रायपुर: छत्तीसगढ़ में नौकरी को लेकर युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एसआई भर्ती परीक्षा परिणाम जारी करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठे हैं. साथ ही अभ्यर्थी दुर्ग से रायपुर तक दौड़ रहे हैं. दूसरी ओर नौकरी गंवाने की कगार पर बैठे बीएड सहायक शिक्षक नौकरी बचाने के लिए गुहार लगा रहे हैं. अनशन और धरने पर बैठे छात्र की समस्या को लेकर अबतक शिक्षा विभाग की ओर से कोई रुख सामने नहीं आ पाया है.
एसआई परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग: एसआई भर्ती परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग को लेकर लगातार अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं. छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. गृहमंत्री के शासकीय आवास पर पर जाकर अपना विरोध भी जता चुके हैं. इसके बाद पिछले कुछ दिनों से यह अभ्यर्थी आमरण अनशन पर भी बैठे हैं. छात्रों का आरोप है कि ''सरकार की ओर से कोई सकारात्मक रुख नजर नहीं आ रहा है''. विरोध स्वरुप अभ्यर्थियों ने दुर्ग से रायपुर तक की दौड़ भी लगाई थी. अभ्यर्थियों का कहना कि ''आने वाले दिनों में भी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा''.
''अभ्यर्थियों ने बताया कि ''वह लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं. पिछले 6 सालों से वह इस भर्ती का इंतजार कर रहे हैं. भर्ती की सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं. सिर्फ रिजल्ट जारी करना और नियुक्ति देना बाकी है. सरकार के द्वारा यह रिजल्ट जारी नहीं किया जा रहा है. इसे लेकर हम लगातार मांग करते आ रहे हैं. हमारी सिर्फ एक ही मांग है कि जल्द से जल्द एसआई भर्ती परीक्षा परिणाम घोषित किया जाए.'' - पीयूष, अभ्यर्थी, एसआई भर्ती परीक्षा
''जब सरकार ने भर्ती निकाली थी तो वह गलत कैसे हो गई. यदि किसी भी कारण से इन लोगों को हटाने का कोर्ट का आदेश हुआ है. इसके लिए सरकार जिम्मेदार है इसलिए सरकार को चाहिए कि वह इन्हें या तो छोटी कक्षा में पढ़ने की अनुमति दे या फिर अन्य किसी जगह पर समायोजित किया जाए. जिससे उनके सामने रोजगार की समस्या ना हो''. - अंकित चौबे, B.Ed सहायक शिक्षक
''नौकरी का सताने लगा डर'': अभ्यर्थियों का कहना है कि ''लगभग 1 साल नौकरी करने के बाद आज बेरोजगारी का डर सता रहा है. सारे परिवार की जवाबदारी उनके कंधों पर है. ऐसे में यदि नौकरी से निकाला जाता है तो उनकी स्थिति ठीक नहीं रहेगी. उनके मान सम्मान को भी ठेस पहुंचेगी.
2018 में शुरू हुई एसआई भर्ती प्रक्रिया: बता दें कि ''साल 2018 में शुरू हुई एसआई भर्ती प्रक्रिया साल 2024 तक पूर्ण नहीं हो सकी है'' 6 साल बाद भी इस भर्ती प्रक्रिया के अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम का इंतजार कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ''अब उनके सब्र का सब्र का बांध टूटता जा रहा है''.
क्या है दलील: प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि ''लगभग 2900 बी. एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षक पिछले 1 वर्ष से बस्तर तथा सरगुजा सम्भाग के सुदूर अंचल में काम कर रहे हैं. राज्यपाल द्वारा अनुमोदित गजट 'छत्तीसगढ़ राज्य भर्ती नियम 2019' के तहत हुई है. हम सभी सहायक शिक्षक छत्तीसगढ़ व्यापम द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा 2023 उत्तीर्ण कर मेरिट में स्थान प्राप्त कर सेवा में आए''.
नियमों का दिया हवाला: शिक्षकों का कहना है कि ''हमारी भर्ती पूर्णतः राज्य शासन के नियमों के अधीन हुई है. हम 2900 चयनित सहायक शिक्षकों में से लगभग 71% अभ्यर्थी अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति से आते हैं''. कुल मिलाकर शिक्षकों ने सरकार से मांग की है कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाए.