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सुखविंदर सरकार के दो साल में ये रहे बड़े सुख, पहली कैबिनेट में ओपीएस, निराश्रित बच्चों के लिए सुख आश्रय योजना - SUKHU GOVT TWO YEARS COMPLETE

सुखविंदर सरकार ने दो साल के कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए. जिसमें ओपीएस और निराश्रित बच्चों के लिए सुख आश्रय योजना अहम है.

सुखविंदर सरकार
सुखविंदर सरकार (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 10, 2024, 8:23 PM IST

शिमला: हिमाचल में दिसंबर 2022 को सत्ता परिवर्तन हुआ और सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी. कांग्रेस ने चुनाव पूर्व दस गारंटियां दी थीं. कांग्रेस सरकार का दावा है कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने सभी गारंटियों को पूरा करने की दिशा में काम किया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता संभालते ही अपनी प्राथमिकताओं को तय कर लिया था. सीएम सुक्खू ने दावा किया कि वे सत्ता में सत्ता सुख के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं. अब सरकार के कार्यकाल के दो साल पूरे हो रहे हैं. यहां दो साल के कार्यकाल की कुछ बड़ी उपलब्धियों पर संक्षिप्त में चर्चा की जा रही है. यहां जानते हैं कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने समाज के किन वर्गों के लिए सुख के समाचार सृजित किए हैं. ये सुख समाचार दो साल के कार्यकाल के हैं.

ओपीएस देकर जीता कर्मचारियों का दिल

कांग्रेस ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि सत्ता में आने पर पहली ही कैबिनेट मीटिंग में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी. हिमाचल में ओपीएस की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों ने जोरदार आंदोलन किया था. एक समय ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ओपीएस लागू करना आसान नहीं होगा. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 दिसंबर 2022 को सीएम के रूप में शपथ ग्रहण की और प्रदेश की सत्ता संभाली. फिर नए साल में यानी 2023 में 13 जनवरी को लोहड़ी के दिन पहली ही कैबिनेट में ओपीएस लागू करने का ऐलान किया.

कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा ने सोलन की चुनावी रैली में ऐलान किया था कि पहली ही कैबिनेट मीटिंग में ओपीएस लागू की जाएगी. सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रियंका वाड्रा के इस वादे का मान रखा. राज्य के 1.36 लाख के करीब कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिलने का रास्ता प्रशस्त हुआ. कर्मचारी संगठनों ने इस तोहफे के लिए अनेक मंचों से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया है. ये बात अलग है कि अभी राज्य सरकार के खजाने पर ओपीएस का इंपैक्ट आने में समय है. सरकार का दावा है कि हजारों कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिलने लगा है और उनकी पेंशन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.

निराश्रित बच्चों के लिए सुख की सरकार

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू शपथ ग्रहण करने के बाद सबसे पहले शिमला के टूटीकंडी स्थित निराश्रित बच्चों के आश्रम में पहुंचे. उन्होंने बच्चों से मुलाकात की. सीएम ने 2023 की पहली जनवरी को रविवार के दिन सुखाश्रय योजना का शुभारंभ किया. एक सौ एक करोड़ रुपए के शुरुआती फंड से आरंभ की गई योजना में सीएम ने सबसे पहले आहूति डाली. सीएम ने अपने कैबिनेट सहयोगियों ने अपने एक माह का वेतन कोष में भेंट किया. अब सुखाश्रय योजना में निराश्रित बच्चों को मासिक जेब खर्च, निशुल्क हायर एजुकेशन, लोन, घर बनाने के लिए मदद, स्टार्ट अप के लिए सहारा दिया जा रहा है. इन बच्चों को एक्सपोजर विजिट्स पर ले जाया जाता है. हवाई यात्रा का सुख भी इन बच्चों के दिया जा रहा है. करीब छह हजार निराश्रित बच्चे इससे लाभ उठा रहे हैं. ये बच्चे अब चिल्ड्रन ऑफ स्टेट कहलाते हैं.

आपदा राहत कोष में दे दी जीवन भर की पूंजी

वर्ष 2023 में हिमाचल प्रदेश ने मानसून सीजन की अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी आपदा का सामना किया. पांच सौ से अधिक लोग भयावह बरसात में मौत का शिकार हुए. राज्य सरकार ने आपदा कोष स्थापित किया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 15 सितंबर 2023 को अपने सभी बैंक खातों में जमा कुल पूंजी में से 51 लाख रुपए निकाले और आपदा कोष में भेंट कर दिए. तब उनके बैंक खाते में महज 17 हजार रुपए बचे थे. इस काम में सीएम की माताजी व परिवार वालों ने भी सहयोग किया. कोरोना काल में जब जयराम ठाकुर सत्ता में थे, तब विधायक के रूप में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 लाख रुपए का अंशदान किया था.

680 करोड़ रुपए की स्टार्ट अप योजना

युवाओं के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राजीव गांधी स्टार्ट अप योजना शुरु की है। स्टार्ट अप योजना नवंबर 2023 में आरंभ की गई थी। इसमें पहले चरण में युवाओं को ई-टैक्सी के लिए पचास फीसदी अनुदान दिया गया। इसके अलावा ग्रीन ट्रांस्पोर्ट पर काम करते हुए सुक्खू सरकार ने परिवहन विभाग को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन वाला विभाग कर दिया है। इससे विभाग को लाखों रुपए के पेट्रोल की बचत हो रही है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सौर उर्जा के क्षेत्र में भी सक्रियता से काम कर रहे हैं।

दूध का समर्थन मूल्य बढ़ाया

कांग्रेस ने चुनाव पूर्व गाय का दूध अस्सी रुपए व भैंस का दूध सौ रुपए प्रति लीटर खरीदने का वादा किया था. हालांकि, ये वादा पूरा नहीं हुआ है, लेकिन सरकार ने दूध का मूल्य बढ़ाया है. अब सरकार गाय का दूध 45 रुपए व भैंस का दूध 55 रुपए प्रति लीटर खरीद रही है. कांगड़ा के ढगवार में आधुनिक दूध संयंत्र स्थापित किया जा रहा है.

सीएम का दावा, 15 महीने में पूरी की 5 गारंटियां

कांग्रेस सरकार के एक साल के कार्यकाल का जश्न धर्मशाला में मनाया गया था. अब दूसरे साल के कार्यकाल पूरा होने पर बिलासपुर में समारोह आयोजित किया जा रहा है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 10 दिसंबर 2024 को शिमला से एक बयान में कहा कि उनकी सरकार ने 15 महीने में ही पांच गारंटियों को पूरा किया है. सीएम सुक्खू ने कहा कि बिलासपुर का समारोह व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल की थीम पर आयोजित किया जा रहा है. इस अवसर पर छह नई योजनाओं को शुरू किया जाएगा. हालांकि विपक्ष का दावा है कि सरकार किस बात का जश्न मना रही है, जब प्रदेश में विकास ठप पड़ा है.

वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा का कहना है कि हर सरकार अपने कार्यकाल में कुछ न कुछ ऐसा करती है, जो पिछली सरकार से अलग हो. जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा घटाई थी. सुखविंदर सरकार ने निराश्रित बच्चों के लिए योजना लाई. विकास तो एक सतत प्रक्रिया है. ये एक सरकार से दूसरी सरकार के कार्यकाल में आगे बढ़ती रहती है. पिछली सरकारों के शुरू किए गए काम आने वाली सरकार पूरा करती है. ऐसे में मौजूदा सरकार के कार्यकाल का आकलन तो आने वाले समय में चुनाव के जरिए जनता ही करेगी.

ये भी पढ़ें: टॉयलेट सीट से लेकर समोसा प्रकरण और राहुल गांधी से जुड़े ऑडियो पर जांच, जानिए सुख की सरकार में दूसरे साल के अजब-गजब विवाद

शिमला: हिमाचल में दिसंबर 2022 को सत्ता परिवर्तन हुआ और सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी. कांग्रेस ने चुनाव पूर्व दस गारंटियां दी थीं. कांग्रेस सरकार का दावा है कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने सभी गारंटियों को पूरा करने की दिशा में काम किया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता संभालते ही अपनी प्राथमिकताओं को तय कर लिया था. सीएम सुक्खू ने दावा किया कि वे सत्ता में सत्ता सुख के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं. अब सरकार के कार्यकाल के दो साल पूरे हो रहे हैं. यहां दो साल के कार्यकाल की कुछ बड़ी उपलब्धियों पर संक्षिप्त में चर्चा की जा रही है. यहां जानते हैं कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने समाज के किन वर्गों के लिए सुख के समाचार सृजित किए हैं. ये सुख समाचार दो साल के कार्यकाल के हैं.

ओपीएस देकर जीता कर्मचारियों का दिल

कांग्रेस ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि सत्ता में आने पर पहली ही कैबिनेट मीटिंग में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी. हिमाचल में ओपीएस की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों ने जोरदार आंदोलन किया था. एक समय ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ओपीएस लागू करना आसान नहीं होगा. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 दिसंबर 2022 को सीएम के रूप में शपथ ग्रहण की और प्रदेश की सत्ता संभाली. फिर नए साल में यानी 2023 में 13 जनवरी को लोहड़ी के दिन पहली ही कैबिनेट में ओपीएस लागू करने का ऐलान किया.

कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा ने सोलन की चुनावी रैली में ऐलान किया था कि पहली ही कैबिनेट मीटिंग में ओपीएस लागू की जाएगी. सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रियंका वाड्रा के इस वादे का मान रखा. राज्य के 1.36 लाख के करीब कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिलने का रास्ता प्रशस्त हुआ. कर्मचारी संगठनों ने इस तोहफे के लिए अनेक मंचों से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया है. ये बात अलग है कि अभी राज्य सरकार के खजाने पर ओपीएस का इंपैक्ट आने में समय है. सरकार का दावा है कि हजारों कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिलने लगा है और उनकी पेंशन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.

निराश्रित बच्चों के लिए सुख की सरकार

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू शपथ ग्रहण करने के बाद सबसे पहले शिमला के टूटीकंडी स्थित निराश्रित बच्चों के आश्रम में पहुंचे. उन्होंने बच्चों से मुलाकात की. सीएम ने 2023 की पहली जनवरी को रविवार के दिन सुखाश्रय योजना का शुभारंभ किया. एक सौ एक करोड़ रुपए के शुरुआती फंड से आरंभ की गई योजना में सीएम ने सबसे पहले आहूति डाली. सीएम ने अपने कैबिनेट सहयोगियों ने अपने एक माह का वेतन कोष में भेंट किया. अब सुखाश्रय योजना में निराश्रित बच्चों को मासिक जेब खर्च, निशुल्क हायर एजुकेशन, लोन, घर बनाने के लिए मदद, स्टार्ट अप के लिए सहारा दिया जा रहा है. इन बच्चों को एक्सपोजर विजिट्स पर ले जाया जाता है. हवाई यात्रा का सुख भी इन बच्चों के दिया जा रहा है. करीब छह हजार निराश्रित बच्चे इससे लाभ उठा रहे हैं. ये बच्चे अब चिल्ड्रन ऑफ स्टेट कहलाते हैं.

आपदा राहत कोष में दे दी जीवन भर की पूंजी

वर्ष 2023 में हिमाचल प्रदेश ने मानसून सीजन की अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी आपदा का सामना किया. पांच सौ से अधिक लोग भयावह बरसात में मौत का शिकार हुए. राज्य सरकार ने आपदा कोष स्थापित किया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 15 सितंबर 2023 को अपने सभी बैंक खातों में जमा कुल पूंजी में से 51 लाख रुपए निकाले और आपदा कोष में भेंट कर दिए. तब उनके बैंक खाते में महज 17 हजार रुपए बचे थे. इस काम में सीएम की माताजी व परिवार वालों ने भी सहयोग किया. कोरोना काल में जब जयराम ठाकुर सत्ता में थे, तब विधायक के रूप में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 लाख रुपए का अंशदान किया था.

680 करोड़ रुपए की स्टार्ट अप योजना

युवाओं के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राजीव गांधी स्टार्ट अप योजना शुरु की है। स्टार्ट अप योजना नवंबर 2023 में आरंभ की गई थी। इसमें पहले चरण में युवाओं को ई-टैक्सी के लिए पचास फीसदी अनुदान दिया गया। इसके अलावा ग्रीन ट्रांस्पोर्ट पर काम करते हुए सुक्खू सरकार ने परिवहन विभाग को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन वाला विभाग कर दिया है। इससे विभाग को लाखों रुपए के पेट्रोल की बचत हो रही है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सौर उर्जा के क्षेत्र में भी सक्रियता से काम कर रहे हैं।

दूध का समर्थन मूल्य बढ़ाया

कांग्रेस ने चुनाव पूर्व गाय का दूध अस्सी रुपए व भैंस का दूध सौ रुपए प्रति लीटर खरीदने का वादा किया था. हालांकि, ये वादा पूरा नहीं हुआ है, लेकिन सरकार ने दूध का मूल्य बढ़ाया है. अब सरकार गाय का दूध 45 रुपए व भैंस का दूध 55 रुपए प्रति लीटर खरीद रही है. कांगड़ा के ढगवार में आधुनिक दूध संयंत्र स्थापित किया जा रहा है.

सीएम का दावा, 15 महीने में पूरी की 5 गारंटियां

कांग्रेस सरकार के एक साल के कार्यकाल का जश्न धर्मशाला में मनाया गया था. अब दूसरे साल के कार्यकाल पूरा होने पर बिलासपुर में समारोह आयोजित किया जा रहा है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 10 दिसंबर 2024 को शिमला से एक बयान में कहा कि उनकी सरकार ने 15 महीने में ही पांच गारंटियों को पूरा किया है. सीएम सुक्खू ने कहा कि बिलासपुर का समारोह व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल की थीम पर आयोजित किया जा रहा है. इस अवसर पर छह नई योजनाओं को शुरू किया जाएगा. हालांकि विपक्ष का दावा है कि सरकार किस बात का जश्न मना रही है, जब प्रदेश में विकास ठप पड़ा है.

वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा का कहना है कि हर सरकार अपने कार्यकाल में कुछ न कुछ ऐसा करती है, जो पिछली सरकार से अलग हो. जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा घटाई थी. सुखविंदर सरकार ने निराश्रित बच्चों के लिए योजना लाई. विकास तो एक सतत प्रक्रिया है. ये एक सरकार से दूसरी सरकार के कार्यकाल में आगे बढ़ती रहती है. पिछली सरकारों के शुरू किए गए काम आने वाली सरकार पूरा करती है. ऐसे में मौजूदा सरकार के कार्यकाल का आकलन तो आने वाले समय में चुनाव के जरिए जनता ही करेगी.

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