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ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक - Organ Transplant Case

ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर ज्योति बंसल के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 2, 2024, 9:22 PM IST

जयपुर: सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी एनओसी के जरिए ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने से जुड़े मामले में प्रदेश के फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर ज्योति बंसल के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को पुलिस अनुसंधान में शामिल होकर सहयोग करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश डॉ ज्योति बंसल की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

एसएलपी में अधिवक्ता सुमेर सिंह ओला ने कहा कि एसओजी को मामले में कोई भी ठोस सबूत नहीं मिले हैं. वहीं राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने भी सह आरोपियों को जमानत देते हुए फर्जी एनओसी जारी करने में उनकी कोई भूमिका नहीं मानी है. याचिका में कहा गया कि चिकित्सक ने अस्पताल प्रशासन को एनओसी मिलने के बाद ही ऑपरेशन किए थे.

पढ़ें: फर्जी एनओसी से ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में चिकित्सकों को मिली जमानत - Organ transplant with fake NOC

ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि चिकित्सक फर्जी एनओसी लेने की कार्रवाई में शामिल रहे हैं या उन्हें फर्जी एनओसी की जानकारी थी. ऐसे में फर्जी एनओसी के जरिए आर्गन ट्रांसप्लांट से याचिकाकर्ता का कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर संबंध नहीं है. इसलिए उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

जयपुर: सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी एनओसी के जरिए ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने से जुड़े मामले में प्रदेश के फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर ज्योति बंसल के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को पुलिस अनुसंधान में शामिल होकर सहयोग करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश डॉ ज्योति बंसल की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

एसएलपी में अधिवक्ता सुमेर सिंह ओला ने कहा कि एसओजी को मामले में कोई भी ठोस सबूत नहीं मिले हैं. वहीं राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने भी सह आरोपियों को जमानत देते हुए फर्जी एनओसी जारी करने में उनकी कोई भूमिका नहीं मानी है. याचिका में कहा गया कि चिकित्सक ने अस्पताल प्रशासन को एनओसी मिलने के बाद ही ऑपरेशन किए थे.

पढ़ें: फर्जी एनओसी से ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में चिकित्सकों को मिली जमानत - Organ transplant with fake NOC

ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि चिकित्सक फर्जी एनओसी लेने की कार्रवाई में शामिल रहे हैं या उन्हें फर्जी एनओसी की जानकारी थी. ऐसे में फर्जी एनओसी के जरिए आर्गन ट्रांसप्लांट से याचिकाकर्ता का कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर संबंध नहीं है. इसलिए उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

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