गया: बिहार में गया के प्रमोद कुमार भदानी की कहानी यह बताती है कि कठिन परिश्रम और थोड़ी सी किस्मत का साथ मिल जाए, तो कोई भी सफलता की ऊंचाइयों तक पहुँच सकता है. आज प्रमोद भदानी, जो कभी 2500 रूपए की पूंजी से लड्डू बेचते थे, अब करोड़पति बिजनेसमैन के रूप में जाने जाते हैं. उनका व्यवसाय बिहार-झारखंड के अलावा अन्य कई राज्यों में फैला हुआ है, और उनकी सालाना आय करोड़ों में है.
मुफलिसी में बीता था बचपन: प्रमोद कुमार भदानी का बचपन आर्थिक तंगी में बीता था. उनके पिता एक छोटे मिठाई व्यापारी थे और ठेले पर लड्डू बेचकर घर का गुजारा करते थे. प्रमोद ने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की, लेकिन घर की स्थिति को देखकर उनकी रुचि पढ़ाई से हटकर अपने पिता के व्यवसाय में लग गई.
14 वर्ष की उम्र में शुरू हुआ कारोबार: प्रमोद कुमार भदानी ने 14 साल की उम्र में अपने पिता से 2500 रुपए की पूंजी लेकर कारोबार शुरू किया. उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर ठेले पर लड्डू बेचना शुरू किया. उनके लड्डू की मिठास ने स्थानीय लोगों का दिल जीत लिया, और धीरे-धीरे उनका कारोबार बढ़ने लगा.
19 घंटे की मेहनत और भाग्य का साथ: प्रमोद कुमार भदानी कड़ी मेहनत करने में विश्वास रखते थे. उन्होंने 19 घंटे दिन-रात लड्डू बनाने और बेचने में बिताए. उनके कठिन परिश्रम का फल मिला, और उनका व्यवसाय तेजी से बढ़ने लगा. प्रमोद ने बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों में अपने लड्डू की आपूर्ति शुरू की, और आज उनका कारोबार करोड़ों का हो चुका है.
बिहार और अन्य राज्यों में फैलाया कारोबार: प्रमोद कुमार भदानी का व्यवसाय अब सिर्फ गया और बिहार तक सीमित नहीं है. उन्होंने अपने लड्डू और अन्य मिठाइयों का कारोबार यूपी, बंगाल, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और कोलकाता जैसे राज्यों तक फैलाया है. वर्तमान में प्रमोद के आठ आउटलेट हैं और उनका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ से भी अधिक है.
मिठाई फैक्ट्री का निर्माण: प्रमोद कुमार भदानी ने अब बिहटा में मिठाई की फैक्ट्री बनाने की योजना बनाई है. उनके पास प्रमोद लड्डू भंडार नाम से एक कंपनी है, और वह मिठाई, नमकीन और बेकरी उत्पादों का बड़ा कारोबार चला रहे हैं.
मेहनत से आगे बढ़ा कारोबार: प्रमोद बताते हैं कि उनके व्यवसाय का सफर कठिनाईयों से भरा था. पहले उन्होंने ठेले से लड्डू बेचना शुरू किया, फिर छोटी दुकान से बड़ी दुकान तक पहुँचे. आज उनका व्यवसाय लाखों ग्राहकों की पसंद बन चुका है.
सफलता का मंत्र: प्रमोद कुमार भदानी का कहना है कि सफलता का असली मंत्र ग्राहकों की जरूरतों और गुणवत्ता को समझकर काम करना है. उन्होंने हमेशा इस पर ध्यान दिया कि ₹100 के सामान में से ग्राहकों को 92-94 रुपए का मूल्य मिले. उनका मानना है कि ग्राहक और सप्लायर के अच्छे रिश्ते से ही कारोबार में सफलता मिलती है.
"मैं युवाओं को सफलता का मंत्र के रूप में बताना चाहता हूं, कि ग्राहकों को उनके सामान की गुणवत्ता क्वालिटी पैकेजिंग के साथ ध्यान आकर्षित किया जाए. यह भी प्रयास करें कि 100 रुपये ग्राहक से ले रहे हैं, तो 92-94 रुपये ग्राहकों को उनके सामान के रूप में लौटाएं. कच्चा माल सप्लायर देता है, तो सप्लायर पर भी ध्यान रखें. दोनों में बेहतर रिलेशन हो. ग्राहक और सप्लायर दोनों से अगर बेहतर हैं, तो बिजनेस में काफी आगे जाने के चांसेस बने रहते हैं."-प्रमोद कुमार भदानी, सफल कारोबारी
कई पुरस्कारों से सम्मानित: प्रमोद कुमार भदानी को उनके कारोबार में सफलता के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं. उन्हें बिहार के राज्यपाल से सम्मानित किया गया है और उद्योग विभाग ने भी उन्हें मान्यता दी है.
समाज के लिए कुछ करने की चाहत: प्रमोद कुमार भदानी ने मेहनत और समर्पण के साथ अपनी तकदीर को बदल लिया. अब उनकी चाहत है कि वह समाज के लिए कुछ अच्छा करें और आगे बढ़ते रहें. अपनी कड़ी मेहनत और उद्यमिता ने प्रमोद को फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया.