नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस स्थित जीसस एंड मैरी कॉलेज के नॉन कॉलेजिएट वूमेंस एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) की छात्राओं ने शनिवार कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्राओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए वी वांट जस्टिस के नारे लगाए. छात्राओं का कहना था कि फरवरी-मार्च में आयोजित सेमेस्टर परीक्षा के दौरान एनसीवेब की तरफ से आए किसी टेक्निकल इश्यू की वजह से अधिकतर छात्राओं को फेल कर दिया गया है.
8 महीने बाद भी रिजल्ट को नहीं किया गया ठीक : छात्राओं का कहना है कि सेमेस्टर परीक्षा के गलत रिजल्ट को आए हुए भी 8 महीने से ज्यादा का समय बीत गया है. लेकिन, अभी तक रिजल्ट को ठीक नहीं किया गया है. अब फिर से सेमेस्टर एग्जाम आ गए हैं और एनसीवेब द्वारा कहा जा रहा है कि फेल होने वाली सभी छात्राओं को पिछले सेमेस्टर के भी एग्जाम दोबारा से देने होंगे. इसके लिए कॉलेज फिर से एग्जाम फीस की मांग भी कर रहा है. नाम न छापने की शर्त पर एक छात्रा ने बताया कि कॉलेज हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. इसको लेकर छात्राओं को आज कॉलेज के बाहर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा है.
छात्राएं बोलीं- कॉलेज की गलती : छात्राओं ने कहा कि पिछले सेमेस्टर परीक्षा में कॉलेज की तरफ से ही कोई टेक्निकल इश्यू है जिसकी वजह से अधिकतर छात्राओं को फेल कर दिया गया. अब कॉलेज की गलती का खामियाजा हम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. सभी लोग इस चीज को लेकर परेशान हैं कि पिछला रिजल्ट अगर ठीक नहीं किया गया तो अभी होने वाले सेमेस्टर एग्जाम कैसे देंगे. कैसे हमें आगे की कक्षा में प्रमोट किया जाएगा. सभी छात्राएं इसी चिंता में हैं. लेकिन, कॉलेज अभी तक इस समस्या को दूर करने के लिए तैयार नहीं है, जबकि कॉलेज को अभी तक अपने स्तर पर हुई गलती को सुधारते हुए सभी छात्राओं के परीक्षा परिणाम को ठीक कर देना चाहिए था, जिससे कि हमें आगे की परीक्षा देने में कोई समस्या ना हो. एक तो परीक्षा के रिजल्ट को ठीक नहीं किया गया. ऊपर से कॉलेज फिर से परीक्षा देने और दोबारा से एग्जाम फीस की मांग कर रहा है .यह कॉलेज की मनमानी हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे.
एनसीवेब की निदेशक ने जानकारी लेकर जवाब देने की कही बात : वहीं, इस मामले में एनसीवेब की निदेशक प्रोफेसर गीता भट्ट ने कहा कि मामले की जानकारी लेकर अपना पक्ष देंगे. अभी कॉलेज प्रशासन से हम जानकारी ले रहे हैं. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के एनसीवेब के 26 से ज्यादा कॉलेज में सेंटर चलते हैं. एनसीवेब में कामकाजी महिलाओं के पढ़ने की व्यवस्था है. एनसीवेब के केंद्र पर शनिवार रविवार को ही पढ़ाई होती है.
ये भी पढ़ें :