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सैनिक स्कूल से बढ़ेगी गोरखपुर की साख, इसी सत्र से होगी पढ़ाई की शुरुआत

गोरखपुर में इस सत्र से सैनिक स्कूल (Sainik School in Gorakhpur) में पढ़ाई शुरू होगी. साथ ही इससे गोरखपुर की साख भी बढ़ेगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 7, 2024, 8:11 PM IST

गोरखपुर: उच्च शिक्षा, मेडिकल और तकनीकी शिक्षा को लेकर गोरखपुर में स्थापित चार विश्वविद्यालयों के बाद जिले में अब सैनिक स्कूल भी एक नगीने के रूप में शुरू होने जा रहा है. यह भी गोरखपुर की साख बढ़ाएगा. यह सैनिक स्कूल भी राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा. इसके जरिए छात्र फौज में भी अफसर बनेंगे. वह देश की सीमाओं की रक्षा करने के भाव से भी भरेंगे. इस स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है. सीएम योगी भी इसको लेकर अपनी मंशा कई बार स्पष्ट कर चुके हैं. यह सैनिक स्कूल गोरखपुर समेत पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ के रूप में दिखेगा. मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों अपने दौरे में इसका स्थलीय निरीक्षण भी किया था. जो कमियां रह गई थीं, उन्हें फरवरी में पूर्ण करने का निर्देश भी दिया था और अब जब उनकी सरकार का 5 फरवरी को बजट पेश हुआ तो यहां के शेष कार्यों के लिए चार करोड़ रुपये देकर इसे नए सत्र से शुरू करने के अपने मजबूत संकल्प को भी दिखा दिया.

सैनिक स्कूल के शिक्षा की पूरे भारत वर्ष में चर्चा होती है. ऐसे में किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है. पूर्वांचल के जिस हिस्से में इसकी स्थापना हुई है, वह गोरखपुर शिक्षा के लिए बड़ा केंद्र बन चुका है. स्वास्थ्य सुविधा के लिए भी पड़ोसी एक दर्जन जिले के लोग यहां पर निर्भर हैं. ऐसे में सैनिक स्कूल में भी देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, बस्ती, गाजीपुर, मऊ, अंबेडकर नगर, बलिया जैसे जिलों के लोग अपने बच्चों के दाखिले का यहां प्रयास करेंगे.

वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में चार करोड़ रुपये का प्रावधान होने से इस सत्र से यहां पढ़ाई शुरू कराने की दिशा में कदम बढ़ गया हैं. सैनिक स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं. जो भी काम शेष हैं, वह अब हो जाएंगे. 50 एकड़ के परिसर में 150 करोड़ की लागत से यह स्कूल बन रहा है. इसकी खुशी एक अधिवक्ता राजेश नारायण दुबे ने व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे का सैनिक स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए लखनऊ, दिल्ली, हिमाचल तक की यात्रा की. लेकिन, नहीं सफल हो पाए. उनकी इच्छा होगी कि उनकी बेटी यहां पर पढ़े.

खाद कारखाना परिसर में बन रहे इस सैनिक स्कूल में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कक्षाओं का संचलन शुरू हो जाएगा. सैनिक स्कूल में मॉडल, एकेडमिक व प्रशासनिक ब्लॉक समेत बालक-बालिका छात्रावास, मेस, स्टेडियम का निर्माण हुआ है. डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले इस स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को किया था. ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ के ध्येय से निर्माणाधीन इस शैक्षिक केंद्र में कक्षा 6 से 12 तक बालक-बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी. छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस हैं.

स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति व परंपरा का दर्शन कराने वाला बना है. यहां बनने वाले हॉस्टल राष्ट्र नायकों के नाम से समर्पित होंगे. साथ ही कैंपस के अलग-अलग स्थानों का नामकरण सेना के जांबाजों के नाम पर किया जाएगा. सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों के खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेलों के कई कोर्ट व मैदान भी विकसित हुए हैं या हो रहे हैं. गोरखपुर का सैनिक स्कूल सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा और इच्छा के अनुरूप सैनिक स्कूल की रूपरेखा तैयार हो रही है. शैक्षिक सत्र भी उसी अनुरूप संचालित किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: यूपी विधानसभा बजट सत्र: सीएम योगी ने शिवपाल पर ली चुटकी, कहा- अखिलेश तो अपने चच्चू को ही भूल गए

यह भी पढ़ें: कागजी छुट्टी खत्म: यूपी के सरकारी कर्मचारियों ने ऐसे लिया अवकाश तो प्रमोशन और इंक्रीमेंट पर पड़ेगा असर, सर्विस भी होगी ब्रेक

गोरखपुर: उच्च शिक्षा, मेडिकल और तकनीकी शिक्षा को लेकर गोरखपुर में स्थापित चार विश्वविद्यालयों के बाद जिले में अब सैनिक स्कूल भी एक नगीने के रूप में शुरू होने जा रहा है. यह भी गोरखपुर की साख बढ़ाएगा. यह सैनिक स्कूल भी राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा. इसके जरिए छात्र फौज में भी अफसर बनेंगे. वह देश की सीमाओं की रक्षा करने के भाव से भी भरेंगे. इस स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है. सीएम योगी भी इसको लेकर अपनी मंशा कई बार स्पष्ट कर चुके हैं. यह सैनिक स्कूल गोरखपुर समेत पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ के रूप में दिखेगा. मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों अपने दौरे में इसका स्थलीय निरीक्षण भी किया था. जो कमियां रह गई थीं, उन्हें फरवरी में पूर्ण करने का निर्देश भी दिया था और अब जब उनकी सरकार का 5 फरवरी को बजट पेश हुआ तो यहां के शेष कार्यों के लिए चार करोड़ रुपये देकर इसे नए सत्र से शुरू करने के अपने मजबूत संकल्प को भी दिखा दिया.

सैनिक स्कूल के शिक्षा की पूरे भारत वर्ष में चर्चा होती है. ऐसे में किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है. पूर्वांचल के जिस हिस्से में इसकी स्थापना हुई है, वह गोरखपुर शिक्षा के लिए बड़ा केंद्र बन चुका है. स्वास्थ्य सुविधा के लिए भी पड़ोसी एक दर्जन जिले के लोग यहां पर निर्भर हैं. ऐसे में सैनिक स्कूल में भी देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, बस्ती, गाजीपुर, मऊ, अंबेडकर नगर, बलिया जैसे जिलों के लोग अपने बच्चों के दाखिले का यहां प्रयास करेंगे.

वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में चार करोड़ रुपये का प्रावधान होने से इस सत्र से यहां पढ़ाई शुरू कराने की दिशा में कदम बढ़ गया हैं. सैनिक स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं. जो भी काम शेष हैं, वह अब हो जाएंगे. 50 एकड़ के परिसर में 150 करोड़ की लागत से यह स्कूल बन रहा है. इसकी खुशी एक अधिवक्ता राजेश नारायण दुबे ने व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे का सैनिक स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए लखनऊ, दिल्ली, हिमाचल तक की यात्रा की. लेकिन, नहीं सफल हो पाए. उनकी इच्छा होगी कि उनकी बेटी यहां पर पढ़े.

खाद कारखाना परिसर में बन रहे इस सैनिक स्कूल में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कक्षाओं का संचलन शुरू हो जाएगा. सैनिक स्कूल में मॉडल, एकेडमिक व प्रशासनिक ब्लॉक समेत बालक-बालिका छात्रावास, मेस, स्टेडियम का निर्माण हुआ है. डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले इस स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को किया था. ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ के ध्येय से निर्माणाधीन इस शैक्षिक केंद्र में कक्षा 6 से 12 तक बालक-बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी. छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस हैं.

स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति व परंपरा का दर्शन कराने वाला बना है. यहां बनने वाले हॉस्टल राष्ट्र नायकों के नाम से समर्पित होंगे. साथ ही कैंपस के अलग-अलग स्थानों का नामकरण सेना के जांबाजों के नाम पर किया जाएगा. सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों के खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेलों के कई कोर्ट व मैदान भी विकसित हुए हैं या हो रहे हैं. गोरखपुर का सैनिक स्कूल सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा और इच्छा के अनुरूप सैनिक स्कूल की रूपरेखा तैयार हो रही है. शैक्षिक सत्र भी उसी अनुरूप संचालित किया जाएगा.

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