जयपुर : सुप्रीम कोर्ट ने गौवंश तस्करी के मामले में आरोपी नजीम खान को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उसे 21 अक्टूबर, 2024 को दी गई जमानत को रद्द कर दिया जाए. जस्टिस सूर्यकांत व उज्ज्वल भुयान की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की ओर से पेश जमानत रद्द करवाने संबंधी रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने आरोपी से यह भी पूछा है कि वह उत्तर प्रदेश में लंबित आपराधिक मामलों में अदालत में क्यों पेश नहीं हुआ, जहां उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं. उसे यह भी स्पष्ट करने को कहा कि उसे सभी लंबित मामलों में रिहा कर दिया है या नहीं.
राज्य सरकार की ओर से एएजी शिवमंगल शर्मा ने अदालत को बताया कि आरोपी के खिलाफ राजस्थान गोवंश अधिनियम और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज हैं. उस पर यूपी में भी गिरोह से संबंधित आरोप हैं. जमानत पर छूटे रहने पर उससे ना केवल सार्वजनिक सुरक्षा का खतरा है, बल्कि गौवंश तस्करी में उसके अपराध का सिलसिला जारी रह सकता है.
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सुप्रीम कोर्ट आरोपी की जमानत रद्द करता है, तो इससे पशु क्रूरता व अवैध परिवहन मामलों में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई स्थापित होगी. इसलिए अदालत आरोपी को दी जमानत आदेश पर पुनर्विचार करे. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पैरवी के लिए किसी के पेश नहीं होने व वकील का वकालतनामा नहीं आने पर आरोपी को जमानत दे दी थी. इसे राज्य सरकार ने रिव्यू पिटीशन के जरिए चुनौती दी है.