शिमला: शनिवार को अपने दूसरे बजट भाषण में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कई घोषणाएं की हैं. इनमें हर बार की तरह विधायकों से जुड़ी घोषणाएं भी हैं. खासकर विधायक निधि पर हर किसी की नजर थी क्योंकि बीते कुछ महीनों में विधायक निधि को लेकर कांग्रेस सरकार कई विधायकों के निशाने पर थी.
विधायक प्राथमिकताओं के वित्तीय पोषण की मौजूदा सीमा को 20 करोड़ बढ़ाया गया है. अब ये 175 करोड़ से बढ़ाकर 195 करोड़ हो गई है. बढ़ी हुए राशि इलेक्ट्रिक बसों और चार्जिंग स्टेशन पर खर्च होगी. वहीं विधायक ऐच्छिक निधि को 13 लाख रुपये से बढ़ाकर 14 लाख रुपये किया जाएगा. विधायक क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत हर विधानसभा क्षेत्र राशि को 2 करोड़ 20 लाख रुपये किया जाएगा. जो फिलहाल 2 करोड़ 10 लाख रुपये है.
अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए 2024-25 में कम से कम 1000 करोड़ रुपेये खर्च किए जाएंगे. इसमें उन कार्यों पर जोर रहेगा जो पूरा होने के करीब हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में ये पहली बार है जब चल रहे कार्यों को पूरा करने पर महत्व दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों के पास पूंजीगत कार्यों को लेकर कई मांगे आती हैं जो सीमित संसाधनों से कहीं अधिक होती हैं. ऐसे में हर साल नए कार्य शुरू हो जाते हैं और संसाधनों की कमी के कारण पुराने कार्य रुक जाते हैं. जिसके लिए एक हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे.
कुछ विधानसभा क्षेत्र शहरी क्षेत्र होने के कारण RIDF के तहत विधायक प्राथमिकता योजनाओं के पात्र नहीं होते हैं. शिमला विधानसभा क्षेत्र शहरी क्षेत्र है. इसी तरह धर्मशाला, मंडी, सोलन और पालमपुर नगर निगम के तहत आने वाले विधानसभा क्षेत्र भी इसी सूची में आते हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने ऐसे 5 शहरी विधानसभा क्षेत्रों के लिए National Housing Bank के माध्यम से UIDF यानी Urban Infrastructure Development Fund के अंतर्गत इन शहरी क्षेत्रों की विधायक प्राथमिकता योजनाओं को स्वीकृत करानेकी घोषणा की है.
ओवरहेड बिजली की तारों और अधूरे मुख्यमंत्री लोक भवनों का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए विधायक विकास निधि क्षेत्र के अंतर्गत प्रावधान किया गया है. इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अगर विधायक किसी श्रेणी के लाभार्थी के आवास बनाने की अनुशंसा करते हैं तो इस निधी से कर पाएंगे.
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