नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बुधवार को 6 सफाई कर्मियों को नौकरी से निकाले जाने के विरोध में एडमिन ब्लॉक पर जेएनयू छात्रसंघ पदाधिकारियों के साथ अन्य छात्रों ने प्रदर्शन किया. यह सफाई कर्मी जेएनयू में अनुबंध पर कार्यरत थे.
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष धनंजय ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि इन सफाई कर्मियों की उम्र 55 साल से ज्यादा हो चुकी है. इसको आधार बनाकर उन्हें नौकरी से टर्मिनेट कर दिया गया. पिछले महीने जेएनयू प्रशासन यह नियम लेकर आया कि अब विश्वविद्यालय में कर्मचारियों को 18 साल से लेकर 55 साल की उम्र तक ही नौकरी पर रखा जाएगा. इससे अधिक उम्र होने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा. इस नियम को लाने से पहले मजदूरों को बताया भी नहीं गया.
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि इस देश में बड़े कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र सीमा 60 साल से लेकर 65 साल तक है. इसलिए इस तरह का नियम लाकर मजदूरों को नौकरी से निकालना अन्यायपूर्ण है. मजदूर दिवस के दिन एक मई को इन मजदूरों को नौकरी से निकाला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसलिए जेएनयू छात्रसंघ जेएनयू प्रशासन से लगातार मजदूरों को वापस नौकरी पर रखने की मांग कर रहे हैं.
- ये भी पढ़ें: जेएनयू में नए सत्र से नेट परीक्षा से होंगे पीएचडी कोर्स में दाखिले, शिक्षकों ने नियम पर जताया विरोध
धनंजय ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में वैसे बहुत सारी समस्याएं हैं. सब लोग यह जानते हैं कि संगठित क्षेत्र में नौकरी से रिटायरमेंट की कोई उम्र सीमा तय नहीं है. इसलिए 55 साल की उम्र वाला नियम लाना गलत है. मजदूरों के साथ इस तरह का बर्ताव करके जेएनयू प्रशासन अत्याचार कर रहा है. बता दें, जेएनयू में पहले भी कर्मचारियों को निकाले जाने को लेकर वामपंथी छात्र संगठनों एवं छात्र संघ ने कड़ा विरोध जताया था. इससे पहले जेएनयू प्रशासन द्वारा और अधिक कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाल गया था.