नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दो साल पहले शुरू किए गए हिंदू अध्ययन केंद्र में अगले सत्र से छात्रों को पीएचडी करने का मौका मिलेगा. डीयू की एक स्थायी समिति ने इसका प्रस्ताव दिया है. हिंदू अध्ययन केंद्र के शासी निकाय ने भी सिफारिश की है कि पीएचडी कार्यक्रम 2025-26 में शुरू किया जाना चाहिए. अब इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को आयोजित होने जा रही अकदमिक परिषद (एसी) की बैठक में मुहर लगाई जाएगी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शासी निकाय ने जो प्रस्ताव दिया था, उसके अनुसार इसी वर्ष पीएचडी शुरू करने की योजना बनाई गई थी. लेकिन, बाद में उसे स्थगित कर दिया गया. हिंदू अध्ययन केंद्र की संयुक्त निदेशक प्रेरणा मल्होत्रा ने कहा कि हिंदू अध्ययन में पीएचडी शुरू करने की पहल का उद्देश्य छात्रों के लिए अवसर सृजित करना है. उन्होंने आगे कहा कि एक प्रमुख संस्थान के रूप में डीयू हिंदू अध्ययन के विविध क्षेत्रों में ऐसे अवसर प्रदान करने और शोध को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्र शुरुआत में 10 पीएचडी सीटें दे सकता है, जिसमें लागू आरक्षण और अतिरिक्त श्रेणियों के तहत सीटें शामिल हैं. प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र के बुनियादी ढांचे और शैक्षणिक आवश्यकताओं के आधार पर भविष्य में प्रवेश बढ़ाया जा सकता है.
डीयू अकादमिक परिषद की बैठक कल: डीयू की अकादमिक परिषद 27 दिसंबर को अपनी बैठक के दौरान सिफारिश की समीक्षा करेगी और उस पर निर्णय लेगी. अकादमिक परिषद से स्वीकृति के बाद प्रस्ताव को विश्वविद्यालय के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय, कार्यकारी परिषद (ईसी) के समक्ष मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. पीएचडी कार्यक्रम के लिए पात्रता मानदंड डीयू के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होंगे. आवेदकों के पास कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ हिंदू अध्ययन या संबद्ध विषयों में मास्टर डिग्री होनी चाहिए, साथ ही जेआरएफ या नेट योग्यता या विश्वविद्यालय की पीएचडी पात्रता परीक्षा में सफलता होनी चाहिए. आरक्षित श्रेणियों के लिए लागू छूट पीएचडी सूचना बुलेटिन में निर्दिष्ट अनुसार प्रदान की जाएगी.
केंद्र में नियमित नियुक्तियों तक, अनुसंधान पर्यवेक्षण विश्वविद्यालय के संबद्ध विभागों और कॉलेजों के संकाय द्वारा संभाला जाएगा, जिनके पास हिंदू अध्ययन में विशेषज्ञता है और जिन्होंने रुचि व्यक्त की है. दिल्ली विश्वविद्यालय वर्तमान में हिंदू अध्ययन में केवल स्नातकोत्तर प्रदान करता है. 2023 में स्थापित हिंदू अध्ययन केंद्र ने नवंबर 2023 में अपना पहला एमए बैच शुरू किया था. 2025 में इसका पहला बैच पूरा हो रहा है.
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