जयपुर. राजस्थान में हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स विदेश से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करते हैं, लेकिन इंटर्नशिप के लिए इन स्टूडेंट्स को भटकना पड़ता है. इसके बाद इन एमबीबीएस स्टूडेंट्स में चिकित्सा विभाग से समक्ष इंटर्नशिप सीटें बढ़ाने की मांग रखी है. इसको लेकर सोमवार को ये स्टूडेंट्स राजस्थान मेडिकल काउंसिल पहुंचे.
इन स्टूडेंट्स का कहना है कि विदेश से एमबीबीएस करने के बाद नेशनल मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइन के अनुसार फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन की परीक्षा उन्होंने पास कर ली है. इसके दो महिने बाद राजस्थान में इंटर्नशिप की अधिसूचना जारी की गई और सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मेडिकल काउंसिल में इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर दिया था, लेकिन राजस्थान में जितने स्टूडेंट्स हैं. उसके अनुसार इंटर्नशिप के लिए सीटें उपलब्ध नहीं है. इंटर्नशिप सीट से वंचित स्टूडेंट्स ने कहा कि राजस्थान मेडिकल काउंसिल द्वारा हाल में जारी की गई सूची में कुल 1136 अभ्यर्थियों में से महज 766 अभ्यर्थियों को ही सीट प्रदान की गई है. वहीं, 370 अभ्यर्थी इंटर्नशिप सीट से वंचित रह गए हैं. इसके बाद स्टूडेंट्स राजस्थान मेडिकल काउंसिल पहुंचे और काउंसिल के समक्ष इंटर्नशिप के लिए सीटें बढ़ाने की मांग रखी.
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स्टूडेंट्स का कहना है कि इंटर्नशिप के लिए स्टूडेंट लगातार काउंसिल के चक्कर लगा रहे हैं. नीट पीजी 2025 में योग्य होने के लिए इंटर्नशिप का समय पर पूरा होना आवश्यक है. राज्य के स्टूडेंट्स को प्राथमिकता स्टूडेंट्स का यह भी कहना है कि राज्य में सीट का प्राथमिक अधिकार उसी राज्य के स्टूडेंट्स का होता है, लेकिन अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स को भी इंटर्नशिप के लिए प्राथमिकता दी जा रही है. अन्य राज्यों में स्थानीय स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप के लिए पहले मौका दिया जाता है. ऐसे में इन स्टूडेंट्स ने शेष रहे 370 अभ्यर्थियों के लिए सीट आवंटन के लिए सैकेंड काउंसलिग जल्द कराने की मांग की है.