ पैकरा को शिकस्त दी.लेकिन 2023 विधानसभा चुनाव से पहले जब बृहस्पति सिंह और टीएस सिंहदेव के बीच विवाद हुआ,तो उन्होंने बृहस्पति खेमे का मोर्चा संभाला. लिहाजा राजा साहब की नाराजगी और फिर कार्यकर्ताओं की मांग पर चिंतामणि का टिकट कट गया.इस बात से नाराज चिंतामणि बीजेपी में चले गए.अब चिंतामणि को बीजेपी ने लोकसभा प्रत्याशी बनाया है.

किन पदों पर रहे चिंतामणि महाराज : चिंतामणि महाराज 2004 से 2008 तक बीजेपी सरकार में राज्य संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष थे. चिंतामणि 2014-15 में आचरण समिति छतीसगढ़ विधानसभा के सदस्य रहें. फिर 2016- 17 में छतीसगढ़ प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे. 2017-18 में याचिका समिति छतीसगढ़ विधानसभा के सदस्य रहे. 2018- 19 में पुस्तकालय समिति सदस्य बने. सन 2020 से संसदीय सचिव बनें, वो लोकनिर्माण विभाग, गृह,जेल धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व एवं पर्यटन विभाग के संसदीय सचिव रहे.



शशि सिंह, कांग्रेस : सरगुजा लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने एक युवा महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. शशि छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री स्वर्गीय तुलेश्वर सिंह की बेटी हैं. शशि सिंह वर्तमान में युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं .इसके साथ ही सूरजपुर जिले की जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 14 से जिला पंचायत सदस्य और पंचायत में सभापति हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शशि सिंह बेहद एक्टिव थी.हर मोर्चे पर राहुल गांधी के साथ शशि सिंह देखी गई हैं.शशि सिंह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उन 100 युवाओं में शामिल थीं जो 3500 किलोमीटर की यात्रा में साथ चले थे.

युवाओं के बीच लोकप्रिय चेहरा : शशि युवा आदिवासी नेत्री के रूप में सरगुजा में चर्चित हो चुकी हैं. सूरजपुर जिले में जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई हैं. लंबे समय से कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता उनको टिकट मिलने के कयास लगा रहे थे. शशि सिंह मुखर युवा आदिवासी नेत्री के रूप में जानी जाती हैं. इनके पिता स्वर्गीय तुलेश्वर सिंह प्रेम नगर के विधायक एवं छत्तीसगढ़ सरकार में अजीत जोगी कैबिनेट में मंत्री थे. उनके निधन के बाद राजनीतिक विरासत को शशि सिंह संभाल रहीं हैं.

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सरगुजा लोकसभा सीट

सरगुजा : आजादी के बाद हुए दो चुनाव में सरगुजा सीट से दो सांसद चुने जाते थे. एक आरक्षित वर्ग और एक सामान्य वर्ग का प्रतिनिधि संसद पहुंचता था.लेकिन परिसीमन के बाद सरगुजा लोकसभा को एसटी वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया.इस सीट पर शुरुआती लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का दबदबा रहा.लेकिन 1977 में बीएलडी के लरंग साय ने कांग्रेस का विजय रथ रोका.इसके बाद फिर कांग्रेस और बीजेपी बारी-बारी से ये सीट जीतते रहे.इस लोकसभा सीट पर गोंड,उरांव और कंवर समाज की आबादी ज्यादा है. दोनों दलों ने इसी समाज से प्रत्याशी भी उतारे हैं.लोकसभा में शिक्षा, स्वास्थ्य, रेल और हवाई सुविधा का अभाव है.

अलग राज्य बनने के बाद नहीं खुला कांग्रेस का खाता : जब 2000 में छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तो 2004 से लेकर 2019 तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. नंदकुमार साय, मुरारीलाल,कमलभान सिंह और रेणुका सिंह ने सरगुजा लोकसभा सीट पर बीजेपी का झंडा बुलंद रखा. साल 2024 में बीजेपी ने इस सीट पर चिंतामणि महाराज को मैदान में उतारा है.वहीं चिंतामणि के मुकाबले कांग्रेस की शशि सिंह चुनाव मैदान में हैं.

चिंतामणि महाराज,बीजेपी : 2008 में बलरामपुर जिले के सामरी विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2013 में कांग्रेस ने उन्हें सरगुजा की लुंड्रा विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा,जिसमें चिंतामणि को जीत मिली. इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने फिर से उन पर भरोसा जताया.कांग्रेस के भरोसे पर खरा उतरते हुए चिंतामणि महाराज ने बीजेपी के सिद्धनाथ पैकरा को शिकस्त दी.लेकिन 2023 विधानसभा चुनाव से पहले जब बृहस्पति सिंह और टीएस सिंहदेव के बीच विवाद हुआ,तो उन्होंने बृहस्पति खेमे का मोर्चा संभाला. लिहाजा राजा साहब की नाराजगी और फिर कार्यकर्ताओं की मांग पर चिंतामणि का टिकट कट गया.इस बात से नाराज चिंतामणि बीजेपी में चले गए.अब चिंतामणि को बीजेपी ने लोकसभा प्रत्याशी बनाया है.

किन पदों पर रहे चिंतामणि महाराज : चिंतामणि महाराज 2004 से 2008 तक बीजेपी सरकार में राज्य संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष थे. चिंतामणि 2014-15 में आचरण समिति छतीसगढ़ विधानसभा के सदस्य रहें. फिर 2016- 17 में छतीसगढ़ प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे. 2017-18 में याचिका समिति छतीसगढ़ विधानसभा के सदस्य रहे. 2018- 19 में पुस्तकालय समिति सदस्य बने. सन 2020 से संसदीय सचिव बनें, वो लोकनिर्माण विभाग, गृह,जेल धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व एवं पर्यटन विभाग के संसदीय सचिव रहे.



शशि सिंह, कांग्रेस : सरगुजा लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने एक युवा महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. शशि छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री स्वर्गीय तुलेश्वर सिंह की बेटी हैं. शशि सिंह वर्तमान में युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं .इसके साथ ही सूरजपुर जिले की जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 14 से जिला पंचायत सदस्य और पंचायत में सभापति हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शशि सिंह बेहद एक्टिव थी.हर मोर्चे पर राहुल गांधी के साथ शशि सिंह देखी गई हैं.शशि सिंह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उन 100 युवाओं में शामिल थीं जो 3500 किलोमीटर की यात्रा में साथ चले थे.

युवाओं के बीच लोकप्रिय चेहरा : शशि युवा आदिवासी नेत्री के रूप में सरगुजा में चर्चित हो चुकी हैं. सूरजपुर जिले में जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई हैं. लंबे समय से कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता उनको टिकट मिलने के कयास लगा रहे थे. शशि सिंह मुखर युवा आदिवासी नेत्री के रूप में जानी जाती हैं. इनके पिता स्वर्गीय तुलेश्वर सिंह प्रेम नगर के विधायक एवं छत्तीसगढ़ सरकार में अजीत जोगी कैबिनेट में मंत्री थे. उनके निधन के बाद राजनीतिक विरासत को शशि सिंह संभाल रहीं हैं.

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