शिमला: हिमाचल में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है. कर्ज लेकर रूटीन का खर्च निकाल रही सुख की सरकार ने अब खजाने की मंद सेहत सुधारने व फिजूलखर्ची रोकने के उपाय तलाशने के लिए रिसोर्स मोबिलाइजेशन का सहारा लिया है. सुखविंदर सरकार ने डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अगुवाई में रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी आर्थिक संसाधन जुटाने के उपायों को तलाशेगी.
वीरभद्र सिंह सरकार के समय में भी बनी थी ऐसी कमेटी: वैसे इस तरह की कमेटी पूर्व में वीरभद्र सिंह सरकार के समय में भी बन चुकी है. तब विद्या स्टोक्स उस कमेटी की मुखिया थीं. कमेटी की सिफारिशें क्या थी और उन पर अमल कितना हुआ, ये सामने नहीं आ पाया, लेकिन कमेटी जरूर बनी थी. अब ऐसी ही कमेटी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने भी बनाई है. वैसे तो इस कमेटी के गठन का फैसला 12 जुलाई को लिया गया था, लेकिन इसे सरकारी ई-गैजेट में शनिवार यानी 20 जुलाई को चढ़ाया गया है. मजेदार बात ये है कि 12 जुलाई को गठित कैबिनेट सब-कमेटी को 15 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सबमिट करने के लिए कहा गया है. अब ये क्लेरिकल मिस्टेक है या सरकार की लापरवाही, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.
कौन-कौन होंगे कमेटी में: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री इस रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी के मुखिया बनाए गए हैं. यानी मुकेश अग्निहोत्री कमेटी के चेयरमैन होंगे. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार, हर्षवर्धन चौहान और राजेश धर्माणी कमेटी के सदस्य होंगे. एडवाइजर (प्लानिंग) कमेटी के सदस्य सचिव बनाए गए हैं. पांच लोगों की कमेटी रिसोर्स मोबिलाइजेशन के उपाय करेगी. गौरतलब है कि इससे पूर्व जब वीरभद्र सिंह सरकार में विद्या स्टोक्स की अगुवाई में ऐसी कमेटी बनी थी तो उस समय भी मुकेश अग्निहोत्री और हर्षवर्धन चौहान कमेटी में शामिल थे. एक अन्य सदस्य तत्कालीन कैबिनेट मंत्री जीएस बाली थे. एक दिलचस्प तथ्य ये भी था कि वीरभद्र सिंह के समय में गठित कमेटी के मुखिया पद की जिम्मेदारी पहले कौल सिंह ठाकुर को सौंपी गई थी. फिर कुछ सियासी कारणों से ये जिम्मेदारी कौल सिंह ठाकुर से लेकर विद्या स्टोक्स को दी गई थी. ये वर्ष 2014 की बात है.
कैबिनेट रैंक बांटने में उदार रही है सुख की सरकार: विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार में चहेतों को कैबिनेट रैंक बांटे गए हैं. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के अनुसार कांग्रेस सरकार ने मनमाने तरीके से कैबिनेट रैंक बांटे हैं. इस समय सीएम के मीडिया सलाहकार, राजनीतिक सलाहकार से लेकर विधायकों भवानी पठानिया, नंदलाल, आरएस बाली को कैबिनेट रैंक है. साथ ही सरकार ने छह सीपीएस बनाए हुए हैं. कैबिनेट रैंक का खर्च काफी अधिक होता है. इसमें गाड़ी, मकान, ऑफिस, स्टाफ का खर्च शामिल है. यदि कैबिनेट रैंक न दिए जाएं तो ये खर्च बच सकता है. पूर्व में भी विद्या स्टोक्स वाली कमेटी ने मितव्यता अपनाने से जुड़े सुझाव दिए थे. अकेले जीएस बाली की तरफ से चालीस सुझाए आए थे, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट तत्कालीन सरकार ने सार्वजनिक नहीं की थी. अलबत्ता सुखविंदर सिंह सरकार ने सत्ता में आने के बाद प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जरूर जारी किया था. उस कमेटी के मुखिया भी डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ही थे.
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