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जेएसएससी पीजीटी परीक्षा विवादपर छात्रों का आंदोलन जारी, आयोग ने साधी चुप्पी! जानिए कैसे हुई गड़बड़ी - JSSC PGT exam - JSSC PGT EXAM

JSSC PGT exam controversy. जेएसएससी पीजीटी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर छात्रों का आंदोलन जारी है. इन गड़बड़ी को लेकर लगे आरोपों पर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया है. इस कारण से ऐन वक्त पर आयोग की ओर से नियुक्ति का कार्यक्रम को भी टाल दिया गया है.

Students agitation continues over irregularities in JSSC PGT exam in Jharkhand
जेएसएससी पीजीटी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर छात्रों का आंदोलन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 3, 2024, 3:28 PM IST

रांचीः झारखंड में जेपीएससी के बाद अब जेएसएससी पर सवाल उठने लगे हैं. सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद जिस तरह से आयोग द्वारा आयोजित पीजीटी परीक्षा के रिजल्ट पर विवाद गहरा रहा है उससे कहीं ना कहीं आयोग की छवि धुमिल हो रही है.

जेएसएससी पीजीटी परीक्षा विवादपर छात्रों का आंदोलन (ETV Bharat)

मेधावी युवक पढ़ाई करने के बजाय अगर सड़क पर न्याय की गुहार लगाने पहुंच जाएं तो समझा जा सकता है कि शासन प्रशासन के अंदर कितनी खामियां हैं. अन्य छात्रों की तरह राजभवन के समक्ष धरना पर बैठे विद्यार्थियों ने भी पीजीटी की परीक्षा दी थी. जिस तरह से इसके रिजल्ट को लेकर सवाल उठ रहे हैं वो कहीं ना कहीं गंभीर मामला है.

क्या है विवाद का मूल कारण

पिछले साल झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 11 विषयों के लिए कुल 3120 पदों पर पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया. आवेदन प्राप्त होने के बाद सितंबर 2023 में कंप्यूटर आधारित परीक्षा रांची, धनबाद, बोकारो, देवघर, जमशेदपुर जैसे शहरों में आयोजित किए गए. परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को दी गई. जिसके तहत आरआर टेक्नोलॉजी, श्रेया डिजिटल, बैजनाथ इन्फोटेक, बिरला इंस्टिट्यूट ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, धनबाद डिजिटल, कबीर पॉलिटेक्निक, इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशन, फ्यूचर ब्राइट जैसे सेंटर पर परीक्षा ली गई.

जब परिणाम घोषित किए गए तो कुछ सेंटर से सर्वाधिक विद्यार्थी विभिन्न विषयों में पास करके उदाहरण के तौर पर श्रेया डिजिटल बोकारो जिसका टेस्ट सेंटर कोड 102 था वहां से 513 स्टूडेंट सफल हो गए. कुल रिजल्ट का यह 14.21% है. इसी तरह रांची के फ्यूचर ब्राइट केंद्र से जिसका सेंटर कोड 114 है वहां से 254 स्टूडेंट सफल हो गए जो सफल होने वाले छात्रों की संख्या का 7.53 प्रतिशत है. इसी तरह शिवा इन्फोटेक रांची की बात करें जिसका सेंटर कोड 123 बताया गया है उसमें 279 छात्र सफल हो गए जो सफल छात्रों की संख्या का 7.73% है.

इन नतीजों को लेकर नाराज छात्रों का मानना है कि इसमें बड़े पैमाने पर कंप्यूटर को हैक करके गड़बड़ी हुई है और जो एजेंसी को परीक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी. वह सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी करने के आरोप में जांच के दायरे में है और पूर्व में वह ब्लैक लिस्टेट रही हैं. ऐसे में इसकी जांच सीबीआई से कराई जाए और जांच पूरी होने तक नियुक्ति पत्र नहीं वितरित किया जाए. राजभवन के समक्ष बैठे जेएसएससी पीजीटी छात्र लालमोहन महतो कहते हैं कि सरकार इसे गंभीरता से ले और इसकी सीबीआई जांच सुनिश्चित करें नहीं तो पैसे और पैरवी के बल पर हजारों मेधावी छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा. इधर छात्रों की मांग पर आयोग चुप्पी साधे हुए है. आयोग के कोई भी अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं.

ऐन वक्त पर टला पीजीटी शिक्षकों का नियुक्ति पत्र वितरण

इन विवादों के बीच झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से अनुशंसित पीजीटी सफल शिक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण को फिलहाल टाल दिया गया है. शिक्षा विभाग के द्वारा आज यानी 3 जुलाई को नियुक्ति पत्र वितरित करने की तैयारी की गई थी लेकिन अपरिहार्य कारण बताते हुए इसे स्थगित कर दिया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छात्रों के आंदोलन और इस पर चल रही राजनीति तूल पकड़ता देख मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से फिलहाल इसे रोकने के लिए कहा गया है. बहरहाल इस मसले को लेकर छात्रों का आंदोलन जारी है और इस पर सियासत भी तेज है. ऐसे में सरकार को सीजीएल परीक्षा पेपर लीक का गुत्थी अभी सुलझा नहीं था की दूसरी परीक्षा विवादों में आने से चिंता बढ़ा दी है.

इसे भी पढ़ें- जेएसएससी पीजीटी परीक्षा में धांधली के विरोध में भाजपा ने निकाला मशाल जुलूस, सरकार पर लगाया आरोप

इसे भी पढ़ें- WATCH: जेएसएससी पीजीटी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर सीबीआई जांच की मांग - JSSC PGT exam controversy

इसे भी पढ़ें- जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक के बाद झारखंड पीजीटी परीक्षा पर उठ रहे सवाल, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने राज्य सरकार से की जांच की मांग - Jharkhand PGT Exam

रांचीः झारखंड में जेपीएससी के बाद अब जेएसएससी पर सवाल उठने लगे हैं. सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद जिस तरह से आयोग द्वारा आयोजित पीजीटी परीक्षा के रिजल्ट पर विवाद गहरा रहा है उससे कहीं ना कहीं आयोग की छवि धुमिल हो रही है.

जेएसएससी पीजीटी परीक्षा विवादपर छात्रों का आंदोलन (ETV Bharat)

मेधावी युवक पढ़ाई करने के बजाय अगर सड़क पर न्याय की गुहार लगाने पहुंच जाएं तो समझा जा सकता है कि शासन प्रशासन के अंदर कितनी खामियां हैं. अन्य छात्रों की तरह राजभवन के समक्ष धरना पर बैठे विद्यार्थियों ने भी पीजीटी की परीक्षा दी थी. जिस तरह से इसके रिजल्ट को लेकर सवाल उठ रहे हैं वो कहीं ना कहीं गंभीर मामला है.

क्या है विवाद का मूल कारण

पिछले साल झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 11 विषयों के लिए कुल 3120 पदों पर पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया. आवेदन प्राप्त होने के बाद सितंबर 2023 में कंप्यूटर आधारित परीक्षा रांची, धनबाद, बोकारो, देवघर, जमशेदपुर जैसे शहरों में आयोजित किए गए. परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को दी गई. जिसके तहत आरआर टेक्नोलॉजी, श्रेया डिजिटल, बैजनाथ इन्फोटेक, बिरला इंस्टिट्यूट ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, धनबाद डिजिटल, कबीर पॉलिटेक्निक, इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशन, फ्यूचर ब्राइट जैसे सेंटर पर परीक्षा ली गई.

जब परिणाम घोषित किए गए तो कुछ सेंटर से सर्वाधिक विद्यार्थी विभिन्न विषयों में पास करके उदाहरण के तौर पर श्रेया डिजिटल बोकारो जिसका टेस्ट सेंटर कोड 102 था वहां से 513 स्टूडेंट सफल हो गए. कुल रिजल्ट का यह 14.21% है. इसी तरह रांची के फ्यूचर ब्राइट केंद्र से जिसका सेंटर कोड 114 है वहां से 254 स्टूडेंट सफल हो गए जो सफल होने वाले छात्रों की संख्या का 7.53 प्रतिशत है. इसी तरह शिवा इन्फोटेक रांची की बात करें जिसका सेंटर कोड 123 बताया गया है उसमें 279 छात्र सफल हो गए जो सफल छात्रों की संख्या का 7.73% है.

इन नतीजों को लेकर नाराज छात्रों का मानना है कि इसमें बड़े पैमाने पर कंप्यूटर को हैक करके गड़बड़ी हुई है और जो एजेंसी को परीक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी. वह सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी करने के आरोप में जांच के दायरे में है और पूर्व में वह ब्लैक लिस्टेट रही हैं. ऐसे में इसकी जांच सीबीआई से कराई जाए और जांच पूरी होने तक नियुक्ति पत्र नहीं वितरित किया जाए. राजभवन के समक्ष बैठे जेएसएससी पीजीटी छात्र लालमोहन महतो कहते हैं कि सरकार इसे गंभीरता से ले और इसकी सीबीआई जांच सुनिश्चित करें नहीं तो पैसे और पैरवी के बल पर हजारों मेधावी छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा. इधर छात्रों की मांग पर आयोग चुप्पी साधे हुए है. आयोग के कोई भी अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं.

ऐन वक्त पर टला पीजीटी शिक्षकों का नियुक्ति पत्र वितरण

इन विवादों के बीच झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से अनुशंसित पीजीटी सफल शिक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण को फिलहाल टाल दिया गया है. शिक्षा विभाग के द्वारा आज यानी 3 जुलाई को नियुक्ति पत्र वितरित करने की तैयारी की गई थी लेकिन अपरिहार्य कारण बताते हुए इसे स्थगित कर दिया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छात्रों के आंदोलन और इस पर चल रही राजनीति तूल पकड़ता देख मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से फिलहाल इसे रोकने के लिए कहा गया है. बहरहाल इस मसले को लेकर छात्रों का आंदोलन जारी है और इस पर सियासत भी तेज है. ऐसे में सरकार को सीजीएल परीक्षा पेपर लीक का गुत्थी अभी सुलझा नहीं था की दूसरी परीक्षा विवादों में आने से चिंता बढ़ा दी है.

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