कानपुर: आईआईटी कानपुर का जब-जब नाम सामने आता है, तो किसी न किसी नवाचार की ही बात सामने आ जाती है. कहीं ना कहीं छात्रों और प्रोफेसर द्वारा किए जा रहे समाज उपयोगी शोध कार्यों के तथ्य भी बाहर निकलते हैं. हालांकि, मंगलवार को जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी कैबिनेट की बैठक की, तो आईआईटी कानपुर में 500 बेड वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाए जाने संबंधी प्रस्ताव को अपनी ओर से मंजूरी दे दी.
आईआईटी कानपुर में जब प्रोफेसरों को यह जानकारी मिली, तो वह काफी खुश हो गए. आईआईटी कानपुर में पिछले काफी समय से गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस का लगातार निर्माण कार्य जारी है. दरअसल, करीब 1000 करोड़ रुपये इस अस्पताल पर खर्च होने हैं, जिस राशि को आईआईटी के पूर्व छात्रों द्वारा ही जुटाया जाना है. अभी तक आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र राकेश गंगवाल इस मेडिकल स्कूल के लिए 100 करोड़ रुपये दान में दे चुके हैं. आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा, कि आईआईटी कानपुर देश के शीर्ष 20 संस्थानों में पहला ऐसा संस्थान है,जहां पर छात्र इंजीनियरिंग, शोध कार्यों के साथ ही मेडिकल की भी पढ़ाई कर सकेंगे.
सबसे पहले तैयार होगा कृत्रिम हृदय हृदयंत्र: आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय ने बताया, कि गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज में पहली बार एक कृत्रिम हृदय हृदयंत्र को तैयार किया गया है. जिसे परीक्षण के तौर पर पहली बार बकरी के शरीर में प्रवेश कराया जाएगा. अगर इसके सफल परिणाम मिलते हैं तो, आईआईटी कानपुर देश का पहला ऐसा संस्थान होगा जहां पर आर्टिफिशियल हार्ट बनना शुरू हो जाएंगे. इसके अलावा गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस में जहां देशभर के छात्रों को यूजी और पीजी स्तर के तमाम पाठ्यक्रमों को पढ़ने का मौका मिलेगा. वहीं, उसके साथ ही यहां पर छात्र मेडिकल के उपकरण संबंधी शोध कार्य भी कर सकेंगे.