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रामगढ़ डीसी-एसपी और डीएफओ को समन, बैठक में नहीं हुए थे शामिल - Summons to Ramgarh DC SP

Summons to Ramgarh DC SP. रामगढ़ जिले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉ आशा लकड़ा ने एक मीटिंग बुलाई थी जिसमें जिले के अधिकारी शामिल नहीं हुए. इसके बाद आयोग ने जिले के डीसी, एसपी और डीएफओ को किया समन जारी किया है.

Summons to Ramgarh DC SP
आशा लकड़ा (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 11, 2024, 6:52 AM IST

रामगढ़: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार की सदस्य डॉ आशा लकड़ा अपनी टीम के साथ रामगढ़ पहुंची. हालांकि निर्धारित समय पर अधिकारी मीटिंग के लिए नहीं पहुंचे. इसके बाद आयोग ने जिले के डीसी, एसपी और डीएफओ को समन जारी किया है.

इस मामले में आशा लकड़ा ने कहा कि पूरी टीम के साथ उन्होंने दो दिन का दौर पर हजारीबाग का रिव्यू मीटिंग किया है. इसके बाद रामगढ़ का रिव्यू मीटिंग होना था. लेकिन समीक्षा बैठक में डीसी, एसपी और डीएफओ उपस्थित नहीं हुए. आशा लकड़ा ने कहा कि उन्होंने आयोग की अवहेलना की है इसलिए उन्हें समन जारी किया गया है. आशा लकड़ा ने कहा कि रामगढ़ के डीसी को पिछले दिन आयोग ने बुलाया था जिसमें एक हियरिंग को लेकर के बैठक होनी थी लेकिन तब भी वे मीटिंग में उपस्थित नहीं हुए थे.

आशा लकड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एक संवैधानिक निकाय है और संवैधानिक निकाय जिनका कमेटी का गठन माननीय राष्ट्रपति के द्वारा भारत के संविधान का अनुच्छेद 338 (क) के तहत एक संवैधानिक संस्थान है. यह संस्थान आदिवासी समाज का संरक्षण करता है. आयोग संबंधित विभाग के अधिकारी से समन्वय स्थापित करती है और उन पर कार्रवाई भी करती है.

आशा लकड़ा ने कहा कि उनके सामने रामगढ़ का मामला आया लगभग 22% आदिवासी समाज रामगढ़ जिला में हैं. उन्होंने जिस तरह से विषय बताएं हैं उसे देखकर लगता है कि आदिवासी समाज का शोषण किया जा रहा है. आदिवासी समाज की जमीन लूटी जा रही है. सीओ के हाथों पूरा जिला प्रशासन के लोग मिलकर के लूट रहे हैं. अपनी नाकामी को छिपाने के लिए यहां के डीसी आयोग के बैठक में उपस्थित नहीं हुए हैं.

रामगढ़: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार की सदस्य डॉ आशा लकड़ा अपनी टीम के साथ रामगढ़ पहुंची. हालांकि निर्धारित समय पर अधिकारी मीटिंग के लिए नहीं पहुंचे. इसके बाद आयोग ने जिले के डीसी, एसपी और डीएफओ को समन जारी किया है.

इस मामले में आशा लकड़ा ने कहा कि पूरी टीम के साथ उन्होंने दो दिन का दौर पर हजारीबाग का रिव्यू मीटिंग किया है. इसके बाद रामगढ़ का रिव्यू मीटिंग होना था. लेकिन समीक्षा बैठक में डीसी, एसपी और डीएफओ उपस्थित नहीं हुए. आशा लकड़ा ने कहा कि उन्होंने आयोग की अवहेलना की है इसलिए उन्हें समन जारी किया गया है. आशा लकड़ा ने कहा कि रामगढ़ के डीसी को पिछले दिन आयोग ने बुलाया था जिसमें एक हियरिंग को लेकर के बैठक होनी थी लेकिन तब भी वे मीटिंग में उपस्थित नहीं हुए थे.

आशा लकड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एक संवैधानिक निकाय है और संवैधानिक निकाय जिनका कमेटी का गठन माननीय राष्ट्रपति के द्वारा भारत के संविधान का अनुच्छेद 338 (क) के तहत एक संवैधानिक संस्थान है. यह संस्थान आदिवासी समाज का संरक्षण करता है. आयोग संबंधित विभाग के अधिकारी से समन्वय स्थापित करती है और उन पर कार्रवाई भी करती है.

आशा लकड़ा ने कहा कि उनके सामने रामगढ़ का मामला आया लगभग 22% आदिवासी समाज रामगढ़ जिला में हैं. उन्होंने जिस तरह से विषय बताएं हैं उसे देखकर लगता है कि आदिवासी समाज का शोषण किया जा रहा है. आदिवासी समाज की जमीन लूटी जा रही है. सीओ के हाथों पूरा जिला प्रशासन के लोग मिलकर के लूट रहे हैं. अपनी नाकामी को छिपाने के लिए यहां के डीसी आयोग के बैठक में उपस्थित नहीं हुए हैं.

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