नई दिल्ली: नई दिल्ली के हिमाचल भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट सवेंद्र सिंह ने कहा कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चंद अधिकारी मनमाने तरीके से इस प्रकार के कार्यों में जुटे हैं कि विदेश की कुछ कंपनियां भारत में निवेश करना चाहती हैं, लेकिन अपने स्वार्थ के कारण कुछ अधिकारी ऐसा होने नहीं दे रहे हैं.
सवेंद्र सिंह ने कहा कि टेंडर की शर्तों में जीएसटी और पैन कार्ड से संबंधित ऐसे नियम डाल दिए गए हैं, जिनकी वजह से विदेशी कंपनियां टेंडर नहीं ले पा रही हैं. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया उस कंपनी को देश में लगेज स्कैनर लगाने का काम दे रहा है, जिसके स्कैनर में इंदौर में एयरपोर्ट पर आग लग गई थी.
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इंदौर एयरपोर्ट पर जुलाई 2023 में मशीन में आग लग गई थी. जिस कंपनी की मशीन में आग लगी थी. उसी कंपनी का हाल ही में टेंडर में कॉन्ट्रैक्ट देने का फैसला लिया जा रहा है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के खुद के सुपरवाइजर ने इस कंपनी की मशीन के अच्छे से काम न करने की शिकायत ई-मेल के द्वारा की थी लेकिन किसी प्रकार का जांच नहीं की गई.
सवेंद्र सिंह ने कहा कि एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा 102 एयरपोर्ट्स पर 700 से ज़्यादा मशीन सप्लाई लेनी है और जीएसटी नंबर न होने के बहाने से टेंडर से कुछ कंपनी को बाहर कर दिया गया है. सभी एयरपोर्ट पर इन मशीनों के जरिए ही विस्फोटक वस्तुओं, ड्रग्स, नारकोटिक्स, और सुरक्षा से संबंधित चीजों की पहचान की जाती है. ऐसे में जरा सी चूक देश को भारी पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि इसकी वह मंत्रालय में भी शिकायत करेंगे.
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