देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड में अवैध शराब और गौवंश तस्करों के खिलाफ सख्त कानून लाने की तैयारी हो रही है. दरअसल गृह विभाग संगठित अपराध से जुड़े कानूनों में बदलाव पर विचार कर रहा है. इसके तहत विभिन्न एक्ट में गैंगस्टर का प्रावधान किया जाएगा ताकि गंभीर मामलों के अपराधियों को आसानी से राहत न मिल सके.
उत्तराखंड में शराब और गौ तस्करी: उत्तराखंड में अब ऐसे कई कानूनों में संशोधन की तैयारी चल रही है, जिनका ताल्लुक संगठित अपराधों से है. पुलिस मुख्यालय ने इस संदर्भ में शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया है. वैसे तो ऐसे 5 से ज्यादा एक्ट हैं.जिनमें कठोरता लाने का प्रयास है, लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण गौवंश और शराब तस्करी से जुड़े अपराध शामिल है. एक्ट में संशोधन के जरिए अब इसमें गैंगस्टर का प्रावधान किया जाएगा. खबर है कि पुलिस विभाग ने इसका एक पूरा खाका तैयार करते हुए प्रस्ताव को शासन में भेज दिया है और अब शासन स्तर पर चिंतन के बाद कैबिनेट में प्रस्ताव को लाया जाएगा. अब सवाल यह है कि आखिरकार इन तमाम अपराधों को सख्त करने की क्यों आवश्यकता पड़ रही है. तो इसका जवाब उत्तराखंड में ऐसे अपराधों को लेकर सार्वजनिक हो रहे वह आंकड़े हैं जो इन मामलों में आम लोगों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
एक्ट में बदलाव के जरिए गैंगस्टर का होने जा रहा प्रावधान: प्रदेश में केवल गौवंश तस्करी या शराब तस्करी को लेकर ही पुलिस विभाग की चिंताएं नई नहीं है, बल्कि और भी कई एक्ट हैं, जिनको लेकर अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के प्रयास हो रहे हैं. इनमें NDPS एक्ट में गैंगस्टर का प्रावधान किए जाने की कोशिश है. जिससे हर तरह के नशे में शामिल संगठित गिरोह को कड़ी सजा दिलाई जा सके. प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से जुड़े कानून में भी गैंगस्टर में शामिल किया जाएगा. उधर नकली दवा के कारोबार, वन अधिनियम, पशु क्रूरता के मामले, जाली करंसी का धंधा और चिटफंड समेत सहकारी अधिनियम में भी गैंगस्टर को जोड़ने की कोशिश हो रही है.
कमजोर प्रावधान के कारण बच निकलते थे अपराधी: इन तमाम अपराधों में संगठित गिरोह काम करता है. लेकिन इसके बावजूद भी कमजोर कानूनी प्रावधान के कारण ऐसे अपराधी राहत पाने में कामयाब हो जाते थे. शायद यही कारण है कि अपराधी ऐसे मामलों में गिरफ्तारी के बाद फिर एक बार सलाखों के पीछे से बाहर निकलकर दोबारा इन्हीं अपराधों में संलिप्त हो जाते थे. लेकिन ऐसी स्थिति में जब गैंगस्टर एक्ट भी इसमें शामिल कर दिया जाएगा, तब अपराधियों का आसानी से कोर्ट से राहत लेना मुश्किल हो जाएगा. कड़ी कानूनी प्रक्रिया में अपराधी फसेंगे और सलाखों के पीछे से बाहर निकलना भी मुश्किल होगा.
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प्रस्ताव पर शासन के बाद कैबिनेट से लगेगी मुहर: फिलहाल इसको लेकर प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय के माध्यम से शासन पहुंचने की खबर है. शासन के स्तर पर भी इसका अध्ययन किया जाएगा और न्याय विभाग में इसको मंजूरी मिलने के बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट के लिए भेजा जाएगा. इस तरह राज्य में ऐसे विभिन्न अपराध जो समाज को बेहद नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन अपराधी सरल कानून का फायदा उठाकर ऐसे अपराधों को दोबारा करने की हिम्मत जुटा लेते हैं. एक्ट में गैंगस्टर का प्रावधान होने के बाद स्वतः ही इन मामलों में गैंगस्टर भी ऐसे अपराधियों पर लगेगी.